शुक्रवार, 4 मई 2007

वनों के विकास को गति देने एक साथ बैठे जनप्रतिनिधि व अधिकारी

डी.एफ.ओ. विकास कार्यों के लिए तत्परता से अनुमति दें  - वन मंत्री श्री कोठारी

वनों के विकास को गति देने एक साथ बैठे जनप्रतिनिधि व अधिकारी

ग्वालियर 3 मई 2007

       विभिन्न विभागों के समन्वय से वनों के विकास को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है, इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जन प्रतिनिधियों व बरिष्ठ अधिकारियों ने आज वन एवं परिवहन मंत्री श्री हिम्मत कोठारी की अध्यक्षता में एक साथ बैठ कर विचार विमर्श किया । सिटी सेण्टर स्थित राज्य स्तरीय स्वास्थ्य प्रबंधन व संचार संस्थान में सम्पन्न हुई इस बैठक में सांसद सुश्री यशोधरा राजे सिंधिया, विधायक गण सर्वश्री ध्यानेन्द्र सिंह, कमलापत आर्य, बृजेन्द्र तिवारी, गजराज सिंह सिकरवार व मेहरबान सिंह रावत, प्रमुख सचिव वन श्री अवनि वैश्य, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही.आर. खरे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री पी.बी.गंगोपाध्याय , ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के कमिश्नर डा. कोमल सिंह , पुलिस महानिरीक्षक चम्बल रेंज श्री विजय यादव, सचिव वन विभाग श्री रतन पुरवार, मुख्य वन संरक्षक सर्वश्री जे.पी. शर्मा , ए.के. सिंह, सतीश त्यागी, जैव विविधता बोर्ड भोपाल से श्रीमती गोपा पाण्डेय, विभागीय वन संरक्षकगण, ग्वालियर , भिण्ड, मुरैना , दतिया व अशोक नगर जिले के कलेक्टर , पुलिस अधीक्षक , वन मण्डलाधिकारी तथा जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे । विकास कार्यों को मूर्तरूप देने में वन विभाग की ओर से आ रहीं बाधाओं को त्वरित गति से दूर करने पर जोर देते हुए वन मंत्री श्री हिम्मत कोठारी ने कहा कि प्रावधानों के तहत विभागीय अनुमति शीघ्र प्रदान की जाये । गौरतलब है कि तालाब, पाठशाला, अस्पताल, सामुदायिक आदि विकास कार्य बाधित न हों, इसलिए एक हैक्टेयर तक भूमि वा विकास कार्यो की अनुमति प्रदान करने के अधिकार वन मण्डल अधिकारियों को दिये गये । वन मंत्री ने वन मण्डलाधिकारियों को स्पष्ट हिदायत देते हुये कहा कि वे इस काम में व्यक्तिगत रूचि लेकर आवश्यक कागजी खानापूर्ति करायें और जल्द से जल्द अनुमति प्रदान करें । उन्होंने जिला कलेक्टर्स से भी इस काम में विशेष रूचि लेने की बात कही । वन मंत्री ने संभागीय आयुक्त डा. कोमल सिंह से कहा कि शासन द्वारा आयुक्त की अध्यक्षता में गठित की गई समिति की नियमित रूप से बैठकें आयोजित करें और एक हैक्टयर तक की वन भूमि पर विकास कार्यों की अनुमति तथा वन विभाग से संबंधित अन्य समस्याओं का समाधान करायें ।

       बैठक में वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत वन मण्डलाधिकारी को प्रत्यायोजित अधिकारों के तहत लंबित प्रकरणों सहित वन राजस्व भूमि सीमा विवाद के प्रकरणों की निराकरण की स्थिति की भी समीक्षा की गई । इसके अलावा ग्वालियर राज्य जंगलात कानून का प्रभाव तथा वन क्षेत्रों में अवैध उत्खनन की समस्या एवं उससे निपटने की रणनीति पर चर्चा हुई । समीक्षा बैठक में खास तौर पर राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण क्षेत्र से रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए वन, राजस्व व पुलिस विभागों के अधिकारियों से प्रभावी रणनीति बनाकर काम करने के लिए कहा गया । बैठक में जनप्रतिनिधियो, संभागायुक्त, कलेक्टर्स व अन्य अधिकारियों ने उपयोगी सुझाव दिये ।

 

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