पोषण पुनर्वास केन्द्रों से जिले के 1200 से अधिक बच्चे लाभान्वित
ग्वालियर 24 सितम्बर 09। नन्हे-मुन्हे बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने में जिले में संचालित पोषण एवं पुनर्वास केन्द्र महती भूमिका निभा रहे हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से अगस्त माह के अन्त तक जिले के दूरदराज गांवों से लेकर शहरी मलिन बस्तियों के एक हजार दो सौ से अधिक बच्चें लाभान्वित हो चुके हैं। ज्ञात हो वर्तमान में ग्वालियर नगर में ठाठीपुर स्थित शासकीय अस्पताल परिसर तथा डबरा व मोहना अस्पताल परिसर में पोषण एवं पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं। जिले का चौथा पोषण पुनर्वास केन्द्र भी जल्द ही हस्तिनापुर में शुरू होने जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोषण पुनर्वास केन्द्र ठाठीपुर में 38 बैचों में 561 बच्चों को लाभान्वित कराया गया है। इसी तरह डबरा केन्द्र के माध्यम से 36 बैचों में 514 एवं मोहना स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से 14 बैचों में 128 बच्चे लाभान्वित हुए हैं। गौरतलब है कि बाल संजीवनी आदि अभियानों के माध्यम से चिन्हित किये गये विभिन्न ग्रेड के कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में 14 दिन तक भर्ती रखा जाता है। इस दौरान इन बच्चों को प्रशिक्षित फीडिंग डिमोस्ट्रेटर (डाइटीशियन) के द्वारा निर्धारित कैलोरी युक्त आहार वैज्ञानिक तरीके से दिया जाता है। साथ ही बच्चे की माँ को भी बच्चे की परिवरिश व बच्चों को आहार देने के लिये प्रशिक्षत किया जाता है। बच्चे की माँ को बाल शक्ति योजना के तहत प्रतिदिन 65 रूपये की राशि भी दी जाती है। इस प्रकार 14 दिन तक हर रोज बच्चों का वजन लिया जाता है और उसी के मुताबिक उन्हें भोजन दिया जाता है। पोषण पुनर्वास केन्द्र से छुट्टी होने के बाद भी इन बच्चों पर लगातार नजर रखी जाती है और इन्हें फॉलोअप के लिये पुन: केन्द्र में बुलाया जाता है।
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