गुरुवार, 21 अगस्त 2008

दलाली मुक्‍त इण्‍टरनेट सेवायें और ई प्रशासन की ओर म.प्र. सरकार ने रखे कदम, स्कूली शिक्षकों की तनख्वाह भी हुई ऑनलाईन, यूनीक कोड वेबसाईट पर, अगस्त से शुरूआत

दलाली मुक्‍त इण्‍टरनेट सेवायें और ई प्रशासन की ओर म.प्र. सरकार ने रखे कदम, स्कूली शिक्षकों की तनख्वाह भी हुई ऑनलाईन, यूनीक कोड वेबसाईट पर, अगस्त से शुरूआत

एक राय ग्‍वालियर टाइम्‍स की

यह समाचार रिलीज करने से पहले ग्‍वालियर टाइम्‍स की टीम ने इस वेबसाइट की स्थिति व गुणवत्‍ता का परीक्षण किया । हालांकि भारी बिजली कटौती के चलते कई बार व्‍यवधान आया लेकिन लोकहित में इस वेबसाइट पर टीप लिखना समीचीन व सामायिक है । अत: हम अपने पाइक वर्ग को बताना चाहेंगें । कि यह वेबसाइट म.प्र. के एजुकेशनल पोर्टल के नाम से विकसित की गयी है, वेबसाइट का डिजाइन और लोक सेवाओं की उपलब्‍धता यद्यपि अभी प्रारंभिक स्थिति में है तथा अपरिपक्‍व है किन्‍तु इसके बावजूद यह एक श्रेष्‍ठ व उपयोगी वेबसाइट है, आगे विकसित होकर संभवत: वाकई बेहतरीन ई सेवा उपलब्धि या ई प्रशासन की दिशा में मील का पत्‍थर होगी । वेबसाइट की गुणवत्‍ता बहुत उत्‍कृष्‍ट है वहीं फिलहाल केवल शिक्षकों से सम्‍बन्धित सेवाये हीं इसमें शुरू कीं गयीं हैं, आन लाइन लोक सेवाये मसलन ऑनलाइन स्‍कूल मान्‍यता आवेदन, निरीक्षण रिपोर्ट, स्‍कूल मान्‍यता स्थिति, स्‍कूल शिकायत, स्‍कूल मानदण्‍ड और ऑनलाइन स्‍कूल एडमीशन, ऑन लाइन शिक्षक हाजरी, ऑन लाइन योजनायें व कार्यक्रम आदि अभी यहॉं उपलब्‍ध नहीं हैं इसके साथ ही स्‍कूलों की स्थितियां, भौगोलिक अवस्थिति आदि जानकारीयो के साथ उनमें उपलब्‍ध सुविधायें आकद अभी यहॉं नहीं हैं । उम्‍मीद की जा सकती है कि निकट भविष्‍य में यह सब यहॉं उपलब्‍ध हो जायेगा ।

सबसे बड़ी बात इस वेबसाइट की यह है कि यह टाटा कन्‍सल्‍टेन्‍सी और भ्रष्‍ट एमपीएसईडीसी के चंगुल से बच निकली है और नेशनल इन्‍फारमेटिक्‍स सेण्‍टर (एन आई सी) ने इसे विकसित किया है, इस पर उपलब्‍ध हर सेवा निशुल्‍क तथा हर जगह से हर समय एक्‍सेसेबल है ।

एमपीऑन लाइन से बाहर रहने से उम्‍मीद है कि जनता सरकारी प्रायवेट पार्टनरशिप की लूटपाट से बची रहेगी  , वरना हमने तो म.प्र. में उम्‍मीद ही छोड़ दी थी कि म.प्र. की जनता को तथाकथित एमपी ऑन लाइन और उसके कियोस्‍कों के विषदन्‍तों से कभी राहत मिल सकेगी । पूर्णत: फ्री एक्‍सेसेबल और हर किसी के लिये फायदेमन्‍द यह वेबसाइट शीघ्र ही ग्‍वालियर टाइम्‍स की ई सेवाओं में जोड़ दी जायेगी और ग्‍वालियर टाइम्‍स के 58 लाख पाठक इसकी सेवाओं का उपयोग कर सकेगे । दलाली मुक्‍त इण्‍टरनेट सेवाओं की शुरूआत के लिये सरकार को साधुवाद । - सम्‍पादक ग्‍वालियर टाइम्‍स डॉट कॉम      

 

इन्टरनेट के मौजूदा दौर का फायदा अब प्रदेश के स्कूली शिक्षकों को भी अपनी तनख्वाह से जुड़ी जानकारियों के लिए मिलने जा रहा है। राज्य सरकार की इस सिलसिले में खास कोशिशों के चलते शिक्षा विभाग के अधीन सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की तनख्वाह इसी महीने से ऑनलाईन हो रही है। ये लोग इस मकसद से उन्हें आवंटित किए गए यूनीक कोड एन.आई.सी. की वेबसाईट पर देख सकेंगे।

स्कूली शिक्षा के सारे कर्मचारी जिनमें शिक्षक, प्राचार्य और लिपिक शामिल हैं, अब उनके वेतन की जानकारी कम्प्यूटरीकृत कर दी गई है। अब तक हो यह रहा था कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के सवा तीन हजार से ज्यादा प्राचार्य बतौर आहरण संवितरण अधिकारी की हैसियत से शिक्षकों के वेतन का कामकाज मेन्युअल के जरिए कर रहे थे। इसके चलते हर महीने इस काम में दस-बारह दिन लग जाते थे। अनावश्यक विलंब और वेतन की जानकारी हासिल करने की दिक्कतें आम बात थीं। बरसों से चली आ रही इस पुरानी परम्परा पर अब विराम लगा दिया गया है।

ताजा इंतजाम के जरिए वेतन का पत्रक अब ऑनलाईन तैयार होगा। इससे हर महीने कर्मचारियों के पे-बिल तैयार करने की कवायद नहीं करनी पड़ेगी। सिर्फ उस जानकारी को अपडेट किया जाएगा जिसके तहत किसी कर्मचारी की वार्षिक वेतन वृध्दि लगना है या फिर ऐसे कर्मचारी की जानकारी जिसकी पदस्थापना में परिवर्तन किया गया है। शिक्षकों के वेतन की जानकारी ऑनलाईन होने का एक और फायदा यह होगा कि विभाग को स्कूलवार भरे हुए पद और बजट एवं व्यय की सूचना भी मिलती रहेगी। इन जानकारियों की ताजा स्थिति जिला, संभाग और राज्य स्तर पर ऑनलाईन मिल जाएगी। इसके चलते स्कूलों में शैक्षिक, प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन भी पुख्ता किया जा सकेगा।

स्कूल शिक्षा विभाग में कम्प्यूटरीकरण के कार्य को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा राज्य शिक्षा केन्द्र के आयुक्त श्री मनोज झालानी को सौंपा गया था। उन्होंने बताया कि अगले चरण में शिक्षकों की सेवा पुस्तिका के कम्प्यूटरीकरण पर भी विचार शुरू हो चुका है। ससे कर्मचारियों की पदस्थापना, क्रमोन्नति और वित्तीय स्वत्वों के मामले निपटाने में भी गति आ जाएगी। इसी तरह विभाग की वरिष्ठता सूची भी ऑनलाईन हर वक्त उपलब्ध रहेगी।

फिलहाल स्कूली शिक्षा के कर्मचारियों को आवंटित किए गए यूनीक कोड का इस्तेमाल भविष्य में उनसे जुड़े हर प्रशासकीय काम में होगा। कर्मचारी इसके जरिए सिर्फ एक क्लिक कर अपने वेतन के ब्यौरे, वेतन पर्ची और सालाना आमदनी के पत्रक को इंटरनेट पर देख सकेंगे। एन.आई.सी. की इस जानकारी वाली वेबसाईट का पता http://demo.mp.nic.in/educationportal रहेगा।

 

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