गुरुवार, 24 सितंबर 2009

स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास के समन्वय पर जोर , बाल पोषण माह एवं सांझा-चूल्हा योजना की तैयारियों की कलेक्टर द्वारा समीक्षा

स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास के समन्वय पर जोर , बाल पोषण माह एवं सांझा-चूल्हा योजना की तैयारियों की कलेक्टर द्वारा समीक्षा

ग्वालियर 23 सितम्बर 09। स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग का मैदानी अमला आपसी समन्वय के साथ काम करे, जिससे शत प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य की प्राप्ति के साथ-साथ सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के हित में संचालित अन्य कार्यक्रमों को और बेहतर ढंग से अमलीजामा पहनाया जा सके। यह निर्देश जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज दोनों विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में दिये। इन विभागों की संयुक्त भागीदारी से अगले माह आयोजित होने जा रहे बाल सुरक्षा माह की गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सुनियोजित कार्ययोजना तैयार करने पर भी उन्होंने बैठक में विशेष जोर दिया। ज्ञात हो राज्य शासन की पहल पर बाल सुरक्षा माह (बाल पोषण माह) का आयोजन 5 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक होगा। इस अभियान की गतिविधियां स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से संचालित की जायेंगी। आगामी एक नवम्बर से शुरू होने जा रही सांझा चूल्हा योजना की सभी तैयारियां समय से पूर्ण करने के निर्देश भी कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को समीक्षा बैठक में दिये।

      यहां राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने हिदायत दी कि बाल सुरक्षा माह की कार्ययोजना, टीकाकरण के माइक्रो प्लान के आधार पर तैयार करें। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना में दूरस्थ पहुँच विहीन गांवों समेत सभी मजरे व टोले सम्मलित किये जायें। बैठक में बताया गया कि बाल सुरक्षा माह के अन्तर्गत 9 माह से 5 वर्ष तक के हर बच्चे को विटामिन ए' का घोल पिलाया जायेगा। इसी तरह एक से दो वर्ष के बच्चे को एलबन्डाजोल सीरप, 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को एलबन्डाजोल टेबलेट, एक से 5 वर्ष तक के बच्चों में छोटी आयरन (आईएफए.) गोलियां व सीरप का वितरण व इनके सेवन के लिये प्रोत्साहन, बच्चों का टीकाकरण तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा छूटे हुए बच्चों की ग्रोथ मॉनीटरिंग व प्रोत्साहन दिया जायेगा। नमक में आयोडीन की जांच एवं आयोडीनयुक्त नमक के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की गतिविधि भी विशेष तौर पर इस अभियान में शामिल की गई है।

      आज आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्री त्रिपाठी द्वारा दोनों विभागों की योजनाओं की प्रगति की पृथक-पृथक भी समीक्षा की गई। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत सभी पात्र बालिकाओं को लाभान्वित कराने की हिदायत दी। श्री त्रिपाठी ने साफतौर पर कहा कि यदि कोई पात्र बालिका लाड़ली लक्ष्मी योजना से बंचित रही तो संबंधित आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिये भी जिला कार्यक्रम अधिकारी समेत सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियो को विशेष प्रयास करने के निर्देश दिये।

      स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार का सुरक्षित प्रसव पर विशेष जोर है। इसलिये मैदानी अमले के माध्यम से यह सुनिश्चित करें कि घर पर ही प्रसव कदापि न हों अर्थात संस्थागत प्रसवों को प्रोत्साहित करें। साथ ही शासकीय अस्पतालों में प्रसव के लियेर् आईं महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिलाया जाये। बैठक में कलेक्टर द्वारा जिला चिकित्सालय सहित जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने जिले में संचालित सभी पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों की गतिविधियों की समीक्षा की और हस्तिनापुर के केन्द्र को जल्द से जल्द शुरू करने की हिदायत दी।

 

सांझा-चूल्हा योजना एक नवम्बर से

सम्पूर्ण प्रदेश की भाँति ग्वालियर जिले के भी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार का वितरण सांझा-चूल्हा योजना के तहत किया जायेगा। राज्य शासन की पहल पर यह योजना आगामी एक नवम्बर से शुरू होने जा रही है। सांझा-चूल्हा योजना के तहत आंगनबाड़ियों के लिये पोषण आहार, शासन द्वारा निर्धारित प्रोटीन और कैलोरी के तय मापदण्डों और स्थानीय रूचि को ध्यान में रखकर स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तैयार कराया जायेगा। जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज संबंधित अधिकारियों की बैठक में इस योजना की तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा यह पोषण आहार नजदीकी स्कूल के मध्यान्ह भोजन से जुड़े स्व-सहायता समूह से तैयार कराया जाये। अत: संबंधित समूहों को सांझा-चूल्हा योजना की जिम्मेदारी लेने के लिये तैयार करें। श्री त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि जो स्व-सहायता समूह सांझा-चूल्हा योजना में असहयोग करेंगे, उन्हें मध्यान्ह भोजन से भी पृथक करने की कार्रवाई की जायेगी।

 

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