शनिवार, 9 जनवरी 2010

शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने की प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई

शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने की प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई

ग्वालियर जिला प्रशासन ने भू-माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई करीबन सौ करोड़ रूपये मूल्य की लगभग सवा सौ बीघा भूमि

ग्वालियर 08 जनवरी 10। भू-माफियाओं के कब्जे से शासकीय भूमि को सख्ती से मुक्त कराने के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह द्वारा विशेष अभियान चलाने के संबंध में दिये गये निर्देशों के परिपालन में ग्वालियर जिला प्रशासन ने संभवत: प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ग्वालियर जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को चलाये गये एक ऑपरेशन के जरिये भू माफियाओं के कब्जे से करीबन 100 करोड़ रूपये मूल्य की लगभग सवा सौ बीघा (करीबन 23.5 हेक्टेयर) शासकीय भूमि मुक्त कराई गई है। ग्वालियर शहर के समीप स्थित यह बेशकीमती सरकारी भूमि मुक्त कराने में भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्री मनोज श्रीवास्तव कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट भी मार्गदर्शी साबित हुई है।

      जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक श्री ए. सांई मनोहर तथा अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ पहुँचकर गोला का मंदिर (ग्वालियर) - मुरैना मुख्य सड़क मार्ग से सटी हुई और ग्राम जलालपुर के समीप स्थित इस भूमि को कब्जे से मुक्त करने के लिये चलाई गई कार्रवाई को अंजाम दिलाया। इस कार्रवाई के तहत अवैध रूप से उगाई गई फसल को ट्रैक्टर्स व अन्य मशीनों के माध्यम से नष्ट कर भूमि पर सरकार का कब्जा  पुन: स्थापित कराया गया है। कार्रवाई के दौरान उक्त भूमि पर मौजूद अवैध निर्माण को भी हिटैची आदि मशीनों के माध्यम से ध्वस्त कराया गया है। मुक्त कराई गई इस भूमि पर आगे अतिक्रमण न हो सके इस का भी पूरा इंतजाम किया गया है। कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि आज मुक्त कराई गई कुल साढ़े 23 हेक्टेयर भूमि में से करीबन 10 हेक्टेयर भूमि साइबर सेल पुलिस मुख्यालय भोपाल को आवंटित कर दी गई है। साथ ही लगभग 2 हेक्टेयर भूमि आबकारी विभाग को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान हेतु आवंटित की गई है। शेष भूमि को भी महिला बाल विकास को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्र तथा अन्य विभागों को विभिन्न संस्थाओं के लिये आवंटित करने की कार्रवाई जारी है।

      अपर कलेक्टर श्री वेदप्रकाश ने बताया कि शुक्रवार को अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि सीवेज फार्म के नाम से जानी जाती है। पूर्व में यह भूमि ग्वालियर डेयरी लिमिटेड को लीज पर आवंटित रही थी। जिसकी अवधि सन् 1953 एवं 1976 में समाप्त हो गई थी। लीज की अवधि समाप्त हो जाने पर अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा अक्टूबर 1977 में इस भूमि को शासकीय आधिपत्य में लिये जाने का आदेश पारित किया था, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी 29 जनवरी 1991 को जारी एक आदेश में जिसे सही ठहराया गया था। इसी कड़ी में गत माह भी अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा इस भूमि पर शासन हित में कब्जा वापस करने का आदेश पारित किया गया था।

      कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने स्पष्ट किया है कि शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये जिले में विशेष मुहिम आगे भी जारी रहेगी। इसके तहत राजस्व न्यायालयों द्वारा अभी तक करोड़ों रूपये मूल्य की भूमि को पुन: शासकीय घोंषित किया जा चुका है। जिले के संपूर्ण राजस्व अमले को शासकीय भूमि को कब्जे से मुक्त कराने के लिये ताकीद किया गया है।

      शुक्रवार को शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिये हुई बड़ी कार्रवाई में अपर कलेक्टर श्री वेदप्रकाश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री मनोहर वर्मा, सहायक आयुक्त आबकारी श्री शैलेष सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री आदित्य सिंह तोमर, नजूल अधिकारी श्री राजेश बाथम, तहसीलदार श्री राघवेन्द्र पाण्डेय, नजूल तहसीलदार श्री अश्वनि रावत तथा स्थानीय पुलिस बल, आबकारी दस्ता व नगर निगम के मदाखलत दस्ता शामिल रहा।

 

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