सोमवार, 4 अगस्त 2008

पीड़ित पक्षकारों को 18 लाख 25 हजार का अतिरिक्त क्षतिधन मिला

पीड़ित पक्षकारों को 18 लाख 25 हजार का अतिरिक्त क्षतिधन मिला

उच्च न्यायालय में आयोजित लोक अदालत से 171व्यक्ति लाभान्वित

ग्वालियर 2 अगस्त/08। मुख्य न्यायाधिपति उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेशानुसार आज उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के मीडिएशन हॉल में लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में न्यायमूर्ति श्री सुभाष सम्वत्सर एवं सीनियर एडवोकेट श्री आर. डी. जैन की पीठ तथा न्यायमूर्ति श्री बी. एस. गुप्ता एवं सीनियर एडवोकेट श्री के. एन. गुप्ता की पीठ ने प्रकरणों का निराकरण किया। लोक अदालत में न्यू इंडिया इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस , ऑरियन्टल इंश्योरेंस के सिविल मामले सहित कुल 26 प्रकरणों में पीड़ित पक्षकारों को 18 लाख 25 हजार रूपये से अधिक राशि अतिरिक्त क्षतिधन के रूप में दिलाने के आदेश पारित किये गये।

       उच्च न्यायालय खण्ड पीठ के रजिस्ट्रार श्री आर. पी. वर्मा ने बताया कि उक्त लोक अदालत में अनुसूचित जाति के 27 , पिछड़ा वर्ग जाति के 38 एवं सामान्य जाति के 106 व्यक्तियों सहित कुल 171 व्यक्ति लाभान्वित हुए।

       दुर्घटना के एक प्रकरण के संबंध में बताया गया कि गत 26 जनवरी 2007 को नूराबाद के पास टैक्ट्रर में आई यात्रिंक खराबी व ब्रेक डाउन होने से टैक्ट्रर पलट गया। इस घटना में चालक गुड्डी सिंह को गम्भीर चोटें आई और उसकी मृत्यु हो गई। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण मुरैना ने मृतक की पत्नी विनोदा बाई , माता-पिता एवं बच्चों को एक लाख 49 हजार का क्षतिधन दिलाया था। हाईकोर्ट की लोक अदालत ने इस राशि में एक लाख 25 हजार रूपये की वृध्दि की है। 

       एक अन्य मामले मे जिसमें कि करन सिंह , जनक सिंह एवं बहादुर सिंह 11 अगस्त 2005 को मजदूरी करने के लिए ले गये थे। इस दिन दोपहर 12 बजे खेत में टेक्टर क्रमांक एम. पी. -3 जीरो एम. 9526 का चालक उसे तेजी से चलाकर लाया और करन सिंह को टक्कर मार द, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। अतिरिक्त मोटर दावा अधिकरण लहार ने मृतक के माता पिता को एक लाख 32 हजार का क्षतिधन दिलाया था, लोक अदालत ने इस राशि में एक लाख 38 हजार की वृध्दि की है।

       उच्च न्यायालय खण्डपीठ में आज आयोजित हुई लोकअदालत में  न्यू इंडिया इंन्श्योरेंस , नेशनल, ऑरियन्टल , यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, कम्पनी के मण्डल प्रबन्धक व प्रबंधक , बीमा मम्पनी के अभिभाषक पक्षकारगण एवं अन्य अधिवक्तागण उपस्थित थे।

 

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