विशेष राजस्व अभियान में सार्वजनिक उद्देश्यों के लिये भूमि आरक्षित करें - कमिश्नर
ग्वालियर 2 मई 2007
गांवों की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विभिन्न सार्वजनिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये आवश्यक रूप से भूमि आरक्षित की जाये । यह निर्देश ग्वालियर एवं चंबल संभाग के कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह ने दोनों संभाग के सभी जिलों के राजस्व अधिकारियों को दिये हैं । कमिश्नर ने उक्त निर्देशों पर प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे विशेष राजस्व अभियान के दौरान अमल करने की हिदायत दी है ।
कमिश्नर डॉ. कोमल सिंह ने राजस्व अधिकारियों से कहा है कि गांव में पाठशाला, पंचायत भवन, आंगनबाडी, स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक विकास केन्द्र, खलिहान, श्मशान व कब्रिस्तान तथा खेल मैदान आदि सार्वजनिक उद्देश्यों के लिये भूमि आरक्षित की जाये । साथ ही विहित प्रक्रिया अपनाकर इसे भू-अभिलेख में भी दर्ज कराया जाये । उन्होंने कहा है कि प्रत्येक गांव की सार्वजनिक भूमि का सीमांकन किया जाये और अतिक्रमण की स्थिति होने पर उसे तत्काल हटायें । सभी सीमाचिन्हों का भौतिक सत्यापन करें और विलोपित हुये सीमाचिन्हों को पुन: स्थापित करें ।
राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि जहां शासकीय भूमि पर सीमा चिन्ह स्थापित है, वहां स्थायित्व देने के लिये पीपल या नीम का पौधा रोपा जाये । कमिश्नर ने पुराने राजस्व प्रकरणों को भी अभियान अवधि में निराकरण करने के निर्देश दिये हैं । विशेष राजस्व अभियान के लिये तहसीलवार कार्ययोजना तैयार कर मैदानी राजस्व अधिकारियों एवं राजस्वकर्मियों की तैनाती की जाये । कमिश्नर ने राजस्व अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार गांव-गांव में करने को कहा है, ताकि जब राजस्व अधिकारी गांव में पहुंचें तो ग्रामीणों की राजस्व संबंधी अन्य समस्याओं का समाधान भी हो सके ।
उल्लेखनीय है कि शासन के निर्देशानुसार ग्वालियर व चंबल संभाग में भी 25 अप्रैल से विशेष राजस्व अभियान शुरू किया गया है । आगामी 15 जून तक चलने वाले इस विशेष अभियान में गांव-गांव में विभिन्न राजस्व गतिविधियां आयोजित की जायेंगी, जिसमें मुख्यरूप से विलोपित सीमा चिन्हों को पुन: स्थापित किया जाकर पुराने राजस्व प्रकरणों का निपटारा राजस्व अधिकारियों द्वारा मौके पर किया जायेगा।
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