नोड़ल व जोनल अधिकारी अपने दायित्वों का मुस्तैदी से निर्वहन करें - कलेक्टर
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिये जिले में जारी विशेष अभियान के तहत नोड़ल व जोनल अधिकारियों को प्रशिक्षण
ग्वालियर 17 जून 2008 । हर उपभोक्ता तक उसके हिस्से का राशन व मिट्टी का तेल पहुंचाने के लिये लागू की गई सार्वजनिक वितरण प्रणाली की नई व्यवस्था में नोडल व जोनल अधिकारियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है । अत: वे अपने दायित्वों का मुस्तैदी से निर्वहन करें, इसमें किसी भी प्रकार की उदासीनता अक्षम्य होगी । यह बात जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज यहां आर.आई. प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित किये गये सार्वजनिक वितरण प्रणाली के नोड़ल अधिकारियों व जोनल अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कही। उल्लेखनीय है कि जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिये अभियान बतौर कार्रवाई की जा रही है । जिसके तहत हर शासकीय उचित मूल्य की दुकान से सुव्यवस्थित ढंग से खाद्यान्न व मिट्टी का तेल वितरित कराने के लिये दुकानवार नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है । साथ ही इनके पर्यवेक्षण के लिये 12 से 20 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के ऊपर एक जोनल अधिकारी की तैनाती भी की गई है । आज आयोजित हुये प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर जिला दण्डाधिकारी श्री वेदप्रकाश व जिला आपूर्ति नियंत्रक श्रीमती ज्योति शाह नरवरिया सहित अन्य संबंधित अधिकारी तथा जनपद पंचायत घाटीगांव व मुरार एवं शहरी क्षेत्र में नियुक्त किये गये समस्त नोडल अधिकारी व जोनल अधिकारी मौजूद थे ।
जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने कहा कि नोडल अधिकारी अपने प्रभार की उचित मूल्य की दुकान से राशन व मिट्टी तेल का वितरण अपने समक्ष में करायें और वितरण शुरू करने से पूर्व उपलब्ध स्टॉक का बारीकी से सत्यापन अवश्य कर लें । उन्होंने बताया कि अब हर माह की 21, 22 व 23 तारीख को शासकीय उचित मुल्य की दुकान से राशन व मिट्टी का तेल वितरित होगा । नोडल अधिकारी सत्यापन के पश्चात स्टॉक रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर अवश्य करें। साथ ही 21 तारीख को हुये वितरण के पश्चात भी स्टॉक व वितरण रजिस्टर को क्लोज कर अपने हस्ताक्षर करें और यही प्रक्रिया 22 व 23 तारीख को अपनाई जाये । इस प्रकार 23 तारीख को हुई क्लोजिंग के बाद खाद्यान्न वितरण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना स्वत: ही समाप्त हो जायेगी । उन्होंने जोनल अधिकारियों को भी हिदायत दी कि वे वितरण दिवसों में अपने प्रभार की दुकानों का सतत रूप से निरीक्षण करें । यदि किसी दुकान पर नोडल अधिकारी अनुपस्थित मिले तो वहां व्यवस्था करायें, साथ ही इसकी सूचना जिला स्तर पर बने कण्ट्रोल रूम व अनुविभाग स्तरीय कण्ट्रोल रूम में अवश्य दें, जिससे वहां वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके और संबंधित नोडल अधिकारी के विरूध्द अनुशासनात्मक कार्रवाई भी जा सके ।
जिला कलेक्टर ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लेकर आमजन जागरूक हों ओर वे स्वत: अपने हक का राशन व मिट्टी का तेल लेने के लिये दबाव बनाने में सक्षम हो जाये । इसलिये हर उचित मूल्य की दुकान के बाहर इस व्यवस्था के लिये तैयार कराये गये पोस्टर चश्पा करायें। साथ ही माइक आदि के माध्यम से भी गांव-गांव में प्रचार-प्रसार किया जाये। जिला कलेक्टर ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से मानवीय पहलू भी जुड़ा है । क्योंकि इस प्रणाली से हजारों गरीबों व अन्य जरूरतमंदों को मंहगाई के इस दौर में बहुत ही कम मूल्य पर राशन मिल जाता है । अत: यह एक पुनीत कार्य भी है । उन्हाेंने कहा कि सार्वजनिक वितरण राज्य शासन की उच्च प्राथमिकताओं में है । अत: सभी विभागों का दायित्व है कि वे पूरी तत्परता, तन्मयता व गंभीरता के साथ इस व्यवस्था को सुदृढ बनायें ।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित उचित मूल्य की दुकानों से नीले राशन कार्डधारी (बी.पी.एल.) परिवारों को 20 किलोग्राम खाद्यान्न व 5 लीटर मिट्टी तेल व 500 ग्राम प्रति सदस्य के हिसाब से शक्कर प्रदान की जायेगी। बी.पी.एल परिवारों को तीन रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गेहूं व साढ़े चार रूपये प्रति किलोग्राम के मान से चावल दिया जायेगा । अन्त्योदय अन्न योजना के तहत पीले कार्डधारियों को 35 किलोग्राम खाद्यान्न देने का प्रावधान है । इन परिवारों को दो रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गेहूं दिये जाने का प्रावधान है । ए.पी.एल. परिवारों को 7 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से 10 किलोग्राम खाद्यान्न देने का प्रावधान है । प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला आपूर्ति नियंत्रक ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की नवीन व्यवस्था के सभी बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी ।
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