मंगलवार, 10 जून 2008

मौलिक कार्य के टेण्डर न होने पर खिंचाई

मौलिक कार्य के टेण्डर न होने पर खिंचाईZ

       महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा मांगी गई एक जानकारी में अधीक्षणयंत्री जनकार्य चतुर सिंह यादव द्वारा बताया गया कि पार्षदों की मौलिक निधि से होने वाले कार्यों के टेण्डर 17 मार्च 2008 को बुलाये गये । महापौर द्वारा तीन माह बाद भी टेण्डर निराकरण की स्थिति में न आने पर अप्रसन्नता व्यक्त की गई। आयुक्त ने बताया कि बुलाई गई प्राप्त दरें तकनीकी रूप से कार्य करने योग्य नहीं थी। महापौर ने सुझाव दिया कि निगमायुक्त इस व्यवस्था पर विचार करें कि मौलिक कार्य आयटम दरों पर कराये जायें, इनमें अलग-अलग वार्डों के टेण्डर न करें एक साथ एक वर्ष के लिये टेण्डर करा लिये जायें जो टेण्डर कराये जायें उनमें वार्डों का ब्यौरा न होके क्षेत्रवार टेण्डर आंमत्रित किये जायें। निगमायुक्त द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि चार जोन बनाकर मौलिक कार्यों के टेण्डर आंमत्रित किये जायें तथा वर्ष 2008-09 के लिये भी अनिवार्य रूप से 30 जून 2008 तक पार्षदगणों से मौलिक कार्य के प्रस्ताव मंगा लिये जावे।

 

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