गुरुवार, 27 मार्च 2008

ग्‍वालियर जिले की 896 बालिकायें बनेंगी लखपति

ग्‍वालियर जिले की 896 बालिकायें बनेंगी लखपति

ग्वालियर 26 मार्च 2008 । बेटियां अब समाज पर बोझ नहीं है अपितु लक्ष्मी सदृश्य है । प्रदेश सरकार ने बेटी के जन्म लेते ही उसे लखपति बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है । सरकार द्वारा इसके लिये शुरू की गई ''लाडली लक्ष्मी'' योजना से ग्वालियर जिले में भी फरवरी माह के अंत तक 896 बालिकायें लाभान्वित कराई जा चुकी हैं ।

       जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती सीमा शर्मा ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की 478 व शहरी अंचल की 418 इस प्रकार कुल 896 बालिकाओं को भविष्य लक्षीय प्रभाव से लखपति बनाया गया है । उन्होंने बताया कि लाडली लक्ष्मी योजना के तहत एकीकृत बाल विकास परियोजना शहरी क्रमांक-एक में 97 बालिकायें, शहरी क्रमांक-दो में 228 व शहरी परियोजना क्रमांक-तीन में 93 बालिकायें लाभान्वित कराई गई हैं । इसी प्रकार परियोजना मुरार में 145, डबरा में 185, बरई में 80 एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना भितरवार के अंतर्गत 68 बालिकायें लाभान्वित कराई गईं हैं ।

आधी आबादी अर्थात महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना समग्र विकास की बात सोचना बेमानी है । प्रदेश सरकार ने इस बात को गहराई से समझा है और महिलाओं के हित में तमाम निर्णय लिये हैं । इस दिशा में सरकार ने ''लाडली लक्ष्मी'' जैसी महत्वाकांक्षी योजना संचालित की जा रही है । जिसमें बालिका की शिक्षा से लेकर उसे आर्थिक सुरक्षा देने तक की पुख्ता व्यवस्था है । कहने का आशय है कि प्रदेश सरकार ने एक जनवरी 2006 से जन्म लेने वाली सभी बेटियों को गोद ले लिया है । बालिकाओं की उचित परिवरिश और उनका समग्र विकास करना लाडली लक्ष्मी योजना का प्रमुख मकसद तो है ही, साथ ही महिला-पुरूष अनुपात की विषमता को कम करना भी योजना का प्रमुख उद्देश्य है ।

सरकार अपनी ओर से लाडली लक्ष्मी योजना के तहत पंजीकृत हर बालिका को 5 वर्ष तक प्रति वर्ष 6 हजार रूपये अर्थात कुल 30 हजार रूपये के राष्ट्रीय बचत पत्र क्रय करके देगी । जब बालिका विवाह योग्य होगी तब उसे करीबन सवा लाख रूपये की राशि मिलेगी । इसके अलावा बालिका जब छठी कक्षा में पहुंचेगी तब उसे दो हजार रूपये, नवी कक्षा में प्रवेश पर साढ़े सात हजार रूपये तथा 11वीं एवं 12वीं कक्षा में अध्ययन के दौरान 200 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से छात्रवृत्ति भी प्रदान की जायेगी ।

 

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