भारतीय न्यायपालिका विश्व में सर्वश्रेष्ठ- श्री पटनायक
मुख्य न्यायाधिपति ने जिला एवं सत्र न्यायालय के भवन की आधार शिला रखी
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री अनंग कुमार पटनायक ने कहा है कि भारतीय न्यायापालिका विश्व में सर्वश्रेष्ठ है , लेकिन भारी संख्या में लंबित प्रकरणों का निराकरण करना अदालतों के समक्ष एक बड़ी चुनौती है । इस स्थिति में राज्य उच्च न्यायालय द्वारा लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए जो पहल हुई है ,उसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं । वर्ष 2005 से हर वर्ष करीबन तीन हजार प्रकरण राज्य उच्च न्यायालय द्वारा निपटाये गये हैं । मुख्य न्यायाधिपति श्री पटनायक आज ग्वालियर में जिला एवं सत्र न्यायालय के नवीन भवन के भूमि पूजन व शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे । निर्माणाधीन नवीन कलेक्ट्रेट भवन के समीप स्थित सुरम्य पहाड़ी पर करीबन 19 करोड़ 72 लाख रूपये की लागत से बनाये जा रहे इस भवन के भूमि पूजन समारोह की अध्यक्षता उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री अभय कुमार गोहिल ने की । उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ के पोर्ट फोलियो न्यायाधिपति श्री सुभाष संवत्सर कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे ।
इस अवसर पर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तिगण श्री एस.के.गंगेले श्री पी.के.जायसवाल,सुश्री शीला खन्ना,श्री एस.द्विवेदी,श्री बी.एम.गुप्ता,श्री एस.पी.श्रीवास्तव, श्री संजय यादव व श्री एस.सी.शर्मा,जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल एच थधानी सहित जिला न्यायालय के अन्य न्यायाधीशगण,उच्च न्यायालय के अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री बी.के.कटारे,जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी,वन संरक्षक श्री आर.बी.सिंहा,पुलिस अधीक्षक श्री व्ही.के.सूर्यवंशी,नगर निगम आयुक्त डॉ पवन शर्मा,जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी,अभिभाषकगण व गणमान्य नागरिक मौजूद थे ।
मुख्य न्यायाधिपति श्री ए.के. पटनायक ने कहा कि गुणवत्ता व तेजी के साथ न्याय हमारा संकल्प है और इस दिशा में हमारे प्रयास फलीभूत भी हुये हैं । इस कड़ी में राज्य उच्च न्यायालय द्वारा ग्वालियर,जबलपुर एवं इंदौर में मेघा लोक अदालतें आयोजित कर चार हजार दस प्रकरणों का निपटारा किया गया है । उन्होंने प्रकरणों के निराकरण में यह तेजी हाईकोर्ट में रिक्त पदों की पूर्ति से आई है । उच्च न्यायालय में पहले न्यायाधीशों के केवल 27 पद भरे थे अब यह संख्या 42 हो गई है । श्री पटानायक ने कहा मानव संसाधन में इजाफे के साथ-साथ अधोसंरचनात्मक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है । उच्च न्यायालय ने निचली अदालतों के लिए भी अधोसंरचनात्मक विकास पर ध्यान दिया है । उन्होंने प्रकरणों के निराकरण में फास्ट ट्रेक न्यायालयों की भूमिका को अहम बताया। श्री पटनायक ने कहा प्रदेश में 72 फास्ट ट्रेक कोर्ट मंजूर किए गए हैं ।
मुख्य न्यायाधिपति ने कहा ब्रिटिशकाल में न्यायालयों की अवधारणा साम्राज्यवादी थी। जिसमें न्यायाधीश व अभिभाषकों की सुविधाओं का तो ध्यान रखा जाता था, किन्तु न्याय की आस लेकर आने वाले मुवक्किलों के लिए कोई स्थान नही था । उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू हुई और न्याय ने भी सेवा का रूप ले लिया है , जो सर्वश्रेष्ठ न्याय व्यवस्था का परिचायक है ।
प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री अभय कुमार गोहिल ने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा नवीन जिला एवं सत्र न्यायालय भवन के भूमि पूजन से ग्वालियर में न्याय के क्षेत्र में विकास की एक नई सौगात जुड़ने जा रही है । उन्होंने आशा व्यक्त की यह भवन जल्द ही खूबसूरत वास्तुकला के साथ बन कर तैयार होगा , जो शीघ्र व सुलभ न्याय में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा । श्री गोहिल ने बीते वर्षों के दौरान मुख्य न्यायाधिपति की पहल पर बड़े पैमाने पर बनाये जा रहे न्यायालय भवनों व अन्य अधोसंरचनात्मक कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि न्यायाधिपति श्री सुभाष संवत्सर ने कहा ग्वालियर में बड़ी शिद्दत के साथ जिला न्यायालय के लिये नवीन भवन की जरूरत महसूस की जा रही थी । पुराने न्यायालय भवन में स्थान की कमी के साथ अन्य अधेसरंचनात्मक व्यवस्थायें भी कम थीं। इस नवीन भवन में वो सारी व्यवस्थायें उपलब्ध होंगी, जो शीघ्र व सुलभ न्याय देने के लिये आवश्यक हैं। उन्होंने नवीन भवन में जुटाई जा रही सुविधाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला ।
आरंभ में अतिथियों ने वैदिक मंत्रोचार व विधि विधान के साथ जिला न्यायालय भवन की आधार शिला रखी । जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल एच थधानी ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का संचालन विशेष न्यायाधीश श्री वेद प्रकाश शर्मा ने और अंत में आभार प्रदर्शन अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री बी के कटारे ने किया ।
पांच मंजिला होगा नवीन जिला न्यायालय भवन
पांच मंजिला नवनी जिला एवं सत्र न्यायालय भवन में ए व बी दो ब्लाक होंगें । जिसमें ए ब्लाक मुख्य भवन होगा और इसमें 50 कोर्ट हाल, माननीय न्यायाधीशों के कक्ष, कार्यालयों के कक्ष, मालखाना, रिकार्ड कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, वीडियो कान्फ्रेंस हॉल, मीटिंग हाल का प्रावधान है । इसी प्रकार बी ब्लाक को सर्विस भवन के रूप में विकसित किया जायेगा । जिसमें बैंक, पोस्ट आफिस, डिस्पेंसरी, केंटीन एवं 9 एडवोकेट हॉल का प्रावधान किया गया है।