अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेला
श्रीलंकाई कलाकारों की प्रस्तुति ने किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध
ग्वालियर 11 जून 08 । अरूश्री आर्ट थियेटर श्रीलंका के मजे हुये कलाकारों ने आज मेला कलामंदिर रंगमंच पर दक्षिण भारतीय नृत्य शैली भरत नाटयम व कथकली एवं श्रीलंका की विशेष केंडीयन शैली में रामायण की कथावस्तु को नृत्य नाटिका में खूबसूरती के साथ प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया । यद्यपि कथा के बोल सिंहली भाषा में थे बावजूद इसके भारतीय मानस में रची बसी रामकथा कलाकारों के सशक्त अभियन से सजीव हो उठी। कलाकारों की वेशभूषा, आभूषण, केश सज्जा, दक्षिण भारत से इतनी सामंजस्य पूर्ण थी जिसे देखकर कहीं से ऐसा नहीं लगा कि जिससे लगे कि रामलीला का यह मंचन भारतीय कलाकर नहीं कर रहे । इसे देखकर यह बात भी साबित हुई कि रामकथा देश की सीमाओं से परे है । श्रीलंका के कलाकारों द्वारा रामकथा की यह प्रस्तुति अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेले तहत दी गई । राज्य शासन की पहल पर यहां ग्वालियर मेला कलामंदिर रंगमंच में नौ दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेले की शुरूआत गत 9 जून को हुई थी ।
श्रीलंकाई कलाकारों द्वारा नृत्य नाटिका के रूप में रामकथा का प्रारंभ राजा दशरथ द्वारा पुत्र प्राप्ति के लिये एक विशेष अनुष्ठान से हुआ । आगे शिव धनुष भंजन के बाद सीता स्वयंवर, अयोध्या में राम के राज्याभिषेक की घोषणा पर मना आनन्दोत्सव व फिर मंथरा के विष वमन से कैकेयी द्वारा राजा दशरथ से भरत के राज्याभिषेक और राम वन गमन के वर मांगने की कथा को बड़े ही मनोहारी ढंग से प्रस्तुत किया । राम का पत्नी सीता व लक्ष्मण के साथ वन में विचरण और पंचवटी में पर्णकुटी बनाकर रहना, शूर्पणखा की चेष्टाओं से क्रोधित होकर लक्ष्मण द्वारा उसके नाक-कान काटना, स्वर्ण मृग की कथा, रावण द्वारा सीता हरण, राम की हनुमान से भेंट, रामसेतु का निर्माण व लंका विजय के पश्चात अयोध्या में राम के पट्टाभिषेक उत्सव को अत्यंत वैभवमय ढंग से प्रस्तुत किया गया ।
जिन कलाकारों द्वारा आज प्रस्तुति दी गई उसका विवरण इस प्रकार है :- राम- एस.गुहेन्द्रन, रावण-चंदन विक्रमसिंह, कैकेयी- अभिरम्य कंदीपन, सीता- सुबोधिनी अदमन, लक्ष्मण-गीत डिसिल्वा, कौशल्या- योशिता पीटर, सुमित्रा- लक्ष्मी शर्मा, शूर्पणखा - ऋशंतिनी वामनदेवन्
चंदन विक्रम सिंह, डांसर्स गिल्ड, वेलिंगोडेज/दुमिण्डा दर्शन पेरेरा, हिरिम्बुरा/गेमेज मेदुसंका प्रियेदेश, मकविता गेमेज/एरण्डिका डिल्हनी, कचंदुराई/विक्रमसिंह, आर्कचिलगा प्रिंयगिका मुधवंती, वेलिहिना विथनग लक्षित निलंथ, गेमेलेथ रेलेग चामिण्डा दिनेश
गायन तथा नटुवांगम- कलसुरी अरुन्धती श्रीरंगनाथन्, गायन- अपर्णा अरूणाचलम् टी. प्रदीपन्, मृदंगम्- श्री वी. जम्बुनाथमन्, वायोलिन- श्री एस. तिवहरन्, बांसुरी - श्री कुमार लियानवत्त, तबला और ध्वनिप्रभाव- श्री आर. रत्नदुराई, कीबोर्ड - श्री वी. सेन्तुरन्, नृत्य निर्देशन- एस गुहेन्द्रन्, चंदन विक्रमसिंह, अभिरम्य कन्दीपन्, संगीत रचना - अरून्धती श्री रंगनाथन्,
निर्देशन - देशनेत्रु कलसूरि डॉ. अरून्धती श्री रंगनाथन्, अरूश्री आर्ट थियेटर श्रीलंका
सिंगापुर के कलाकारों की रामलीला आज
अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेले के तीसरे दिन अर्थात 12 जून को सिंगापुर देश के भास्कर्स आर्ट ऐकेडमी के कलाकारों द्वारा रामकथा का मंचन किया जायेगा । जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने नगरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेले में देश की बहुरंगी संस्कृति के सजीव दर्शन करने की अपील की है ।
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