रविवार, 13 मई 2007

अब सबसे पहले जल संरक्षण की बात करते हैं ग्रामीणजन

अब सबसे पहले जल संरक्षण की बात करते हैं ग्रामीणजन

आज भी सुदूर अंचल में पहुंचे कलेक्टर

ग्वालियर 10 मई 2007

       बदलती हुई परिस्थितियाँ और समय लोगों की सोच में बदलाव का बहुत बड़ा कारक होता है । साल दर साल गिर रहे भू- जल स्तर ने इसी तरह गाँववासियों की प्राथमिकताओं को बदला है । किसी वरिष्ठ अधिकारी के गांव में पहुंचने पर जहाँ पहले ग्रामीण जन शस्त्र लायसेंस व सड़क आदि की मांग प्रमुखता से करते थे वहीं अब जोर देकर तालाब, स्टॉप डेम आदि जल संरचानायें बनाने की मांग एकसुर में करते हैं ।

       ग्वालियर जिले की जनपद पंचायत घाटीगॉव (बरई) के अन्तर्गत दुगर्म और पर्वतीय-वनांचल क्षेत्र में बसे ग्रामों में यह बदलाव तब सामने आया जब जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव आज जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा के साथ यहाँ ग्राम स्पर्श कार्यक्रम का जायजा लेने पहुंचे । इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्री लक्ष्मण सिंह सोलंकी तथा संबंधित अधिकारी उनके साथ थे । तिघरा जलाशय के ऊपरी भाग के पर्वतीय क्षेत्र में बसे ग्राम रघुवर सिंह का पुरा (काला खेत ), प्रयाग पुरा, गुर्जा, सीडना का पुरा, रेडाकी, लखनपुरा व कैथा आदि ग्रामों में कलेक्टर के पहुंचने पर ग्रामीणजनों ने एकजुट होकर अपने-अपने गॉव के पुराने तालाबों व स्टॉप डेम आदि के जीर्णोध्दार तथा नई जल संरचनायें बनाने की मॉग प्रमुखता से रखी । ग्रामीणों की सोच में आये इस बदलाव का बहुत बड़ा कारण प्रदेश सरकार द्वारा जल के संरक्षण व संवर्ध्दन के लिए चलाया जा रहा जलाभिषेक अभियान भी है, जिसके तहत ग्रामीणों को गिरते हुए भू-जल स्तर के प्रति सचेत कर पानी के संरक्षण के लिए जागृत करने के प्रयास किये जा रहे हैं ।

ग्रामीणों का रखा पूरा मान और मांगों की पूर्ति के लिये तैयार की रूपरेखा

       कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने ग्रामीणों की सोच में आये इस परिवर्तन का पूरा मान रखा और भरी दोपहरी और पथरीले मार्गों की परवाह न कर लोगों के साथ पैदल चल कर पुरानी जल संरचनाओं का अवलोकन किया । साथ ही इन ग्रामों में नई जल संरचनायें बनाने के लिए भी प्रस्तावित स्थलों का मौका मुआयना भी किया । उन्होंने ग्राम लखनपुरा, प्रयागपुरा, कैथा आदि ग्रामों की पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोध्दार तथा नई जल संरचनाओं के निर्माण के लिए प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश मौके पर ही साथ गये ग्रामीण यांत्रिकी सेवा तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिये । कलेक्टर ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनके ग्रामों में शीघ्र ही इन संरचनाओं का निर्माण किया जायेगा ।

       जिला कलेक्टर ने आज अपने ग्राम स्पर्श कार्यक्रम का फोकस ऐसे ग्रामों पर किया जो सुदूर अंचल में स्थित हैं और क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों की बजह से वहाँ तक शासकीय अमले की पहुंच कम ही रहती है । उन्होंने यहाँ पाया कि भू- जल स्तर में आई गिरावट की बजह से हैण्ड पम्प कम पानी दे रहे हैं । कलेक्टर ने इस परिस्थिति को ध्यान में रखकर इन समस्यामूलक ग्रामों में पेयजल के लिये डीप वोर कराने तथा जरूरत के मुताबिक पेयजल परिवहन शुरू करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये । उन्होंने इस कड़ी में ग्राम लखनपुरा की आदिवासी बहुल बस्ती में पृथक से नवीन हैण्ड पम्प खनित करने के भी निर्देश दिए हैं ।

       ग्राम स्पर्श कार्यक्रम का जायजा लेते समय जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा ने जननी सुरक्षा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना आदि के संबंध में ग्रामीणों को विस्तार से जानकारी प्रदान की और ग्रामीणों से आगे आकर उक्त योजनाओं का लाभ उठाने की बात कही । ग्रामीणों से हुए सीधे संवाद में शैक्षणिक गतिविधियों व मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के संचालन में कुछ खामियों भी सामने आई । कलेक्टर ने इन खामियों को तत्काल दूर करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं ।

अब तक 328 ग्रामों में हुआ संपर्क

ग्रामीणों की कठिनाइयों व समस्याओं को कम करने तथा शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रहीं बाधाओं को दूर करने के मकसद से ग्वालियर जिले में जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे ग्राम स्पर्श कार्यक्रम के तहत अब तक जिले के जनपद पंचायत मुरार व घाटीगांव (बरई) के सभी ग्रामों में जिला स्तर से नियुक्त वरिष्ठ अधिकारी संपर्क कर चुके हैं । गत 7 मई से जारी इस कार्यक्रम के तहत शासकीय अधिकारी जिले के 328 ग्रामों का हाल-चाल जानने जेठ की भरी दोपहरी में पहुंचे हैं ।

 

 

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