सोमवार, 4 अगस्त 2008

आय के अतिरिक्त साधन मुहैया कराने के लिए मछली पालन को प्रोत्साहन

आय के अतिरिक्त साधन मुहैया कराने के लिए मछली पालन को प्रोत्साहन

 

2 अगस्त,2008 । जिले में जरूरतमंदों को आय के अतिरिक्त साधन मुहैया कराने के लिए मछली पालन विभाग द्वारा विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही हैं । मौजूदा वित्तीय वर्ष में विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत प्राप्त हुये लक्ष्यों की पूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाये गये हैं ।

       संयुक्त संचालक मत्स्योद्योग ने बताया कि मौजूदा वर्ष में मत्स्य बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत जुलाई माह तक 108 लाख स्पान का उत्पादन किया जा चुका है । साथ ही 32 हजार स्टेण्डर्ड फ्राय का उत्पादन भी मत्स्य बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत किया गया है। निजी क्षेत्र में 60 लाख स्पान व 5 लाख 16 हजार मैट्रिक टन मत्स्योत्पादन हुआ है। मत्स्य कृषक विकास अभिकरण के अन्तर्गत ग्रामीण तालाबों में मत्स्य बीज संचयन कार्यक्रम के तहत तीन लाख 84 हजार स्टेण्डर्ड फ्राय बीज का चयन किया गया । अभिकरण के तहत 70 मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया गया है । स्वयं की भूमि पर मत्स्य पालन के लिए तालाब निर्माण को भी जिले में प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के तहत विभिन्न बैंकों के माध्यम से मत्स्य पालन के लिए इस वर्ष अब तक 4 लाख 25 हजार रूपये के ऋण मंजूर कराये गये हैं जिसमें से 3 लाख 30 हजार रूपये की सहायता वितरित की जा सकती है ।

       बीते वित्त्तीय वर्ष अर्थात वर्ष 2007-08 में मत्स्य बीज उत्पादन कार्यक्रम के अन्तर्गत विभागीय योजना के तहत 155 लाख स्पान व 8 लाख 36 हजार स्टेण्डर्ड फ्राय बीज का उत्पादन किया गया । निजी क्षेत्र में 65 लाख स्पान व 16 लाख 80 हजार स्टेण्डर्ड फ्राय बीज का उत्पादन हुआ । विभागीय जलाशयों में बीज संचयन के शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्त की गई और एक लाख 96 हजार मत्स्य बीज का संचयन किया गया । विभागीय जलाशयों से 8 मीट्रिक टन से अधिक मत्स्योत्पादन कर एक लाख 46 हजार रूपये से अधिक आय अर्जित हुई है । विभाग के शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 48 मछुआ हितग्राहियों का प्रशिक्षित किया गया । मत्स्य कृषक विकास अभिकरण के तहत 10 ग्रामीण तालाबों को मत्स्योत्पादकों को पट्टे पर दिया गया । साथ ही स्वयं की भूमि पर 15 तालाबों का निर्माण कराया गया । ग्रामीण तालाबों में मत्स्य बीज संचयन कार्यक्रम के तहत 21 लाख 93 हजार स्टेण्डर्ड फ्राय मत्स्य बीज का उत्पादन कराया गया । इसके अलावा करीबन 253 मैट्रिक टन मत्स्य उत्पादन भी अभिकरण की योजनाओं के तहत किया गया । अभिकरण के अन्तर्गत 15 लोगों को मत्स्य पालन का प्रशिक्षण भी दिया गया ।

 

कोई टिप्पणी नहीं: