बिना आंगनवाड़ी वाले गांवों के अति कुपोषित बच्चों को भी दैनिक पोषण आहार
बीमारी या दुर्घटना में घायल के उपचार एवं परिवहन की व्यवस्था
ग्वालियर 30 अप्रैल, 2007
कुपोषण से प्रभावित बच्चों के लिये तथा बीमारी या दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के उपचार एवं अस्पताल ले जाने की परिवहन व्यवस्था हेतु जिले को एक लाख 20 हजार रूपये की राशि आवंटित की गयी है। प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित की गई इस राशि का उपयोग ऐसे ग्रामों में जहां आंगनवाड़ी नहीं है, वहां के अति कुपोषित बच्चों (ग्रेड 3 व 4) के लिये दैनिक पोषण आहार तथा आपात राहत के लिये किया जायेगा। इसके लिये अति कुपोषित बच्चों का चयन करके उनका पंजीयन किया जायेगा तथा उनके पालकों को शिशु राहत कूपन आवंटित किये जायेंगे ।
जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने संबंधित अधिकारियोेंं को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं कि आवंटित राशि का उपयोग अन्य किसी प्रयोजन के लिये नहीं किया जाये। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिले में उपरोक्त कार्यों पर होने वाले व्यय और सहायता राशि का मासिक विवरण आगामी माह की 10 तारीख तक राहत आयुक्त को आवश्यक रूप से भेज दिया जाये।
अति कुपोषित बच्चों को पोषण आहार खिलाने का कार्य ग्रामसभा की स्वास्थ्य समिति द्वारा चयन की गयी किसी महिला द्वारा किया जायेगा। चयनित महिला को 150 रूपये प्रतिमाह पारिश्रमिक दिया जायेगा। पोषण आहार के संबंध में वहीं मानदण्ड अपनाये जायेंगे जो आंगनवाड़ी हेतु अपनाये जा रहे हैं। अर्थात् अति कुपोषित बच्चों (ग्रेड 3 व 4) के लिये दो रूपये प्रति बच्चा प्रति दिवस व्यय किया जा सकेगा जिसमें परिवहन एवं ईधन व्यय सम्मिलित होगा।
प्रत्येक तहसीलदार के पास आवंटित राशि में से एक हजार रूपये की राशि पेशगी के रूप में उपलब्ध रहेगी ताकि वह निरन्तर स्थिति का आंकलन करते हुए बीमारी या दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के उपचार एवं अस्पताल ले लाने की परिवहन व्यवस्था के लिये संबंधित जरूरतमंद व्यक्तियों को तत्काल सहायता प्रदान कर सके।
जिले की सभी तहसीलों के लिये 40 हजार रूपये प्रति तहसील के मान से राशि आवंटित की गयी इस प्रकार ग्वालियर की राशि आवंटित जिले को एक लाख 20 हजार रूपये की गयी है।
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