मंगलवार, 17 जून 2008

अमरकंटक 210 मेगावाट इकाई शुरू

अमरकंटक 210 मेगावाट इकाई शुरू

मध्य प्रदेश के अनूपुर जिले में पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन की 210 मेगावाट इकाई आज चालू हो गयी। इस पावर स्टेशन की 30 मेगावाट वाली दो और 120 मेगावाट वाली दो इकाई पहले ही कार्य कर रही है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं बिजली राज्य मंत्री श्री जयराम रमेश और मध्य प्रदेश के बिजली मंत्री डॉ. गौरी शंकर शाजवार इस अवसर पर मौजूद थे।

      श्री जयराम रमेश को इस बात का गम था कि हालांकि 210 मेगावाट की इस इकाई में तेल छोड़ना भी एक मील का पत्थर है मगर पूरी तरह व्यावसायिक उत्पादन में अभी चार महीने लगेंगे। उन्होंने इस बात पर भी नाखुशी जाहिर की कि उमरिया जिले में (संजय गांधी थर्मल पावर स्टेशन के अंग के रूप में 210 मेगावाट की चार इकाई पहले ही कार्य कर रही है।) बीरसिंहपुर में 500 मेगावाट की इकाई को जून 2007 में ही चालू होने की घोषणा कर दी गयी थी लेकिन पूरी तरह व्यावसायिक संचालन अब भी शुरू नहीं हुआ है। इसलिए इकाई चालू होने की मौजूदा परिभाषा को तुरंत बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भेल ने आश्वासन दिया है कि बीरसिंहपुर में 500 मेगावाट की इकाई 15 अगस्त 2008 तक व्यावसायिक संचालन तक पहुंच जाएगी।

      मंत्री महोदय ने कहा कि न सिर्फ संयंत्र के लोड को बढाने बल्कि उष्मा की दर के मामले में क्षमता बढाने के लिए भी बिजली संयंत्रो के नवीकरण और आधुनिकीकरण कार्यक्रम को और तेज करने की तुरंत जरूरत है। 200210 मेगावाट की 77 और 500 मेगावाट की 5 इकाई है जिनकी संयुक्त क्षमता करीब 15,000 मेगावाट है। इस पर प्राथमिकता के आधार पर क्षमता केन्द्रित आर एवं एम के लिए विचार करना चाहिए।

      श्री जयराम रमेश ने कहा कि नर्मदा हाइड्रो डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एनएचडीसी) की 520 मेगावाट की ओंकारेश्वर परियोजना पूरी तरह चालू थी। यह मध्य प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एनएचपीसी का संयुक्त उपक्रम है और दोनों की इसमें  50:50  प्रतिशत की भागीदारी है। उन्होंने एनएचडीसी की सराहना की जिसकी स्थापना अगस्त 2000 में हुई थी। ओंकारेश्वर परियोजना सिर्फ साढे तीन साल में ही पूरी हो गयी जो एक रिकार्ड है। इससे पहले 1000 मेगावाट की इंदिरा सागर परियोजना भी चालू की गयी थी। एनएचडीसी की तीन और परियोजनाएं हैं जो 201112 तक पूरी होने की उम्मीद है। श्री जयराम रमेश ने सिधी जिले में (6


210  मेगावाट     4
500
मेगावाट) विन्ध्याचल में 3260 मेगावाट उत्पादन क्षमता की इकाई स्थापित करने का भी आह्वान किया। यह देश में अब तक किसी एक स्थान पर सबसे अधिक क्षमता होगी।

        मंत्री महोदय ने यह उम्मीद भी जाहिर की कि मध्य प्रदेश के सिधी जिले में सासन में रिलायंस पावर की 4000 मेगावाट अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना शीघ्र शुरू हो जाएगी जिसमें राज्य का हिस्सा 1500 मेगावाट होगा। उन्होंने कहा कि रिलायंस पावर ने आश्वासन दिया है कि ग्यारहवीं योजना अवधि में (31 मार्च 2012 से पहले) 660 मेगावाट की कम से कम एक इकाई चालू हो जाएगी। टाटा पावर गुजरात में मुंद्रा में 4000 मेगावाट की अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना पर कार्य कर रही है। दक्षिण कोरिया की कंपनी दूसान बॉयलर की तथा लेशीबा टर्बाइन जनरेटर की आपूर्ति कर रही है। आंध्र प्रदेश में कृष्णापट्टम में 4000 मेगावाट अल्ट्रा पावर परियोजना इस कड़ी की तीसरी परियोजना है। इसे भी रिलायंस पावर कार्यान्वित कर रही है।

 

कोई टिप्पणी नहीं: