सम्पत्तिकर की रसीद पर भूमि क्षेत्रफल, उपयोग का प्रकार, वार्षिक भाड़ा मूल्य की दर अंकित करना आवश्यक- निगमायुक्त
ग्वालियर दिनांक 05 जून 2008- म0प्र0 नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 के प्रावधान अनुसार नगर निगम सीमा में स्थित भवन/भूमियों के स्वामियों द्वारा सम्पत्तिकर एवं अन्य देय कर निगम कोष में जमा कराया जाता है, जिस हेतु कर संग्रहक द्वारा उन्हें निर्धारित प्रपत्र में सम्पत्तिकर एवं समेकित कर की रसीद प्रदाय की जाती है। यह देखने में आ रहा है कि अधिकांश कर संग्रहकों द्वारा सम्पत्तिकर एवं समेकित कर एवं समेकित कर की रसीद पर भवन/भूमि का क्षेत्रफल, उपयोग का प्रकार, परिक्षेत्र क्रमांक एवं वार्षिक भाड़ा मूल्य की दर अंकित नहीं की जा रही है, जो कर के औचित्य के निर्धारण के लिये अत्यंत आवश्यक है।
निगमायुक्त द्वारा सभी कर संग्रहकों को निर्देशित किया है कि करदाताओं को जारी किये जाने वाली प्रत्येक रसीद पर संबंधित भवन/भूमि का क्षेत्रफल (आवासीय/गैर आवासीय एवं आवास किराये पर पृथक-पृथक) परिक्षेत्र क्रमांक भाड़ा मूल्य की दर एवं कम्प्यूटरीकृत आई.डी. क्रमांक अनिवार्य रूप से अंकित की जावे। जो कर संग्रहक उपरोक्तानुसार रसीद पर उल्लेख नहीं करेंगे, इस कार्यालय के ज्ञान में आने पर संबंधित के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
1 टिप्पणी:
ग्वालियर में तमाम मकान ऐसे हैं जो पास नक्शे से ज्यादा जगह घेरकर बने हैं। ले देकर इनको कंप्लीशन का प्रमाणपत्र मिल गया। ये मकान संपत्ति कर और दूसरे कर उसी जगह के आधार पर देते हैं जो नक्शे में पास है। यानी सीनाजोरी और चोरी। ठाठीपुर में न्यू दर्पण कॉलोनी के पास कृष्णा विहार में इस तरह के कई मकान तो मैं जानता हूं जिन्होने पूरे प्लाट पर निर्माण तो कराया ही है सड़क पर भी जगह घेर रखी है हरियाली के नाम पर। उनकी वजह से आये दिन दुर्घटनायें और वाद विवाद होते रहते हैं। नगर निगम को इस तरह के मकान चलाकर करों की रिकवरी करनी ताहिये बल्कि उन निगम कर्मचारियों पर भी कार्रवाई करनी चाहिये जिन्होने इस गोरखधंधे में साथ दिया है।
एक ज़िम्मेदार नागरिक
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