शुक्रवार, 9 मई 2008

बाल संजीवनी अभियान की सफलता के लिये समन्वय के साथ काम करें - कलेक्टर

बाल संजीवनी अभियान की सफलता के लिये समन्वय के साथ काम करें - कलेक्टर

अभियान का बारहवां चरण 15 मई से

ग्वालियर 8 मई 08 बच्चों के कुपोषण स्तर में कमी लाने के िलये बाल संजीवनी अिभयान का प्रदेश्ा व्यापी बारहवां चरण 15 मई से ग्वालियर जिले में भी श्ाुरू होगा। मिहला एवं बाल िवकास िवभाग द्वारा चलाया जाने वाला यह अिभयान 15 जून, 2008 तक चलेगा। िजला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने अिभयान के इस चरण में कुपोषण कम करने का लक्ष्य िनर्धािरत करने और िजले की िवस्तृत कार्ययोजना तैयार कर उसका प्रभावी िक्रयान्वयन करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं उन्होंने कहा है कि अभियान के संबंध में शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाये साथ ही अभियान की सफलता के लिये महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग का अमला आपसी समन्वय बनाकर कार्य करे

उल्लेखनीय है कि िजला स्तर पर बाल संजीवनी अिभयान के बेहतर िक्रयान्वयन के िलये स्वास्थ्य िवभाग और यूिनसेफ के प्रिििध के सहयोग से एक सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार की जा रही है। कार्ययोजना को स्वास्थ्य िवभाग के टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार ही तैयार करने के िलये कहा गया है। अिभयान के िक्रयान्वयन के पूर्व िजले में कुपोषण दूर करने के िलये बाल संजीवनी अिभयान के 11वें चरण के आंकड़ों के आधार पर 12वें चरण की रणनीित तैयार करने के लिये कहा गया है। अिभयान के बारहवें चरण में पांच वर्ष तक आयु के सभी बच्चों का वजन लेकर उनका कुपोषण स्तर तय िकया जायेगा। तीसरे और चौथे वर्ग तक के गंभीर कुपोिषत बच्चों की स्वास्थ्य जांच और उपचार के िलये पोषण पुनर्वास केन्द्र भेजा जायेगा। अिभयान के तहत पहले एवं दूसरे वर्ग के कुपोिषत बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने और उन्हें पुन: कुपोषण की श्रेणी में जाने से बचाने के िलये आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। इसके अलावा नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को िवटािमन '' की खुराक िपलाई जायेगी और ि´Éश्ोषज्ञों की सलाह पर डी-वर्मिंग की गोिलयां दी जायेंगी।

अिभयान के तहत वजन मेलों के बाद प्रोजेक्ट मुस्कान के तहत स्वास्थ्य जांच ‡„ािवरों का आयोजन िकया जायेगा। गंभीर कुपोिषत बच्चों को प्रितमाह बाल श्ाक्ति योजना के तहत उपचार एवं पुनर्वास के िलये पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भेजा जायेगा। प्रत्येक दो सप्ताह में इन बच्चों का वजन िलया जायेगा और इन बच्चों की ि´Éश्ोष िनगरानी की जायेगी।

बाल िवकास पिरयोजनाओं के प्रत्येक सेक्टर पर परामश्र्_ ‡„ािवर लगाये जायेंगे। ‡„ािवरों में कुपोिषत बच्चों के माता-िपता और अिभभावकों को स्वास्थ्य, ‡„ाक्षा, आहार, साफ-सफाई और स्वच्छता, स्तनपान, पीने का साफ पानी और कुपोषण बढ़ने के खतरे से आगाह करते हुए उिचत परामश्र्_ िदया जायेगा। पहले और दूसरे वर्ग के कुपोिषत बच्चों के पालकों को इन ‡„ािवरों में आवश्यक रूप से बुलाने के िनर्देश्É िदये गये हैं। पोषण आहार ि´Éश्ोषज्ञ और ‡„ाश्ाु रोग ि´Éश्ोषज्ञों को इन ‡„ािवरों में बुलाकर प्रत्येक बच्चे के पालकों को व्यक्तिगत रूप से सलाह उपलब्ध कराने और बच्चों के डाइट चार्ट तैयार करने के िनर्देश्É िदये भी गये हैं।

बाल संजीवनी के इस अिभयान को और अिधक पिरणाममूलक बनाने के िलये प्रत्येक बाल िवकास पिरयोजना के हर सेक्टर से पांच ऐसे आंगनवाड़ी केन्द्र चुनने के िनर्देश्É िदये गये हैं जहां सर्वािधक कुपोषण है। इन केन्द्रों में कुपोषण के स्तर को कम करने के िलये ि´Éश्ोष कार्ययोजना तैयार की जायेगी। इन केन्द्रों पर भी परामश्र्_ ‡„ािवरों के अनुरूप ही ि´Éश्ोषज्ञों के एक दल द्वारा समझाइश्ा दी जायेगी।

माह मई और नवम्बर में आयोिजत होने वाले एक माह के बाल संजीवनी सप्ताह में नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को िवटािमन की खुराक िपलायी जायेगी और ि´Éश्ोषज्ञों की सलाह पर डी वर्मिंग गोिलयां दी जायेंगी। िश्ाोरी बािलकाओं, गर्भवती माताओं और बच्चों को आयरन फोिलक एिसड की गोिलयों का िवतरण और उपयोग सुिनिश्चत िकया जायेगा।

बाल संजीवनी अिभयान के अंतर्गत हर छह माह में आयोिजत होने वाले वजन मेलों का आयोजन माह की एक से सात तारीख तक बाल संजीवनी सप्ताह के रूप में िकया जायेगा। पिरयोजना क्षेत्र के पांच वर्ष तक के बच्चों का वजन उनके माता-िपता के सामने िलया जायेगा। मौके पर बच्चों के कुपोषण का ग्रेड िनकालकर पालकों को पोषण संबंधी समझाइश्ा दी जायेगी। मातृ एवं ‡„ाश्ाु रक्षा कार्ड तथा िनयिमत वृिध्द िनगरानी चार्ट पर बच्चों का वजन अंिकत िकया जायेगा। इस प्रकार कुपोषण के स्तरों की समीक्षा की जायेगी।

 

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