रविवार, 3 जनवरी 2010

धर्मपाल शोधपीठ के अंतर्गत दो फैलोशिप स्थापित की जाएंगी

धर्मपाल शोधपीठ के अंतर्गत दो फैलोशिप स्थापित की जाएंगी

संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की अध्यक्षता में शोधपीठ की कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न

भोपाल 30 दिसम्बर 09। स्वाधीनता संग्राम के आदर्शो तथा स्वराज के जीवन्त एवं बहुआयामी इतिहास अध्ययन और शोध के उद्देश्य से गठित धर्मपाल शोधपीठ द्वारा ढाई लाख रुपये और एक लाख रुपये की दो फैलोशिप स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को भोपाल में शोधपीठ की कार्यकारिणी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। कार्यकारिणी समिति ने 19वीं और 20वीं शताब्दी ईसवी के भारत के संक्षिप्त प्रामाणिक इतिहास की अध्ययन योजना प्रारंभ करने की भी स्वीकृति दी है। इसके साथ ही धर्मपालजी के अनुयाइयों और प्रशंसकों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा।

कार्यकारिणी समिति ने गांधीजी की इतिहास दृष्टि एवं हिन्द स्वराज विषय पर राष्ट्रीय परिसंवाद आयोजित करने की मंजूरी दी। यह परिसंवाद धर्मपाल शोधपीठ और गांधी विद्या संस्थान वाराणसी के द्वारा संयुक्त रूप से वाराणसी में आयोजित किया जाएगा। शोधपीठ की वेबसाईट बनाने के भी निर्देश दिये गये। बैठक में धर्मपाल शोधपीठ के निर्देशक श्री रामेश्वर मिश्र पंकज, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती आभा अस्थाना एवं संस्कृति संचालक श्री श्रीराम तिवारी सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

 

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