विश्व क्षय दिवस पर कार्यक्रम सम्पन्न
क्षयरोग नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पुरस्कृत
ग्वालियर 24 मार्च 08 । जिले के जिन क्षेत्रों में क्षयरोग के मरीजों की संख्या बढ़ी है उन क्षेत्रों में बीमारी के कारणों को खोजने के साथ-साथ उन क्षेत्रों में विशेष अभियान संचालित कर स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन की आवश्यकता है । उक्त आशय के विचार ग्वालियर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री जगदीश शर्मा ने आज विश्व क्षय दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण केन्द्र सिटी सेंटर ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त संचालक तथा कोर कमेटी आर.एन.टी.पी.सी. के अध्यक्ष डॉ. पी.सी. महाजन ने की । इस अवसर पर वक्ताओं ने क्षयरोग के होने के कारणों एवं डॉट पध्दति से उपचार आदि के संबंध में अपने-अपने विचार व्यक्त किये । इस मौके पर जी.आर. मेडीकल कॉलेज के सामुदायिक मेडीसन विभाग के स्नातकोत्तर छात्र डॉ. प्रशांत वर्मा और धीरज श्रीवास्तव को 10-10 हजार रूपये की पुरस्कार राशि प्रदाय की गई । जबकि क्षयरोग नियंत्रण के क्षेत्र में 30 कर्मचारियों एवं कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया गया ।
श्री शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि विश्व क्षय दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को क्षयरोग के प्रति जागरूक करना है । उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि मरीज ठीक होने पर दवाईयां बंद कर देते हैं जबकि मरीजों को सलाह दी जाये कि चिकित्सकों द्वारा दवाओं की जो डोज निर्धारित की गई हैं उन्हें पूरी लें । यह कार्य चिकित्सकों के सुपरवीजन में किया जाये ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये डॉ. पी.सी. महाजन ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह तक खाँसी रहने पर वह अपने खकार की जांच अवश्य करायें । जांच में क्षयरोग के लक्षण पाये जाने पर चिकित्सक की परामर्श एवं उपचार के साथ-साथ दवायें भी लें । डॉ. के.के. तिवारी ने कहा कि क्षयरोग देश की नहीं बल्कि विश्व की एक ज्वलंत समस्या है ।
डॉ. भरत जैन ने कहा कि क्षयरोग एक पुरातन बीमारी है । डॉट्स पध्दति से इस बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में क्षयरोग के 19 लाख नये प्रकरण दर्ज हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि क्षयरोग से संक्रमित एक मरीज 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है । डॉ. अशोक मिश्रा ने कहा कि क्षयरोग से 15 से 59 आयुवर्ग के लोग प्रभावित होते हैं । उन्होंने कहा कि इस रोग के उपचार हेतु शासकीय चिकित्सालयों में जो दवाईयां दी जा रही हैं उनके एक सप्ताह तक सेवन करने से बीमारी पर काफी नियंत्रण पाया जा सकता है । डॉ. विकास सबरवाल ने क्षयरोग के प्रति जागरूक करने पर बल दिया ।
कार्यक्रम के शुरू में जिला क्षयरोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. व्ही.के. गुप्ता ने बताया कि विश्व क्षयरोग दिवस पर जिले में चार स्थानों पर जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं । उन्होंने बताया कि जिले में 21 प्रयोगशालाओं के माध्यम से खकार (स्फुटम) की जांच की सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई गई है । उन्होंने बताया कि जिले के 300 गांवों में लगभग 1200 मरीजों को डॉट पध्दति से उपचार किया जा रहा है । क्षयरोग के प्रति जनसामान्य में जागरूकता पैदा करने एवं उपचार में सहयोग देने वाले स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं को लगभग 50 हजार रूपये की राशि प्रदाय की गई है । इस अवसर पर डॉ. सी.पी.गुप्ता, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यू.के. गुप्ता, कर्मचारीगण एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रधान ने किया ।
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