जप्त  शक्कर का डिस्पोज़ल कलेक्टर करेंगे , बाज़ार में जल्द वापस आएगी, राज्य सरकार ने दिए सुझाव 
  
राज्य सरकार  प्रदेश में छापों के तहत जप्त की गई शक्कर का हल निकालने के लिए विभिन्न  स्तरों पर लगातार कोशिश करती रही है। फिलहाल, इस मामले का हल कलेक्टरों  के जरिए करने का रास्ता निकाला गया है। सरकार खुद इस जप्त शक्कर के  व्यापार के मकसद से बाज़ार में इसकी जल्द वापसी के पक्ष में है। उसका मानना है  कि विशेषकर हाल ही के दिनों और आने वाले कुछ महीनों में त्यौहारों  के मौके पर बाज़ार में शक्कर की कमी न हो। कलेक्टरों को इस बारे में आज  मार्गदर्शी सुझाव दिए गए हैं। 
राज्य सरकार इस  तात्कालिक कार्रवाई के साथ ही बाज़ार में शक्कर का कृत्रिम अभाव दिखाकर  मौकापरस्त ज़माखोरों के प्रति भी सचेत है। उसका स्पष्ट मत है शक्कर की मौजूदा  स्थिति में इसके व्यापार से शुगर कंट्रोल आदेश के तहत जुड़े व्यापारियों  को बेवजह किसी प्रशासनिक कार्रवाई का शिकार न बनना पड़े। दूसरी ओर कोई  यदि कानून-कायदों का उल्लंघन कर शक्कर की ज़माखोरी और इसके जरिए मुनाफाखोरी  के फेर में पड़ जाए तो उसे बख्शना भी नहीं है। 
कलेक्टरों को सुझाव
राज्य सरकार की  ओर से प्रमुख सचिव खाद्य आपूर्ति श्री अशोक दास ने आज कलेक्टरों को  जप्तशुदा शक्कर के डिस्पोज़ल के लिए मार्गदर्शी सुझाव का पत्र जारी किया।  इसके मुताबिक शक्कर जप्ती के जो प्रकरण तैयार हुए हैं उनका यथासंभव 15 दिनों में निराकरण करने को  कहा गया है। यह भी साफ किया गया है कि इन प्रकरणों के अंतिम निराकरण  के पूर्व भी शक्कर व्यवसायी या अनावेदक को साल्वेंट सिक्यूरिटी के आधार  यह शक्कर सुपुर्द की जा सकेगी। कलेक्टर इस डिस्पोजल की कार्रवाई को  संशोधित शुगर कंट्रोल आर्डर के इस बारे में संबंधित प्रावधान के तहत  करेंगे। इस सिलसिले में कुछ शर्तें तय की गई हैं। इसके मुताबिक एक लिखित आदेश (सुपुर्दनामे)  के तहत संबंधित व्यापारी जिससे यह शक्कर जप्त की गई है उसे सौंपी जा  सकेगी। 
सुपुर्दनामे में यह  प्रावधान होगा कि उस व्यापारी को यह शक्कर किसी दूसरे व्यापारी को न बेचते  हुए इसे ऐसे फुटकर व्यापारियों को ही बेचना है जो 20 क्विंटल से कम शक्कर  का भण्डारण करते हैं। यह शक्कर संशोधित अधिसूचित आदेश में उल्लेखित  दाम पर बेची जा सकेगी। उसे जप्त शक्कर के मूल्य के बराबर उचित सिक्यूरिटी  भी देनी होगी। इसी तरह व्यापारी को शक्कर की इस सुपुर्दगी के विक्रय का  हिसाब-किताब कलेक्टर को उनके द्वारा तय की जाने वाली तारीख पर देना  होगा। इस व्यापारी को कलेक्टर के न्यायालय में यह सहमति भी देनी होगी कि आवश्यक  वस्तु अधिनियम के तहत राजसात इस शक्कर के विक्रय से प्राप्त पूरी कीमत  वह कलेक्टर के पास जमा करेगा। इस व्यापारी को शक्कर का यह विक्रय  सुपुर्दगीनामा दिए जाने से 15 दिन के भीतर करना होगा।

 
 

 
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