सी.बी.आई. मुरैना आई, भ्रष्टाचार, गबन, रिश्वतखोरी के खिलाफ छेड़ी मैदानी जंग, चम्बल में हडकम्प, रातो रात पड़े छापे
नरेन्द्र सिंह तोमर '' आनन्द' एवं असलम खान
मुरैना 26 सितम्बर 09, सी.बी.आई की मध्यप्रदेश शाखा ने भ्रष्टाचार, गबन और रिश्वतखोरी जैसे मामलों में आम जनता से जागृत, सचेत होने और सीधे सी.बी.आई से इसकी शिकायतें करने हेतु मुरैना में 23 सितम्बर को जागरूकता तथा सम्पर्क शिविर का आयोजन यहॉं कलेक्ट्रेट परिसर के डी.आर.डी.ए. हॉल में किया ।
सी.बी.आई. की मध्यप्रदेश शाखा के एस.पी. श्री योगेन्द्र कोयल और उनकी टीम सहित मुरैना के सी.एस.पी. श्री कमल मौर्य, जिले के पत्रकारगण तथा कुछ शिकायतकर्ता मौके पर मौजूद थे । सी.बी.आई भोपाल के एस.पी. श्री योगेन्द्र कोयल पत्रकारों से रूबरू होकर सी.बी.आई के कामकाज और कार्यप्रणाली पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये पत्रकारों के सवालों के उत्तर भी देते रहे साथ ही मौके पर ही शिकायत कर्ताओं के आवेदन भी ग्रहण करते रहे ।
सी.बी.आई के मुरैना आने की खबर अंत तक गोपनीय रहने से यद्यपि अधिक शिकायत कर्ता वहॉं नहीं पहुँच सके लेकिन फिर भी दो शिकायत कर्ताओं ने अपने शिकायती आवेदन श्री कोयल को दिये ।
23 सितम्बर को ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं मुरैना सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर के अनेक व्यस्तता भरे कार्यक्रमों के कारण जहॉं प्रशासन और महत्वपूर्ण पुलिस अधिकारी इस खास मौके से वंचित रहे वहीं इतने महत्वपूर्ण शिविर को अंतिम समय तक गोपनीय रखे जाने से आम नागरिकों को भी इसकी भनक नहीं लग सकी ।
श्री कोयल ने सी.बी.आई द्वारा भ्रष्टाचार, गबन, और रिश्वतखोरी जैसे मामलों में पत्रकारों से चर्चा करते हुये उन्हें बताया कि आम जनता यानि कोई भी आम नागरिक सीधे सी.बी.आई को शिकायत कर सकता है तथा उन्होनें अपने फोन व मोबाइल नंबर एवं ई मेल पते भी पत्रकारों को उपलब्ध कराये एवं जनता के लिये इन्हें प्रकाशित कर सार्वजनिक करने का आह्वान भी किया । श्री कोयल ने बताया कि ये नंबर 24 घण्टे चालू रहते हैं और किसी भी समय उनसे कोई भी सम्पर्क कर सकता है ।
सी.बी.आई की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम
श्री योगेन्द्र कोयल ने भारत सरकार और सी.बी.आई. द्वारा छेड़े गये भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और गबन जैसे मामलों के खिलाफ मैदानी अभियान की भूमिका व कार्यप्रणाली पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये बताया कि केन्द्र सरकार के किसी भी कार्यालय, केन्द्र सरकार के किसी लोक उपक्रम, कार्पोरेट सेक्टर, लोक उद्यम, केन्द्र सरकार के किसी भी विभाग, बीमा, बैंक, डाकघर , रेल्वे, आयकर, क्रेडिटकार्ड, केन्द्र सरकार की योजनाओं, भारत सरकार द्वारा सीधे अनुदानित स्वयंसेवी संस्थाओं के मामलों में भ्रष्टाचार , गबन, एवं रिश्वतखोरी के मामले सीधे ही सी.बी.आई स्वयं हैण्डल करती है और त्वरित एवं तत्पर सीधी कार्यवाही करती है ।
राज्य सरकार के ऐसे सभी विभाग या कार्यालय जो कहीं से पार्शियली या अंशत: या सारत: केन्द्र सरकार से निधि संबद्ध या धन प्राप्त होकर संचालित, मानिटर्ड या प्रशासित है उनसे संबंधित मामले भी सी.बी.आई राज्य सरकार से सहबद्ध होकर हैण्छल करती है इनके भी भ्रष्टाचार, गबन और रिश्वत से जुड़ मामले सी.बी.आई को भेजे जा सकते हैं ।
राज्य सरकार के पिभागों, कार्यालयों, लोक उपक्रमों, लोक उद्यमों एवं लोक सेवाओं, अधिकारीयों कर्मचारीयों से जुड़े भ्रष्टाचार, गबन और रिश्वत के मामले भी सी.बी.आई. को भेजे जा सकते हैं, ऐसे मामलों में सी.बी.आई. अपने कव्हर नोट के साथ राज्य सरकार की संबंधित जॉच या अपराध जॉच एजेन्सी की ओर प्रकरण अग्रेषित कर राज्य सरकार की सम्बन्धित अपराध शाखा या जॉच एजेन्सी मसलन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, लोक आयुक्त, या सतर्कता विभाग को त्वरित व तत्पर कार्यवाही करने के लिये आग्रह करती है तथा मामले के अंत तक उस पर नजर रखती है ।
श्री कोयल ने किसान क्रेडिट कार्ड , किसान ऋण योजनाओं, स्वरोजगार योजनाओं, बेरोजगारों के शोषण आदि से जुड़े मामले भी सी.बी.आई. को दिये जाने का आग्रह किया ।
मौके पर हुयी दो शिकायतें
सम्पर्क शिविर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान ही दो आवेदक श्री कोयल से मिले और अपनी शिकायतें उन्हें सौंपी । एक आवेदक पहले से ही अपनी शिकायत लिखित तौर पर तैयार कर के लाया था (संभवत: उसे पहले से ही सी.बी.आई के आने की जानकारी थी, वह पूरी तैयारी से आया था) दूसरा आवेदक एक महिला थी जिसे शायद अचानक जानकारी मिली थी और बिना तैयारी के आयी थी जिस पर श्री कोयल ने उसे अपनी शिकायत लिखित रूप से विवरण रूप में बताने का निर्देश दिया और उसने अपनी शिकायत वहीं जल्दी जल्दी लिखी और श्री कोयल को सौंपी ।
लालौर मुरैना के सत्यनारायण शर्मा ने अपनी शिकायत सौंपते हुये बताया कि उनके नाम पर उनकी जमीन को मार्टगेज कर किसी ने यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया से 2 जाख रूपये का ऋण ले लिया है और उन्होंने खुद कभी बैंक से कोई ऋण नहीं लिया और अब उनसे जबरदस्ती बैंक द्वारा 1 लाख 65 हजार रूपये की पैनल्टी सहित ऋण वसूली की जा रही है, उनके द्वारा पुलिस में एफ.आई.आर. भी दर्ज करायी गयी किन्तु आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुयी, पत्रकारों ने बताया कि मुरैना की बैंकों में यह आमतौर पर वर्षों से चल रहा है और ऐसे सैकड़ों मामले हैं जिनमें किसी के भी नाम पर किसी अन्य ने फर्जी ऋण निकाल लिये हैं जिसमें अंचल में अनेक दलाल सक्रिय है तथा बैंक प्रबंधन इसमें अपने दलालों के माध्यम से कूटरचना व जालसाजी करके किसी के भी नाम पर कोई भी ऋण निकाल लेता है । सी.बी.आई ने सारी टिप्स एवं पाइण्टस नोट कर लिये तथा सत्यनारायण शर्मा नामक किसान का मामला अपने संज्ञान में लेकर कार्यवाही के लिये ग्रहण कर लिया ।
कल्पना मुदगल नामक युवती ने अपनी शिकायत करते हुये बताया कि वह एक एन.जी.ओ. चलाती है (कल्पना मुदगल के एन.जी.ओं. के खिलाफ मुरैना के तत्काली कलेक्टर राधेश्याम जुलानिया ने फर्जी कार्यवाही कर अनुदान हड़पने और जालसाजी का मामला पुलिस में पंजीबद्ध कराया था यह मामला लंबित है) कल्पना मुदगल की शिकायत थी कि उसके एन.जी.ओं के बैंक खाते से उसी के एन.जी.ओं. के अन्य पदाधिकारीयों ने उसके फर्जी हस्ताक्षर बना कर पूरा बैंक खाता साफ कर दिया है, उसने मामले की पुलिस एफ.आई.आर. भी दर्ज करायी लेकिन अभी तक उसे न्याय नहीं मिला है ।
पत्रकारों ने की व्हिसिल ब्लोइंग
पत्रकारों ने श्री कोयल के साथ चर्चा में भाग लेते हुये कई मामलों की व्हिसिल ब्लोइंग की पत्रकारों ने श्री कोयल कों किसानों के सहकारी समितियों द्वारा वर्षों से फर्जी बीमों और क्लेम मांगने पर क्लेम न मिलने तथा बीमा कम्पनीयों द्वारा यह कहे जाने पर कि सम्बन्धित सहकारी समिति ने उनके यहॉं कोई पैसा नही जमा कराया के लम्बे चौड़ फर्जीवाड़े, स्कूल शिक्षा विभाग में छात्रों के फर्जी बीमा किये जाने और सरकारी स्कूलों के छात्रों को आज तक कभी कोई क्लेम न मिलने, जिला शिक्षा विभाग द्वारा बीमा कम्पनीयों से सांठगॉंठ कर लाखों करोड़ो छात्र बीमा के फर्जीवाड़े, एन.जी.ओ. मूवमेण्ट के नाम पर जिले की फर्जी स्वयंसेवी संस्थाओ द्वारा करोड़ों रू. फर्जीवाड़ा कर हड़पने उनके साथ भारत सरकार के और मध्यप्रदेश सरकार के अधिकारीयों से सीधे सांठगांठ कर करोड़ों रू. का प्रतिवर्ष फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया । इस सम्बन्ध में कुछ पत्रकारों ने सी.बी.आई. को साक्ष्य सबूत देने और भारत सरकार द्वारा फर्जी व फरार घोषित संस्थाओं को मुरैना में प्रशासन व राज्य सरकार के साथ कई कार्यक्रमों में कार्य करने की जानकारी भी उपलब्ध कराई तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार से अनुदानित स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4 के तहत कार्यवाही न करने, अपनी सूचनायें व जानकारीयॉं सार्वजनिक न करने, इण्टरनेट पर प्रकाशित न करने फण्ड, पदाधिकारी, व हितग्राहीयों की सूची सार्वजनिक न किये जाने पर भी सी.बी.आई. को व्हिसिल ब्लोइंग की । इसके अलावा करीब दो दर्जन और भ्रष्टाचार, गबन तथा रिश्वत से जुड़े अपराधों की व्हिसिल ब्लोइंग की गयी ।
सायबर क्राइम पर मौन रहा
हालांकि सायबर क्राइम से जुड़े अपराध सी.बी.आई के हिट लिस्ट में हैं लेकिन मुरैना में सायबर क्राइम पर मौन छाया रहा और न पत्रकारों ने न सी.बी.आई ने इस विषय को चर्चा में लिया ।
पब्लिक नेटवर्क बनाने की मुहिम
सी.बी.आई. ने खास वजह बताते हुये कहा कि जिन जिलों में सी.बी.आई. का पर्याप्त नेटवर्क नहीं हैं वहॉं सी.बी.आई. अपना पब्लिक नेटवर्क तैयार कर रही है एक सक्रिय, सक्षम व सशक्त पब्लिक नेटवर्क तैयार करना जो कि सी.बी.आई. का सहयोगी नेटवर्क हो सी.बी.आई का प्रमुख उद्देश्य है तथा मुरैना जिला ऐसे ही एक जिला है जहॉं हमें अपना नेटवर्क खड़ा करना है और हमने आज इसकी इस सम्पर्क शिविर के साथ शुरूआत की है । हम जिला स्तरीय कार्यक्रम चला रहे हैं और आगे सभी जिलों में ऐसे कार्यक्रम चलाये जायेंगें, हम चाहते हैं कि भ्रष्टाचार, गबन और रिश्वतखोरी के खिलाफ लोग खुलकर मुखर होकर सामने आयें, सी.बी.आई. से जुड़ें ।
सी.बी.आई को करें शिकायत तभी मिटेगा भ्रष्टाचार
श्री कोयल ने कहा कि हर जगह भ्रष्टाचार है, गबन और रिश्वतखोरी है लेकिन जब तक आप हमें शिकायत नहीं करेंगे, सुराग या साक्ष्य नहीं देंगे तब तक हम कार्यवाही कर पाने में असमर्थ रहते हैं हमें आप खबर दीजिये या सुराग दीजिये हम कार्यवाही करेंगें । श्री कोयल ने यहॉं तक कहा कि आप तो बस हमें सुरागी संकेत दे दीजिये बकाया काम हम कर लेंगे ।
चड्डी गीली हो जाती है सी.बी.आई के नाम से
एक पत्रकार द्वारा बार बार कई बार यह पूछे जाने और दोहराये जाने पर कि साहब पुलिस के नाम से तो लोगों को पसीने आते हैं लेकिन आपके नाम से तो आदमी की सीधी चड्डी गीली हो जाती है अगर कोई किसी की झूठी खबर आपको दे दे तो कोई तो मुफत में ही मारा जायेगा और उसकी चड्डी गीली हो जायेगी । इस पर श्री कोयल ने पहले तो कोई जवाब देना उचित नहीं समझा लेकिन बार बार पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हम हर खबर का हर सूचना का गोपनीय तरीके से पहले सत्यापन कराते हैं और सत्यता की सुगंध पाने के बाद ही कार्यवाही करते हैं और फिर कार्यवाही में देर नहीं लगाते । सबूत बटोरना हमारा काम है हमारे शिकायत कर्ता का नहीं और यदि इसके बाद भी अगर सूचना गलत पायी गयी तो हम अपनी कमजोरी इसे मानते हैं अपने सूचनाकर्ता या शिकायतकर्ता की नहीं और हम अपने खबर देने वाले को सुरक्षा व संरक्षण देते हैं पुलिस की तरह उसे उल्टा नहीं पुलिस केस में फंसा देते । उल्लेखनीय है कि सम्बन्धित पत्रकार प्रसिद्ध वकील भी था और अनेक भ्रष्टों का संरक्षक एवं शासकीय कम्पनीयों तथा सी.बीआई के निशाने पर कम्पनीयों, विभागों व अधिकारीयों का अभिभाषक है । पत्रकार की चिन्ता ताड़ते हुये ग्वालियर टाइम्स से सी.बी.आई. के एक अधिकारी ने अलग से गोपनीय चर्चा में अंतत: पूछ ही लिया कि यह श्रीमान कहीं किसी निशाने से तो नहीं जुड़े है इनकी चड्डी गीली क्यों हो रही है ।
रातोंरात मचा हड़कम्प और धड़ाधड़ हुयी छापेमारी
सी.बी.आई की शहर और अंचल में हरकत की खबर से मुरैना के कई सरकारी विभागों और कार्यालयों में हड़कम्प मच गया । और मुरैना सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर के शाम तक चले कार्यक्रमों से फारिग होने के बाद कई विभागों ने फटाफट अपने रिकार्ड खंगालने और फूंकने तथा ओ.के करना शुरू कर दिये । रात 9 बजे से रात 1 बजे तक कई स्वयंसेवी अनुदानित संस्थाओं के कार्यालयों, छात्रावासों और संस्थाओं पर प्रशासन छापेमारी करता रहा । पिछले तीन दिन से चल रहा छापा मारी एपीसोड और एन.जी.ओं. की खाना तलाशी अभी तक जारी है । सूत्र बताते हैं कि दो चार एन.जी.ओं. लपेट में आभी गये हैं । एन.जी.ओ; की खाना तलाशी के लिये विशेष तौर पर पेजीयक फर्म्स एवं संस्थायें म.प्र ग्वालियर भी टीम के साथ घूम रहे है , उधर खबर है कि सी.बी.आई गोपनीय तौर पर अभी चम्बल में ही डेरा डाले हुये है और ग्वालियर चम्बल में कई मामलों के सुराग टटोल रही है ।
सी.बी.आई के सम्पर्क् पते कैसे करें शिकायत
समाचार काफी विस्तृत हो जाने के कारण हम सी.बी.आई के सम्पर्क पते व सम्पर्क एवं शिकायत के तरीके पृथक से देंगें तथा वेबसाइट पर सी.बी.आई से सम्पर्क लिंक और जानकारी भी उपलब्ध करायेंगे साथ ही मातृ संस्था प्रसिद्ध स्वयंसेवी संस्था नेशनल नोबल यूथ अकादमी एवं ग्वालियर टाइम्स संयुक्त रूप से चम्बल में सी.बी.आई. को भ्रष्टाचार गबन और रिश्वत से जुड़ी शिकायतों को पहुँचाने के निये पर्चा पेम्पलेट छपवा कर बंटवाने ग्रामीण शिविर आदि लगा कर भी जागस्कता व प्रचार प्रसार करेंगें जिसमें सी.बी.आई को शिकायत करने तथा संपर्क तरीके आदि प्रमुख रूप से प्रचारित किये जायेंगे । अधिक जानकारी के लिये लॉगइन करें – www.gwaliortimes.com Or On Direct C.B.I. Website www.cbi.gov.in
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