देवस्थानों के उचित प्रबन्धन एवं जीर्णोध्दार की दिशा में अभिनव पहल
देवस्थान प्रबधन पर कार्यशाला संपन्न
ग्वालियर 23 मई 2007
वर्तमान परिवेश में देव स्थानों को पूजा- अर्चना के साथ ही सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना और समाज के उत्थान के लिये प्रेरणा स्त्रोत के रूप में विकसित होने की जरूरत है । ये विचार ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने आज अचलेश्वर मंदिर न्यास नटराज भवन ग्वालियर में आयोजित देव स्थान प्रबंधन सेमीनार में व्यक्त किये ।
कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने कहा कि ग्वालियर संभाग में माफी/औकाफ के अन्तर्गत साढ़े 18 सौ से अधिक देव स्थान आते हैं । इनमें मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर आदि शामिल हैं । प्राचीन काल से ही यह धर्म स्थल स्थापित हैं । इनकी सेवा - पूजा एवं देखरेख का दायित्व पुजारियों का है । उन्होंने कहा कि देव स्थानों के कुशल प्रबंधन, रख- रखाव और जीर्ण-शीर्ण देव स्थानों के जीर्णोध्दार की जरूरत है । जनभागीदारी से इस दिशा में पहल की गई है । देव स्थान प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन भी इसी दिशा में एक कदम है । कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने कहा कि धार्मिक स्थलों से जुड़ी सम्पति का इन स्थलों के विकास में उपयोग करने के बारे में भी कार्यशाला में विचार- विमर्श किया जायेगा । उन्होंने कहा कि देव स्थानों का परिवेश ऐसा हो कि वहां जाने पर लोग मानसिक शांति का अनुभव करें, साथ ही धर्म स्थल समाज उत्थान के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनें, जिससे सामाजिक विकृतियों पर रोक लगे । उन्होंने कहा कि वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी धर्म स्थलों को भूमिका निभानी होगी । उन्होने कहा कि पुजारियों को इस दिशा में जागरूक और गंभीर होना होगा। इस कार्यशाला में पुजारियों को विद्वतजनों द्वारा इस संबंध में जानकारी दी जायेगी । उन्होने कहा कि पुजारी यहाँ मिले ज्ञान का विस्तार करें । कमिश्नर ने कहा कि इस कार्यशाला में पुजारी मास्टर ट्रनेर्स के रूप में प्रशिक्षित होंगे । इसके बाद अन्य स्थानों पर भी कार्यशालायें आयोजित कर पुजारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा ।
कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने कहा कि शासन के राजस्व एवं धर्मस्व विभाग के माध्यम से देवस्थलों के जीर्णोध्दार का जो कार्य प्रारंभ किया गया है, उसी क्रम में पुजारियों के रिक्त पदों की पूर्ति और देवस्थलों के उचित प्रबंधन की दिशा में भी
कार्य किये जायेंगे । कार्यशाला में पुजारियों को शासकीय मंदिरों में विधि विधान से सेवा पूजा के संबंध में भी आवश्यक मार्गदर्शन दिया जायेगा ।
कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा देश ऋषि, मुनियों तपस्वियों का देश रहा है । उन्होंने मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए तप, तपस्या की । नैतिक मूल्यों की गिरावट के इस दौर में पुजारियों को अपना महत्व समझना होगा । उन्हें पूजा- अर्चना के साथ ही लोगों को सद्भाव और मिल-जुलकर समाज व राष्ट्र की उन्नति के लिए कार्य करने को प्रेरित करना होगा । धर्म - संस्कृति की रक्षा और समाज व राष्ट्र को सही दिशा देने के लिए पुजारियों को भी जागरूक होना होगा । इस दिशा में यह कार्यशाला महत्वपूर्ण योगदान देगी ।
कार्यशाला में वैदिक विद्वान पं. रामचन्द्र पाठक ने वैदिक कर्मकाण्ड एवं देवस्थान प्रबंधन पर मार्ग दर्शन दिया । इसके पश्चात ज्योतिष के आचार्य डा. श्रीकृष्ण मुसलगांवकर ने पंचांग एवं ज्योतिष विषय पर केन्द्रित अपना व्याख्यान प्रस्तुत कर देवस्थान के पुजारियों को मार्ग दर्शन किया । आचार्य पं. बालेन्दु द्विवेदी ने समाज में मंदिर का महत्व विषय पर मार्ग दर्शन दिया । जीवाजी वि.वि. संस्कृत अध्यययन शाला के प्राध्यापक डा. गोविन्द गन्धेजी ने पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक मूल्यों के संरक्षण में मंदिरों का अवदान विषय पर विचार व्यक्त किये । नोयडा दिल्ली से पधारे महर्षि महेशयोगी संस्थान के पं. भगवत प्रसाद पटेरिया व पं. श्रीयुत श्री निवास पेण्डरी ने भी पुजारियों को मार्गदर्शन प्रदान किया ।
इस अवसर पर श्री मोहन खण्डेलवाल ने देवालय प्रबन्धन हेतु स्वयं ग्यारह लाख रूपये एवं अन्य सामाजिक सेवकों के सहयोग से 51 लाख रूपये प्रदान करने की घोषणा की । जिसका सभी ने करतल ध्वनि से स्वागत किया । इस अवसर पर विध्दानों ने अनेक सुझाव प्रस्तुत किये । प्रारंभ में विद्वान बालेन्दु द्विवेदी एवं पं. रामचन्द्र पाठक ने वैदिक मंगलाचरण किया ।ं कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह एवं कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया । नगर के वरिष्ठ समाज सेवी श्री मोहन खण्डेलवाल ने मार्ल्यापण कर सभी अतिथियों एवं विद्वानों का स्वागत किया । माफी अधिकारी श्री रूपेश उपाध्यय ने कार्यक्रम की संक्षिप्त रूप रेखा प्रस्तुत की । इस अवसर पर सभी विध्दानों का शाल श्रीफल देकर कमिश्नर एवं कलेक्टर ने सम्मान किया । सभी पुजारियों को आयोजकों के तरफ से पूजा सामग्री वस्तु आदि प्रदान किये गये ।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. बालकृषण शर्मा ने किया । इस अवसर पर उपायुक्त राजस्व श्रीमती शशिकला खत्री, एस.डी.एम. श्री बी.बी.एस. तोमर व अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।
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