शनिवार, 14 जून 2008

अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेला कठपुतली शैली में हुई लिटिल बेले ट्रुप की रामलीला ने बाँधा समा

अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेला

कठपुतली शैली में हुई  लिटिल बेले ट्रुप की रामलीला ने बाँधा समा

 

ग्वालियर 12 जून 08 । अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला मेले में आज रंगश्री लिटिल बेले ट्रुप ने कठपुतली शैली में नृत्य नाटिका के माध्यम से रामकथा का मनोहारी मंचन किया । भारतवासियों ही नहीं सुदूर देशों के लोगों के रग-रग में रची बसी रामकथा पर केन्द्रित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का यह आयोजन प्रदेश सरकार की पहल पर यहॉ मेला कलामंदिर रंगमंच पर हो रहा है । गत 9 जून से शुरू हुआ यह रामलीला मेला 17 जून तक चलेगा ।

       लिटिल बेले ट्रुप ने रामकथा पर केन्द्रित नृत्य नाटिका का आगाज भारतीय मेलों में अमूमन नजर आने वाले कठपुतली नृत्य दिखाकर किया। कठपुतली नृत्य से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर केन्द्रित कर इस ट्रुप के  मंजे हुये कलाकारों ने जनकपुर से स्वयंवर के पश्चात राम के अवध आगमन के दृश्य को बड़ी ही सजीवता के साथ प्रस्तुत किया । सीता ब्याहकर लौटे राम का अयोध्या में स्वागत के दृश्यों को लिटिल बेले ट्रुप के कलाकारों ने जितनी सजीवता एवं जीवंतता से मंचित किये उतनी ही संजीदगी से राम बनवास के दृश्य प्रस्तुत किये जिन्हें दर्शक भावविभोर होकर निहारते रहे । केवट का भक्तिभाव और गंगा पार कराने के लिये नाव चढ़ाने से पूर्व राम के पॉव पखारने की शर्त रखने वाले दृश्य तो देखते ही बनते थे । पंचवटी पर पर्णकुटी बनाकर राम का भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता के साथ प्रवास और इसी दौरान रावण की बहन सूर्पणखा द्वारा अनर्गल प्रणय याचना करना तथा लक्ष्मण द्वारा क्रोधित होकर उसके नाक काटने के दृश्य भी बड़ी खूबसूरती के साथ मंचित किये गये । खर व दूषण का वध, मारीच(स्वण मृग) के दृश्य, रावण द्वारा सीताहरण और फिर जटायु द्वारा धर्म रक्षा व रामभक्ति के लिये अपना बलिदान देने के दृश्य तो दर्शकों को रोमांचित कर गये । किष्किन्धा में राम सुग्रीव मित्रता अशोक वाटिका में हनुमान द्वारा सीता को सांत्वना देने के दृश्य बडे ही प्रभावी थे । रावण के भव्य दरबार के दृश्य  भी दर्शकों के मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ गये ।

       रंगश्री लिटिल बेले ट्रुप द्वारा प्रस्तुत रामकथा का निर्देशन व पटकथा प्रसिध्द रंगकर्मी स्वर्गीय शातिवर्ध्दन की थी  । संगीत निर्देशन श्री बहादुर हुसैन खान का था । कथा में शामिल गीत श्री दशरथ लाल ने लिखे थे । फोक एवं पारंपरिक बेले के रूप में प्रस्तुत हुई रामकथा में राम का चरित्र श्री प्रताप महन्तो ने निभाया। नृत्य नाटिका में सीता का चरित्र सुश्री दीप्ति महंतो, लक्ष्मण का श्री उपेन्द्र महन्तो, हनुमान का श्री माधव वारिक, रावण का श्री गिरीश महंतो, सुग्रीव का श्री सप्तऋषि महंतो, कौशल्या सुश्री पद्मा सोहनकर, मारीच (स्वर्णमृग) सुश्री श्रुति कीर्ति, नर्तकी सुश्री सुबोधनी, मोनिका व श्रुति कीर्ति तथा ग्रामवासियों की भूमिका श्री दयानिधि महंतो व श्री वसीम खान ने निभाई । सूत्रधार (पोपट मास्टर )की भूमिका श्री प्रवीण चौबे व श्री प्रदीप दूरपाचे ने तथा सहायक पोपट मास्टर की भूमि श्री लक्ष्मण सावंत ने अदा की।

 

आज होगी विदेशी कलाकारों की रामलीला

       अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेले के तीसरे दिन अर्थात 13 जून को सिंगापुर देश के भास्कर्स आर्ट ऐकेडमी के कलाकारों द्वारा रामकथा का मंचन किया जायेगा। जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने नगरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेले में देश की बहुरंगी संस्कृति के सजीव दर्शन करने की अपील की है ।

 

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