लोक उपयोगी सेवाओं से जुड़े प्रकरणों के निराकरण के लिए स्थाई लोक अदालत एक अभिनव पहल--श्री पटनायक
मुख्य न्यायाधिपति ने प्रदेश की दूसरी लोक अदालत का किया उद्धाटन
ग्वालियर,29 जून 2008
मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायाधिपति श्री अनंग कुमार पटनायक ने कहा है कि चिकित्सालयों में होने वाली तकलीफ,विद्युत व टेलीफोन के बड़े-बड़े देयक एवं स्वच्छता सहित अन्य लोक उपयोगी सेवाओं से संबंधित दिक्कतों का समाधान स्थाई लोक अदालतों के माध्यम से आसानी से प्राप्त किया जा सकता है । साथ ही अन्य गैर आपराधिक प्रकरणों का समाधान भी स्थाई लोक अदालतें करेंगी । श्री पटनायक आज यहाँ जिला न्यायालय परिसर में आयोजित हुई प्रदेश की दूसरी स्थाई लोक अदालत के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री ए.के.पटनायक ने व्यक्त किये । उद्धाटन समारोह में उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री आर.एस.गर्ग, प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायाधिपति श्री दीपक मिश्रा,ग्वालियर खण्ड पीठ के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री अभय कुमार गोहिल ग्वालियर खंडपीठ के पोर्ट फोलियो न्यायाधिपति श्री सुभाष संवत्सर व उच्च न्यायालय के अन्य न्यायमूर्तिगण समेत जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल.एच. थधानी तथा जिला न्यायालय के न्यायाधीशगण, अभिभाषकगण, पक्षकार,संबंधित अधिकारी व गणमान्य नागरिक मौजूद थे ।
मुख्य न्यायाधिपति श्री ए.के.पटनायक ने कहा की लोक उपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए स्थाई लोक अदालत का गठन एक अभिनव प्रयास है । उन्होंने कहा अदालतों में जो मामले नहीं पहुंचे हैं उनका निराकरण आपसी सुलह व समझौते के आधार पर करने के लिए स्थाई लोक अदालतें आयोजित की जा रही हैं। इनसे न्यायालयों पर मुकदमों का बोझ कम हुआ है । उन्होंने कहा प्रदेश में लोक अदालतों को सतत व स्थाई रूप प्रदान किया गया है । अब लोक अदालतें प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित की जा रही हैं ।मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राज्य शासन द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीध के 10 पदों को हाल ही में मंजूरी दी है । खासतौर पर बिजली सम्बन्धी प्रकरणों के निराकरण के लिए मंजूर किये गये इन जिला न्यायाधीशों को लोक अदालातों का प्रभारी बनाया जायेगा , जिससे लोक अदालतें और प्रभावी ढंग से कार्य कर सकेंगी ।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्री दीपक मिश्रा ने कहा कि देश में मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य है जिसने लोक उपयोगी सेवाओं के निराकरण के लिए स्थायी लोक अदालतों का गठन किया है। बाद में आन्ध्रप्रदेश राज्य ने भी इसे अपनाया है । उन्होने कहा लोक उपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष रूप से आयोजित इन स्थायी लोक अदालतों में वायु,सड़क व जल मार्ग द्वारा यात्रियों व माल परिवहन,डाक,तार ,टेलीफोन सेवा,विद्युत व जल प्रदाय,सार्वजनिक स्वच्छता प्रणाली, बीमा सेवा आदि से संबंधित प्रकरणों को संज्ञान में लिया जा सकेगा । श्री मिश्र ने कहा लोक उपयोगी सेवाओं से संबंधित किसी विवाद का निराकरण किसी न्यायालय के समक्ष लाने से पूर्व स्थायी लोक अदालत के समक्ष निराकरण के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है । उन्होंने स्थाई लोक अदालत में संज्ञान के योग्य व अन्य प्रकरणों के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी ।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल.एच.थधानी ने स्वागत उद्बोधन दिया । उन्होंने कहा मुख्य न्यायाधिपति की पहल पर ही प्रदेश में व्यवस्थित ढंग से लोक अदालतें आयोजित हो रही हैं, जिससे प्रकरणों के निराकरण में प्रभावी तेजी आई है। कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त जिला न्यायाधीश श्री पी.के.शुक्ला ने व अन्त में आभार प्रदर्शन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व सिविल जज श्री संजीव अग्रवाल ने किया ।
एक सौ सात प्रकरण निपटे
लोक उपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए आज आयोजित हुई स्थाई लोक अदालत में 107 प्रकरणों का निपटारा किया गया । जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अरूण प्रधान ने बताया के लोक अदालत में 318 प्रकरण संज्ञान में लिये गये थे ।
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