बर्ड फ्लू की रोकथाम हेतु कार्ययोजना बनाने के कलेक्टर ने दिये अधिकारियों को निर्देश
ग्वालियर 6 मई 08 । कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने पशु चिकित्सकों को निर्देश दिये हैं कि वे बर्ड फलू की पुख्ता रोकथाम के लिये कार्य योजना तैयार करें । उन्होंने कहा कि बर्ड फलू मुख्यत: मुर्गियों का घातक, संक्रामक, विषाणु जनित रोग है । इसका प्रभाव न केवल पशु पक्षियों अपितु मानव जाति पर भी होता है । उन्होंने कहा कि वर्तमान में बर्ड फलू जैसी स्थिति नहीं है किन्तु भविष्य में इसकी संभावनाओं और शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप इसकी रोकथाम के लिये कार्ययोजना बनाना आवश्यक है । कलेक्टर श्री श्रीवास्तव आज अपने सभाकक्ष में बर्ड फलू से बचाव एवं रोकथाम के लिये गठित जिला सतर्कता समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे । बैठक में पशु चिकित्सा सेवा के अधिकारियों सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।
कलेक्टर ने पशु चिकित्सकों को निर्देश दिये कि बाहर से आने वाले प्रवासी पक्षी तालाबों एवं नहरों पर आते हैं । उन्होंने कहा कि ककेटो, हरसी, तिघरा, पेहसारी सहित इन डेमों से लगे 5 किलोमीटर एरिया के गांवों का भी सर्वें कराकर आने वाले पक्षियों को चिन्हित करें । कलेक्टर ने कहा कि जिले में संचालित 33 पोल्टी फार्म के मालिकों की बैठक आयोजित कर बर्ड फलू के लक्षणों से अवगत कराते हुये कडे निर्देश दें कि लक्षण पाये जाने पर विभागीय अमला कड़ी सुरक्षा अपनाये । उन्होंने यह भी हिदायत दी कि पोल्टी फार्म संचालक महाराष्ट्र, मणिपुर, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से पक्षी (मुर्गे-मुर्गियां) नहीं खरीदें । कलेक्टर ने पशु चिकित्सा सेवा के संयुक्त संचालक को निर्देश दिये कि राज्य शासन द्वारा एवियन इन्फलूऐन्जा (बर्ड फलू) की रोकथाम के लिये दिये गये दिशा-निर्देशों और जिला स्तर पर बनाई गई कार्ययोजना की प्रति जिले के सभी एस.डी.एम., तहसीलदारों और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी दी जाये।
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