बुधवार, 30 मई 2007

मुख्यमंत्री ने सराहा ग्राम स्पर्श कार्यक्रम को

मुख्यमंत्री ने सराहा ग्राम स्पर्श कार्यक्रम को

       ग्वालियर जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गति लाने के लिए चलाये गये ग्राम स्पर्श कार्यक्रम की मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सराहना की है । अल्प प्रवास पर आज ग्वालिर पधारे मुख्यमंत्री को जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने हाल ही में चलाये गये ग्राम स्पर्श कार्यक्रम की रूप रेखा एवं प्रतिवदेन प्रस्तुत किया । कहीं पेड़ की छावं में तो कहीं गांव की चौपाल पर बैठकर आम ग्रामीणों की समस्याओं व कठिनाईयों को कम करने की इस पहल को मुख्यमंत्री ने मुक्त कंठ से सराहा । कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान अन्तर्गत मिली अधिकांश समस्याओं का समाधान कर दिया गया है । शेष समस्याओं के निराकरण के लिए समयबध्द कार्यक्रम बनाकर विभागीय अधिकारियों की जबाबदेही सुनिश्चित की गई है । जन समस्याओं के निराकरण की साप्ताहिक रूप से समीक्षा भी जारी है ।

 

मुख्यमंत्री अल्प प्रवास पर ग्वालियर आये,

मुख्यमंत्री अल्प प्रवास पर ग्वालियर आये,

अधिकारियों से विकास गतिविधियों और कानून व्यवस्था की ली जानकारी

ग्वालियर 29 मई 2007

              आज अल्प प्रवास पर ग्वालियर आये प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले की पेयजल, विद्युत एवं कानून व्यवस्था के संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर जानकारी प्राप्त की ।

       ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री की अगवानी कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव व पुलिस अधीक्षक श्री व्ही.के. सूर्यवंशी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने की । करीब आधा घण्टे तक यहाँ रूके मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विभिन्न विकास गतिविधियों के संबंध में चर्चा की । उन्होंने विशेषकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पेयजल व विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने पर जोर दिया । मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को पेयजल मुहैया कराना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है अत: इस दिशा में पूरी गंभीरता बरती जाये ।

       इस अवसर पर कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को जिले में संचालित विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति और प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे विशेष अभियानों के बारे में बताया । उन्होंने जल अभिषेक अभियान अन्तर्गत पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोध्दार और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में प्रारंभ किये गये राहत कार्यों का विवरण दिया । कलेक्टर ने बताया कि पेयजल समस्या मूलक ग्रामीणों को परिवहन द्वारा पेयजल मुहैया कराया जा रहा है । साथ ही हैण्ड पम्पों को सुधारने और उनमें राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य अभियान बतौर किया जा रहा है । ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए विशेष कैम्प लगाकर सीमांकन, बटवारा और नामान्तरण प्रकरण निराकृत कराये जा रहे है ।

 

पौने चार सौ पीड़ितों को राहत स्वीकृत

अ.जा./ अ.ज.जा. अत्याचार निवारण के प्रकरणों में  चालान समय-सीमा में प्रस्तुत करें -कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह

पौने चार सौ पीड़ितों को राहत स्वीकृत

ग्वालियर 29 मई 2007

अनुसूचित जाति एव जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पंजीबध्द आपराधिक प्रकरणों में 30 दिन की निर्धारित समयावधि में चालान प्रस्तुत किये जायें। इस अवधि से अधिक के लंबित प्रकरणों का परीक्षण कर चालान प्रस्तुत करने की कार्रवाई की जाये । कमिश्नर ग्वालियर एवं चंबल सभाग डॉ. कोमल सिंह ने ये निर्देश आज अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में दिये गये ।

बैठक में जानकारी दी गई कि ग्वालियर एवं चंबंल संभाग के जिलों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को राहत स्वीकृत करने का कोई भी प्रकरण लंबित नहीं हैं । दोनों संभागों में जारी वर्ष में 372 पीड़ित व्यक्तियों को राहत राशि स्वीकृत की गई है । कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह ने जिलेवार उपरोक्त अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों एवं उनमें चालान प्रस्तुत करने की स्थिति की समीक्षा की । उन्होंने उपायुक्त आदिमजाति कल्याण को निर्देश दिये कि वे प्रत्येक जिले में जाकर कार्यो की समीक्षा करें और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से चर्चा कर लंबित प्रकरणों का निराकरण करायें । डॉ. कोमल सिंह ने बैठक में बताया कि यदि शिकायतकर्ता चाहे तो प्रायवेट वकील लगाये जाने के शासन के निर्देश हैं । उन्होंने अगली बैठक में इस बिंदु पर भी जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये । कमिश्नर ने जिला कलेक्टर को अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत नियमित रूप से त्रैमासिक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये ।

कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह ने इससे पूर्व ग्वालियर चंबल संभाग के सम्प्रादयिक रूप से विवादग्रस्त स्थलों के निराकरण की स्थिति की जिलेवार समीक्षा की । बैठक में पुलिस उपमहानिरीक्षक ग्वालियर रेंज श्री आदर्श कटियार, चंबल रेंज श्री डी.सी. सागर, कलेक्टर ग्वालियर श्री राकेश श्रीवास्तव, दतिया श्री अशोक शिवहरे, मुरैना श्री आकाश त्रिपाठी, भिण्ड श्रीमती रश्मि अरूण शमी व कलेक्टर श्योपुर श्री शोभित जैन, पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री विजय सुर्यवंशी, मुरैना डॉ. हरिसिंह यादव व पुलिस अधीक्षक भिण्ड श्री टी.एन. वांयगणकर, उपायुक्त आदिम जाति कल्याण श्री त्रिपाठी व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे ।

 

 

चलित न्यायालय आयोजित कर राजस्व मामलें निपटायें

चलित न्यायालय आयोजित कर राजस्व मामलें निपटायें

कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह द्वारा राजस्व अभियान की समीक्षा

ग्वालियर 29 मई 2007

गांवों की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विभिन्न सार्वजनिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये आवश्यक रूप से भूमि आरक्षित की जाये । गांवों में श्मशान व कब्रिस्तान के लिए भी भूमि चिन्हित की जाये । चलित न्यायालय आयोजित कर राजस्व मामलों एवं लोगों की  समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाये । यह निर्देश ग्वालियर एवं चंबल संभाग के कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह ने दोनों संभाग के जिलों के कलेक्टर्स को विशेष राजस्व अभियान की समीक्षा के दौरान दिये । 

       कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह ने जिला कलेक्टर्स से कहा है कि गांव में पाठशाला, पंचायत भवन, आंगनबाडी, स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक विकास केन्द्र तथा खेल मैदान आदि सार्वजनिक उद्देश्यों के लिये भूमि चिहिन्त कर तद्ाशय के सूचना पटल भी उस स्थान पर लगायें ।  साथ ही विहित प्रक्रिया अपनाकर इसे भू-अभिलेख में भी इसे दर्ज कराया जाये । उन्होंने कहा है कि गांवों में चलित न्यायालय आयोजित किये जायें । इस दौरान गांव की सार्वजनिक  भूमि का सीमांकन किया जाये और अतिक्रमण की स्थिति होने पर उसे तत्काल हटाया  जाये।

       कमिश्नर ने कहा कि पुराने राजस्व प्रकरणों को भी चलित न्यायालय में निराकृत किया जाये । डा. कोमल सिंह ने कहा कि चलित न्यायालयों में बी.पी.एल. सूची के संबंध में प्राप्त आभ्यावेदनों का मौके पर ही निराकरण किया जाये ।

       कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने सभी कलेक्टर्स को पेयजल प्रदाय की स्थिति पर सतत नजर रखने को कहा । जहाँ भी जरूरी हो वहां परिवहन द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जाये । बैठक में ग्वालियर कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव, दतिया कलेक्टर श्री अशोक शिवहरे, मुरैना कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, भिण्ड कलेक्टर श्रीमती रश्मि अरूण शमी, श्योपुर कलेक्टर श्री शोभित जैन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।

सी.एल.आर.की टीम करेगी सत्यापन

       कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने कहा कि विशेष राजस्व अभियान 15 जून तक चलेगा । इस अभियान के दौरान की गई कार्रवाई का आयुक्त भू- अभिलेख (सी.एल.आर.) की टीम द्वारा सत्यापन किया जायेगा । ये टीम प्रत्येक जिले में भेजी जायेगी ।

 

गत वित्तीय वर्ष में साढ़े सात हजार से अधिक लोगों ने कराई नसबंदी

गत वित्तीय वर्ष में साढ़े सात हजार से अधिक लोगों ने कराई नसबंदी

परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रति बढ़ा रूझान

ग्वालियर 29 मई 2007

       छोटा परिवार सुखी परिवार होता है । क्योंकि छोटे - छोटे परिवारों में सभी प्रकार की प्राथमिक आवश्यताओं के साथ-साथ अच्छी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधायें भी उपलब्ध होती हैैं, जिससे समाज में एक स्वस्थ एवं समृध्द परिवार का निर्माण होता है । इसी उद्देश्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार कल्याण कार्यक्रम का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है । ग्वालियर जिले में भी परिवार कल्याण कार्यक्रम बेहत्तर ढंग से संचालित किया जा रहा है ।

       विगत वित्तीय वर्ष और मौजूदा वर्ष के अप्रैल माह तक की अवधि में ग्वालियर जिले में परिवार कल्याण कार्यक्रम को एक लाख से भी अधिक लोगों ने अपनाया है । जिसमें 7 हजार 779 नसबंदी , 10 हजार 690 कॉपर टी, 52 हजार 874 सी.सी. यूजर्स, 35 हजार 618 ओ.पी. यूजर्स के तहत लोगों ने परिवार कल्याण कार्यक्रम को अपनाया है ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. अर्चना शिंगवेकर ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम को और भी व्यापक एवं सफलता के लिए जिले में नसबंदी शिविरों का आयोजन किया जा रहा है । जून माह में 39 महिला एवं चार पुरूष कुल 43 नसबंदी शिविर लगायें जायेंगे । ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रत्येक शिविर के लिए प्रभारी अधिकारी एवं आपरेशन करने वाले चिकित्सकों की व्यवस्था कर दी गई है । शिविरों के आयोजनों का व्यापक प्रचार- प्रसार किया जा रहा है ।

 

राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

ग्वालियर 29 मई, 2007

खेल एवं युवक कल्याण संचालनालय, भोपाल द्वारा ''राष्ट्रीय युवा पुरस्कार योजना'' के लिए प्रदेश के सभी जिलों से दो युवाओं के आवेदन पत्र 15 जून तक आमंत्रित किये गये हैं।

ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय युवा पुरस्कार योजना भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल विभाग की योजना है जिसके तहत प्रतिवर्ष समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले देश के कुछ युवाओं ''राष्ट्रीय युवा पुरस्कार'' से सम्मानित किया जाता है।

पिछले कुछ वर्षों से निरंतर प्रदेश के कुछ युवाओं को यह पुरस्कार मिल रहा है। इस वर्ष भी राष्ट्रीय युवा पुरस्कार योजना के लिए प्रदेश के 10 युवक-युवतियों के नाम दिल्ली भेजे जायेंगे।

संचालक खेल एवं युवक कल्याण श्री संजय चौधरी ने सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों तथा अधीनस्थ खेल एवं युवक कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखकर जिले में समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले दो युवकों को चयनित कर उनके आवेदन 15 जून तक भोपाल भेजने को कहा है। जिलों से चयनित युवकों में से 10 युवाओं का चयन कर उनके नाम पुरस्कार के लिए दिल्ली भेजे जायेंगे।

 

वर्षा जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पहले से ही एहतयाती उपाय किये जाएं - कलेक्टर

वर्षा जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पहले से ही एहतयाती  उपाय किये जाएं - कलेक्टर

ग्वालियर 29 मई 2007

वर्षा जनित बीमारियों पर बेहत्तर ढंग से अंकुश लगाया जा सके इसके लिए पहले से ही एहतयाती उपाय किये जाएं । यह निर्देश जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व खण्ड चिकित्साधिकारियों को दिए हैं । कलेक्टर ने कहा है कि मानसून के आगमन के उपरांत मच्छरों के घनत्व में वृध्दि के कारण मलेरिया एवं अन्य वैक्टर जनित रोगों के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह जुलाई माह के बाद मलेरिया के प्रकरणों में भी वृध्दि होना प्रारंभ हो जाती है। इसलिए विभागीय अमले को सतर्क रह कर कार्य करने के लिए सतर्क करें ।

कलेक्टर ने अधिकारियों से जिला, विकासखण्ड, व सेक्टर स्तरीय बैठकों में वर्षा जनित रोगों की रोकथाम के लिए ग्रामवार आवश्यक प्रतिबंधात्मक उपाय सुनिश्चित करने के उन्होंने निर्देश दिए हैं । एम.पी.डब्ल्यू. कार्यकर्ताओं से प्रत्येक पखवाड़े घर-घर जाकर बुखार के मरीज की खोज कर रक्तपट्टी बनाने तथा क्लोरोक्विन की गोली का सेवन कराने को कहा है। बुखार के मरीज की रक्तपट्टी का परीक्षण तथा मलेरिया के मरीज को मौलिक उपचार तत्काल देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी उन्होंने दिये है।

वैक्टर जनित इन रोगो के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए सर्वेलेन्स और पर्यवेक्षण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर ने जिला अधिकारी व ब्लाक मेडिकल ऑफीसर को क्षेत्र का सतत दौरा करने के निर्देश दिये है। ताकि वे मौके पर पहुँचकर स्थिति का अवलोकन कर संबंधित को आवश्यक हिदायत दे सके। किसी क्षेत्र में मलेरिया की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल वहां मलेरिया मोबाईल टीम भेजकर रक्तपट्टी बनवाने तथा मरीजो को मौलिक उपचार उपलब्ध कराने को कहा गया है। जिले के जिन ग्रामों में एफ.टी‑डी./डी.डी.सी. (बुखार उपचार केन्द्र/ दवाई वितरण केन्द्र) स्थापित नही है, वहां उन्हें स्थापित करने के निर्देश दिये गये है। एफ.टी.डी./डी.डी.सी. ग्राम में कहां कार्यरत है, इसकी जानकारी ग्रामवासियों को आवश्यक रूप से दी जाना चाहिए। एफ.टी.डी./डी.डी.सी. को पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये गये है।

कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा है कि जिन ग्रामों में बहुतायत में मच्छर पनप रहे हैं उनमें प्राथमिकता के आधार पर जल स्त्रोंतो में लार्वाभक्षी मछली का संचय कराने की भी कार्रवाई की जाए । सी.एम.एच.ओ. और ब्लॉक मेडिकल आफीसर को अपने-अपने क्षेत्र में मच्छरदानी के उपयोग को बढ़ावा देने के संबंध में प्रचार-प्रसार करने को भी कहा है। जनसमुदाय को साफ-सफाई रखने, पानी के बर्तन सप्ताह में एक बार खाली करने एवं फालतू सामान जिसमें पानी इकट्ठा होता है, जैसे बेकार टायर, टयूब, बाल्टी, टंकी आदि को नस्ट करने अथवा उनमें पानी जमा न होने देने के लिए समझाईश देने को भी कहा गया है। कलेक्टर ने अधिकारियों को अन्य विभागों से मच्छरजन्य परिस्थिति समाप्त करने में सहयोग लेने के भी निर्देश दिये है।

 

मंगलवार, 29 मई 2007

पठठे मलाई मार रहे थे,सूचना का अधिकार ने की हर हर गंगे

सूचना का अधिकार के आवेदन पर शिक्षा विभाग में हड़कम्प

करोड़ों के गबन और गोलमाल की खुल सकती है पोल,बाबू और अफसर छुटटी लेकर फरार

पठठे मलाई मार रहे थे,सूचना का अधिकार ने की हर हर गंगे

विशेष रिपोर्ट- संजय गुप्‍ता (मांडिल) जिला संवाददाता मुरैना

मुरैना 24 मई 2007 ! भारत सरकार के सूचना का अधिकार अधिनियम को ठण्डे बस्ते में फेंक कर बेतकल्लुफ हो भ्रष्टाचार की भ्रष्टोत्री में डुबकियां लगा रहे शिक्षा महकमे में सूचना का अधिकार के तहत हाल ही में आये एक आवेदन ने पसीने छुड़ा दिये हैं !

ज्ञात हुआ है कि मुरैना के एक समाजसेवी पत्रकार अशोक शर्मा जो कि श्रमजीवी पत्रकार संघ के मुरैना जिलाध्यक्ष रहे हैं, ने एक आवेदन हाल ही में भारत सरकार के सूचना का अधिकार अधिनियम में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मुरैना को प्रस्तुत किया है, इसमें श्री शर्मा ने जिला पर्यावरण क्लब योजना के बारे में और रेडक्रास के बारे में चन्द जानकारीयां मांगीं हैं ! बताया जाता है कि उनके इस आवेदन में मांगी गयी सूचनाओं को बारीकी से देखने पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अफसरों और बाबुओं के पसीने छूट गये !

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2001 से स्कूलों में पर्यावरण क्लब गठन करने के लिये एक नेशनल ग्रीन कोर नामक योजना चलाई जा रही है जिसमें सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एक लाख रू का अनुदान सहायता भी इन पर्यावरण क्लबों को दी जाती है ! वर्ष 2001 और 2002 में मुरैना जिला में धुंआधार चले और काफी मशहूर हुये ये सभी 160 पर्यावरण क्लब जिले से रातों रात गायब हो गये ! हर पन्द्रह दिन के अन्तराल पर होने वाली इसकी समिति की बैठकें भी मई 2002 के पश्चात नहीं हुयी !

इसके बाद तगड़ा फर्जीवाड़ा और गबन जिले में हुआ ! सूत्र बताते हैं कि जिला शिक्षा विभाग मुरैना ने एक फर्जी आदेश जारी कर मुरैना जिला के सभी प्रायमरी, मिडिल एवं हाईस्कूलों व इण्टरमीडियेट के छात्र छात्राओं से पर्यावरण शुल्क के नाम से 5 से 10 रू वसूलना शुरू कर दिये ! मजे की बात यह है कि इस प्रकार का शुल्क वसूलने का प्रावधान न तो योजना में ही था और न म.प्र. शिक्षा संहिता में ही ऐसा कोई मद निर्धारण है ! न कभी कोई शासकीय परिपत्र या आदेश कभी ऐसा जारी हुआ ! इसके बावजूद जिले भर के छात्रों से यह शुल्क दनादन हर साल आज दिनांक तक वसूला गया ! केवल वसूला ही नहीं गया बल्कि इस शुल्क को भरने के लिये स्कूल वालों और छात्रों को डराया धमकाया गया, उनके परीक्षा फार्म भरवाने और छात्रों की परीक्षायें करवाने से इन्कार कराने से लेकर उनके स्कूलों की मान्यतायें समाप्त करने, मान्यता का पुनर्नवीकरण न करने जैसी धमकीयां के आदेश व नोटिस लिखित में जारी किये गये !

इस प्रकार फर्जी शुल्क वसूली जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना और कार्यालयीन बाबुओं ने मिलकर 7 साल तक की, ज्ञातव्य है कि जिला मुरैना में लगभग  3000 स्‍कूल हैं जिसमें औसतन 10-15 लाख छात्र छात्रायें अध्‍ययनरत हैं , इस प्रकार इस सरकारी फर्जीवाड़े में लगभग करोड़ों रूपया बिना किसी मद के और बिना किसी प्रावधान के जबरन वसूला गया । जिसमें कई आला अफसर और कुछ आई ए एस स्‍तर तक के अधिकारी शामिल हैं । यह भी सनद रहे कि इस योजना में इस प्रकार का शुल्‍क समूचे भारतवर्ष में कहीं भी नहीं वसूला जाता, केवल देश भर में मुरैना जिला ही एकमात्र ऐसा जिला है , जहॉं इसकी वसूली की जा रही है, और शिक्षा विभाग इसे कहॉं खर्च कर रहा है, खुद शिक्षा विभाग को नहीं पता ।

जो आवेदन शिक्षा विभाग में सूचना का अधिकार के तहत आया है, उसमें पूछने वाले ने अपने सवालात कुछ इस प्रकार से पूछे हैं कि , भ्रष्‍ट शायद ही बच कर निकल पायें  कई बाबू और अधिकारी इस आवेदन के आने के बाद छुटटी लेकर भाग गये हैं , इस आवेदन में पूछे गये प्रश्‍न इस प्रकार हैं -     

1-                  भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय की ''पर्यावरण क्लब'' योजना जो कि ''नेशनल ग्रीन कोर'' के तहत एप्को भोपाल के मार्फत शिक्षा विभाग द्वारा संचालित की जा रही है, की शासन द्वारा निर्धारित संचालन प्रक्रिया एवं नियमावली की प्रति चाहिये, एवं इस योजना के तहत कुल कितने पर्यावरण क्लब मुरैना जिला में संचालित हैं सूची चाहिये !

2-                 उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 1 में वर्णित योजना के तहत गठित व घोषित ''जिला स्तरीय समिति'' की समिति गठन दिनांक से आज दिनांक तक कुल कितनी बैठकें व कब कब हुयीं हैं, मय दिनांक मय प्रस्ताव विवरण मय सदस्यगण हस्ताक्षरित विवरण चाहिये, तथा यह भी कि इस समिति की बैठक सम्बन्धी नियम क्या हैं, मय आदेश की प्रति चाहिये !

3-                 उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 1 में वर्णित योजना के तहत मुरैना जिला में संचालित पर्यावरण क्लबों में छात्र-छात्राओं एवं सदस्यों से शुल्क लिये जाने के क्या प्रावधान हैं, शासनादेश के प्रति चाहिये, तथा वर्ष 2001 से आज दिनांक तक कुल कितनी राशि इस शुल्क व प्रभार के रूप में प्राप्त की गयी, वर्षवार व संस्थावार विवरण चाहिये !

4-                 उपरोक्त क्रमांक 3 में वर्णित वसूली गयी शुल्क राशि किस मद में व कब कब किस खाते में आवक हुयी और किस खाते में किस बैंक में किस किस दिनांक को कितनी कितनी जमा की गयी, मय बैंक खाता क्रमांक, मय अकाउण्ट डिटेल्स चाहिये !

5-                 उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 3 में वर्णित वसूली गयी राशि के व्ययन सम्बन्धी क्या शासकीय नियम व आदेश हैं, आदेश व नियमों की मूल प्रति चाहिये, तथा यह कि वर्षवार, एवं मदवार व्यय विवरण चाहिये, यदि व्यय सम्बन्धी भौतिक सत्यापन करना है तो कृपया बतायें कि यह कैसे किया जा सकता है !

6-                 उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 1 में वर्णित योजना के तहत कुल कितनी राशि वर्ष 2001 से आज दिनांक तक शासकीय सहायता या अनुदान के रूप में मुरैना जिला को प्राप्त हुयी व इसका व्ययन कब कब व किस किस प्रकार कहाँ कहाँ किया गया ? वर्षवार, डिटेल्स चाहिये !

7-                 रेडक्रास योजना के तहत विगत दस वर्षों के दौरान कुल कितनी राशि कहाँ कहाँ से कब कब कितनी आपको प्राप्त हुयी सूचीबध्द रूप में सी.डी. चाहिये और यह राशि किन किन मदों में कब कब व कैसे कैसे च्यय की गयी !