जनदर्शन कार्यक्रम का फालोअप
संभागायुक्त ने जांच में दोषी पाये तीन अधिकारियों को किया निलंबित
जांच में पायी गई कई अनियमिततायें
ग्वालियर 27 अप्रैल 2007
शिवपुरी जिले में जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को मिली शिकायत की जांच कमिश्नर ग्वालियर द्वारा कराई गई । जांच में दोषी पाये गये तीन अधिकारियों को कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने निंलंबित कर दिया है । सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत शिक्षा घरों के संचालन में पाई गई अनियमित्ताओं पर जिला समन्वयक श्री सुधाकर पाराशर, प्रभारी विकास खण्ड स्रोत समन्वयक नरवर श्री रविन्द्र जैन और विकास खण्ड स्रोत समन्वयक शिवपुरी श्री संदीप अष्ठाना को निलंबित किया गया है ।
कमिश्नर ग्वालियर चम्बल संभाग डा. कोमल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री को मिली शिकायतों की जांच संभाग स्तर से जांच समिति गठित कर कराई गई । प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पाया गया कि शिवपुरी जिले में शिक्षा घर के चयन, अमले के चयन, उसी ग्राम में निवास कर रहे बच्चों को शिक्षा घर में प्रवेश देना, किये गये व्यय में अनियमित्ता,व्यय संबंधी अभिलेख संधारण में अनियमित्ताएं पायीं गई हैं । सबसे गंभीर स्थिति यह पाई गई कि अधिकांश ग्रामों में बड़ी संख्या में पलायन की स्थिति नहीं थीं, इसके बावजूद भी शिक्षा घर योजना पर अनावश्यक रूप से व्यय किया गया , जबकि इस योजना का मुख्य उध्देश्य यही है कि उस गांव की एक बड़ी आबादी आजीविका की तलाश में अपने निवास का ग्राम छोड़कर मजदूरी की तलाश में पलायन कर जाएं तो ऐसे परिवार अपने शाला जाने योग्य बच्चों को अपने साथ नहीं ले जाकर इन शाला घरों में रख सकें । प्रारंभिक जांच में यह भी पाया गया कि इस योजना की मानीटरिंग भी ठीक ढंग से नहीं की गई । मानीटरिंग हेतु जन शिक्षक, विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक, विकास खण्ड अकादमिक समन्वयक और विकास खण्ड जेण्डर समन्वयक तथा जिला समन्वयक उत्तरदायी है ।
डा. कोमल सिंह ने बताया कि जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनका, कृत्य न केवल शासन को जानबूझ कर आर्थिक हानि पहुंचाने का है, बल्कि षडयंत्र पूर्वक शासकीय राशि हडपने की श्रेणी में होकर उनकी निष्ठा पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है । निलंबन काल में तीनों अधिकारियों का मुख्यालय जिला पंचायत शिवपुरी रखा गया है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें