अ.जा./  अ.ज.जा. अत्याचार निवारण के प्रकरणों में  चालान  समय-सीमा में प्रस्तुत करें -कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह
पौने  चार सौ पीड़ितों को राहत स्वीकृत
ग्वालियर 29 मई 2007 
अनुसूचित जाति एव जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम  के तहत पंजीबध्द आपराधिक प्रकरणों में 30  दिन  की निर्धारित समयावधि में चालान प्रस्तुत किये जायें। इस अवधि से अधिक के लंबित  प्रकरणों का परीक्षण कर चालान प्रस्तुत करने की कार्रवाई की जाये । कमिश्नर ग्वालियर  एवं चंबल सभाग डॉ. कोमल सिंह ने ये निर्देश आज अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार  निवारण) अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में दिये  गये । 
बैठक में जानकारी दी गई कि ग्वालियर एवं चंबंल  संभाग के जिलों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत  दर्ज प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को राहत स्वीकृत करने का कोई भी प्रकरण लंबित  नहीं हैं । दोनों संभागों में जारी वर्ष में 372 पीड़ित  व्यक्तियों को राहत राशि स्वीकृत की गई है । कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह ने जिलेवार  उपरोक्त अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों एवं उनमें चालान प्रस्तुत करने की स्थिति की  समीक्षा की । उन्होंने उपायुक्त आदिमजाति कल्याण को निर्देश दिये कि वे प्रत्येक  जिले में जाकर कार्यो की समीक्षा करें और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से चर्चा कर  लंबित प्रकरणों का निराकरण करायें । डॉ. कोमल सिंह ने बैठक में बताया कि यदि  शिकायतकर्ता चाहे तो प्रायवेट वकील लगाये जाने के शासन के निर्देश हैं । उन्होंने  अगली बैठक में इस बिंदु पर भी जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये । कमिश्नर ने  जिला कलेक्टर को अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत  नियमित रूप से त्रैमासिक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये । 
कमिश्नर  डॉ. कोमल सिंह ने इससे पूर्व ग्वालियर चंबल संभाग के सम्प्रादयिक रूप से  विवादग्रस्त स्थलों के निराकरण की स्थिति की जिलेवार समीक्षा की । बैठक में पुलिस  उपमहानिरीक्षक ग्वालियर रेंज श्री आदर्श कटियार, चंबल  रेंज श्री डी.सी. सागर, कलेक्टर ग्वालियर श्री राकेश  श्रीवास्तव, दतिया श्री अशोक शिवहरे, मुरैना  श्री आकाश त्रिपाठी, भिण्ड श्रीमती रश्मि अरूण शमी व  कलेक्टर श्योपुर श्री शोभित जैन, पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री  विजय सुर्यवंशी, मुरैना डॉ. हरिसिंह यादव व पुलिस  अधीक्षक भिण्ड श्री टी.एन. वांयगणकर, उपायुक्त आदिम जाति कल्याण श्री  त्रिपाठी व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे ।






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