मंगलवार, 4 मई 2010

लू से बचाव एवं उपचार के उपाय

लू से बचाव एवं उपचार के उपाय

ग्वालियर 29 अप्रैल 10। लगातार तापमान बढ़ने से लू (तापघात) लगने की संभावना बढ़ जाती है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अर्चना शिंगवेकर ने लू से बचने एवं उपचार के उपाय सुझाये हैं । उन्होंने जिले के सभी खण्ड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को भी लू से प्रभावित लोगों के उपचार के लिये पर्याप्त एहतियाती प्रबंध करने तथा मैदानी अमले के माध्यम से लोगों को लू से बचने की सावधानियों के प्रति जागृत करने के निर्देश दिये हैं ।

      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिंगवेकर ने सलाह दी है कि गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान व सिर को गमछे व तौलिया आदि से ढकने के पश्चात ही धूप में निकलें । गर्मी के दिनों में यदि बाहर निकलना पड़े तो सफेद या हल्के रंग के ढीले कपड़े पहन कर ही निकलें । घर से बाहर खाली पेट कदापि न निकलें । पानी अधिक मात्रा मे पियें और तरल पेय पदार्थों को लेते रहें । जहां तक संभव हो धूप में अधिक देर तक खड़े होकर  न रहें । बहुत अधिक भीड, गर्म व घुटन भरे कमरों से दूर रहें, भीड़ भरी रेल व बस आदि में कम से कम यात्रा करें ।

       लू (तापघात) से प्रभावित लोगों के उपचार के लिये भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सलाह दी है । उनके अनुसार लू प्रभावित व्यक्ति को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले करके लिटाना चाहिये । रोगी के होश में आने की दशा में ठण्डे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चे आम का पना आदि दें । प्याज का रस अथवा जौ के आटे को ताप नियंत्रण हेतु पैरों के तलबों सहित शरीर के अन्य भागों पर मला जा सकता है । रोगी के शरीर का तापमान कम करने के लिये यथासंभव ठण्डे पानी से स्नान करायें अथवा उसके शरीर पर ठण्डे पानी की पट्टियां रखकर पूरे शरीर को ढक दें । इस प्रक्रिया को तब तक दोहरायें जब तक कि शरीर का ताप कम नहीं हो जाता है । यदि इतने सबके बावजूद मरीज ठीक नही होता है तो उसे तत्काल निकट के अस्पताल में ले जायें ।

 

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