रविवार, 27 सितंबर 2009

न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा से काम में तेजी आई

न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा से काम में तेजी आई

ग्वालियर दिनांक 26.09.2009- प्रभारी निगमायुक्त सुरेश कुमार शर्मा एवं अपर आयुक्त कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा आज नगर निगम के विभिन्न अधिकारियों की न्यायालय में वर्णित विभागवाईज प्रकरणों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान विभिन्न विभागाधिकारियों के अधीन माननीय उच्च न्यायालय में 1197 प्रकरण विभिन्न विभागों के पाये गये जिनमें सर्वाधिक प्रकरण 450 जनकार्य विभाग से संबंधित थे। इसके पश्चात 241 सामान्य प्रशासन विभाग तथा 192 राजस्व विभाग के प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में गतिशील थे। उक्त प्रकरणों में से निगमायुक्त पवन कुमार शर्मा द्वारा पिछले 15 दिवस पूर्व ली गई न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा बैठक के उपरांत अधिकारियों को दिये गये निर्देश के क्रम में प्रकरणों की अधिकारी स्तर पर विभागवाईज समीक्षा किये जाने के उपरांत 793 प्रकरणों में निर्णय होना पाया गया।

       निगमायुक्त द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों में जबाब पेश न करने के कारण पिछले दिनों कार्यपालनयंत्री विद्युत अतिबल सिंह यादव को निलंबित करने के बाद अधिकारियों में आई सक्रियता से 261 प्रकरणों के जबाब 15 दिवस के अंदर अधिकारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में अभिभाषकों के माध्यम से प्रस्तुत करवाये। वर्तमान में निगम में कुल 143 प्रकरण ऐसे बचे है जिनके जबाब पेश किये जाने हैं। इनमें सर्वाधिक जनकार्य विभाग के 48 प्रकरण, सामान्य प्रशासन विभाग के 23 तथा राजस्व विभाग के 44 प्रकरण हैं। वर्तमान में नगर निगम के विभिन्न विभागों के मात्र 404 प्रकरण गतिशील हैं। उक्त प्रकरणों में प्रभारी निगमायुक्त द्वारा संबंधित विभागाधिकारियों को उनके विभाग को आंवटित निगम अभिभाषकों से तत्काल निबटवाये जाने के निर्देश दिये गये।

       अपर आयुक्त कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा जनकार्य विभाग के अधीक्षणयंत्री चतुर सिंह यादव तथा सामान्य प्रशासन विभाग के उपायुक्त देवेन्द्र सिंह चौहान को निर्देश दिये हैं कि उनके विभाग में जबाब पेश किये जाने के लिये सर्वाधिक क्रमश: 125 तथा 52 प्रकरणों में आगामी 15 दिवस के अंदर विभागीय अधिकारी की हैसियत से अभिभाषक को जबाब तैयार कराये जावे ताकि निगम अभिभाषक के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में जबाब दावा प्रस्तुत किया जा सके।

       अधीनस्थ न्यायालय के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान विधि अधिकारी दिनेश बाथम द्वारा जानकारी दी गई कि अधीनस्थ न्यायालय में कुल 4585 प्रकरण निगम के चल रहे थे जिनमें से 1677 प्रकरणों में निर्णय हो गया है तथा 709 प्रकरणों में निगम के विभिन्न अधिकारियों के माध्यम से जबाब पेश कर दिया गया है। वर्तमान में ऐसे प्रकरण जिनमें अधिकारियों को जबाब पेश करना है उनकी संख्या मात्र 99 शेष रह गई है। उन्होंने बताया कि अधीनस्थ न्यायालय में विगत वर्षों में दायर 2485 प्रकरणों में से कुल 808 प्रकरण गतिशील है।

अपर आयुक्त सुरेश शर्मा द्वारा समस्त विभागाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने विभागों से संबंधित प्रकरणों की अंतिम रूप से समीक्षा कर आगामी 15 दिवस में आयोजित होने वाली समीक्षा बैठक में स्थिति उपलब्ध करावें।

 

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