युवाओं में कौशल विकास के लिए राज्य स्तर पर मिशन गठित होगा
भोपाल 06 जनवरी 10। मध्यप्रदेश में उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप युवाओं को रोजगार के लिए अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय कौशल विकास मिशन की स्थापना की जायेंगी। तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने मिशन के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण की गतिविधियों का संचालन समन्वित रूप से मिशन के रूप में करने के लिए राज्य में मध्यप्रदेश व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद की स्थापना होगी। मिशन के संचालन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद गठित की जायेंगी। तकनीकी शिक्षा मंत्री इसके उपाध्यक्ष होगें। परिषद को स्वतंत्र रूप से कार्य करने का अधिकार होगा।
प्रदेश में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के अतिरिक्त विभिन्न शासकीय एवं गैर शासकीय एजेंसियां, संस्थाएं, व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान करती है। असंगठित क्षेत्र द्वारा भी अनौपचारिक रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है परंतु यह प्रशिक्षण निर्धारित पाठयक्रम और गुणवत्ता पूर्ण नहीं होता। इसका कोई विधिवत प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जाता। प्रशिक्षित व्यक्ति के पास प्रमाणीकरण नहीं होने से उसे समुचित नियोजन नहीं मिल पाता है। प्रशिक्षित व्यक्ति उपलब्ध नहीं होने से उद्योगों को आवश्यकताओं के अनुरूप मानव संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाता, जिससे उत्पादकता प्रभावित होती है। युवाओं में कौशल विकास की राष्ट्रव्यापी आवश्यकता महसूस करते हुये शासन ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संगठित रूप से संचालित करने और कार्यक्रमों की गुणवत्ता का प्रमाणीकरण करने के उद्देश्य से मिशन स्थापित करने की पहल की है। इस मिशन में उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप पाठयक्रमों और क्षेत्रों में प्रशिक्षण और कौशल विकास सुनिश्चित किया जायेंगा।
यह मिशन उपभोक्ता सेवा एवं उद्योग आधारित रोजगार के लिए तकनीकी कौशल विकास की योजना तैयार कर क्रियान्वित करेगा। असंगठित क्षेत्र के मजूदरों, अकुशल कारीगरों तथा उद्योगों से जुड़े मजदूरों के लिए दक्षता आधारित कार्यक्रमों में प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र दिये जायेंगे। स्किल डपलपमेंट की राष्ट्रीय नीति के राज्य स्तर पर क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी इस मिशन पर होगी। पूर्व अर्जित ज्ञान को मान्यता प्रदान करने की पद्दति भी मिशन द्वारा विकसित की जायेंगी। प्रदेश में उपलब्ध प्रशिक्षण संस्थानों को पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के माध्यम से समेकित कर विकसित किया जायेंगा। प्रशिक्षण नवाचार और प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं स्तर के लिए मानदण्ड तय किये जायेंगे। इसके साथ ही राज्य एवं विभिन्न रोजगार प्रदान करने वाले उद्योगों की मांग के संदर्भ में तकनीकी जनशक्ति की आवश्यकताओं का सतत आंकलन और उसकी पूर्ति की व्यवस्था मिशन के अंतर्गत की जायेंगी।
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