रविवार, 3 अगस्त 2008

''डकैती प्रभावित क्षेत्रों में मानव अधिकार'' तथा ''महिलाओं के विरूध्द अपराधों के रोकथाम में पुलिस की भूमिका'' विषयों पर दो कार्यशालाओं का आयोजन एक अगस्त को

''डकैती प्रभावित क्षेत्रों में मानव अधिकार'' तथा ''महिलाओं के विरूध्द अपराधों के रोकथाम में पुलिस की भूमिका'' विषयों पर दो कार्यशालाओं का आयोजन एक अगस्त को

ग्वालियर 31 जुलाई 08। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग और ग्वालियर पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार एक अगस्त 2008 को दो कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।प्रथम सत्र में डकैती प्रभावित क्षेत्रों में मानव अधिकारों का संरक्षण तथा द्वितीय सत्र में महिलाओं के विरूध्द अपराधों के रोकथाम में पुलिस की भूमिका  विषयों  पर कार्यशालाएं आयोजित होंगी । इन कार्यशालाओं  का उदघाटन आयोग के अध्यक्ष जस्टिस श्री डी.एम. धर्माधिकारी करेगें । प्रथम कार्यशाला पूर्वांह 10.30 बजे से एक बजे तक तथा द्वितीय सत्र की कार्यशाला अपरान्ह दो से पांच बजे तक रखी गई है । दोनों कार्यशालाएं स्थानीय सिटी सेंटर स्थित राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान में आयोजित होंगी ।

कार्यशालाओं में आयोग के सदस्य द्वय जस्टिस श्री नारायण सिंह ''आजाद'', श्री विजय शुक्ल, प्रमुख सचिव डा0 ए.एन. अस्थाना,ग्वालियर और चम्बल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक द्वय श्री डी. एस. सेंगर,और श्री अरविन्द कुमार के अलावा ग्वालियर के एस.पी. श्री विजय कुमार सूर्यवंशी उपस्थित रहेंगे । मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने यह अनुभव किया है कि डकैती प्रभावित क्षेत्रों में डकैती की घटनाएं घट जाने के बाद न्यायपालिका, कार्यपालिका और पुलिस का पूरा ध्यान अपराध की विवेचना तथा अपराधियों की धरपकड़ तक ही केन्द्रित हो जाता है । इन अपराधों का जो तीसरा पक्ष पीड़ित लोगों और उनकें परिवारों का है, उनकी सहायता और पुर्नवास की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता । आयोग ने इस दिशा में पुलिस की कार्यप्रणाली में संवेदनशीलता बढ़ाने की जरूरत महसूस की है । इसी उद्देश्य से राज्य के डकैती प्रभावित ग्वालियर अंचल को सर्वप्रथम चुना गया । कार्यशाला में आयोग के सदस्यों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभवों के आदान प्रदान के साथ ही  डकैतियों से प्रभावित लोगों की प्रतिक्रियाएं और विचार भी सुने जाएगें ।

द्वितीय सत्र में महिलाओं के विरूध्द अपराधों की रोकथाम में पुलिस की भूमिका विषय पर आयोजित होने वाली कार्यशाला में पुलिस कर्मियों, आयोग मित्रों, एन.जी.ओज, को हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा महिलाओं पर होने वाली घरेलू हिंसा से संबंधित अधिनियम की जानकारी दी जाएगी । इस कार्यशाला में पुलिस कर्मियों को यह भी बताया जाएगा कि राज्य शासन ने इस अधिनियम के कार्यान्वयन में  पुलिस को सेवा प्रदाता की भूमिका सौंपी है । राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने विगत माह भोपाल में राज्य शासन की महत्वाकांक्षी ''ऊषाकिरण''योजना का शुभांरभ किया था । मानव अधिकार आयोग का यह मानना है कि समाज में महिलाओं   के सम्मान और प्रतिष्ठा की  रक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के साथ सभी वर्गों की है । महिलाओं पर होने वाली हिंसा जैसी दुष्प्रवृति जब तक समाप्त नहीं होती तब तक महिला सशक्तिकरण की बात सोचना निरर्थक होगा । इस दिशा में सामाजिक वातावरण बनाने की दिशा में भी इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन समय की मांग है । दोनों कार्यशालाओं में समूह चर्चाएं भी आयोजित होंगी । इन समूह चर्चाओं में पुलिस कर्मियों सहित एन.जी.ओ. के साथ ही पुलिस कर्मी और आयोग मित्र भी अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकेंगे ।

 

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