शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

भोपाल में ग्रामीण प्रौद्योगिकी उपयोग केंद्र स्थापित होगा

भोपाल में ग्रामीण प्रौद्योगिकी उपयोग केंद्र स्थापित होगा

नये मध्यप्रदेश के निर्माण में ग्रामीण प्रौद्योगिकी का उपयोग जरूरी, मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा दो दिवसीय ग्रामीण प्रौद्योगिकी पर्व का शुभारंभ

 

Bhopal:Thursday, September 17, 2009

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के अंतर्गत ग्रामीण प्रौद्योगिकी उपयोग केंद्र की स्थापना किये जाने की घोषणा की है। यह केंद्र प्रदेश में व्याप्त ग्रामीण प्रौद्योगिकी की पहचान कर परम्परागत ज्ञान एवं उसके जानकार लोगों को बढ़ावा देकर संरक्षण और संवर्द्धन का काम करेगा। श्री चौहान विश्वकर्मा जयंती पर परिषद द्वारा विज्ञान भवन नेहरू नगर में आयोजित दो दिवसीय मध्यप्रदेश ग्रामीण प्रौद्योगिकी पर्व का शुभारभ कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी सार्थकता तभी है जब इसका लाभ गरीबों और परम्परागत कारीगरों को मिले। उन्होंने कहा कि ग्रामीण प्रौद्योगिक जहां एक और गांवों को पूर्णत: सक्षम और आत्मनिर्भर इकाई बनाती है वहीं गांवों के पर्यावरण एवं संस्कृति के अनुरूप सामाजिक बदलाव लाने में भी सक्षम होती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और आध्यात्म एक दूसरे के पूरक है। भारत में सदैव से ज्ञान-विज्ञान की उन्नत परम्परा रही है। आज जरूरत इस बात की है कि हम ग्रामीण प्रौद्योगिकी की पहचान कर उसे स्वावलंबन और विकास के साथ ही रोजगार का जरिया भी बनाये।

श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद परम्परागत कारीगरों के कौशल उन्नयन के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने परिषद के विज्ञान प्रतिभा खोज कार्यक्रम की भी सराहना की। श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले वर्षों में परिषद के बजट में पर्याप्त वृद्धि की है और आगे भी परिषद को धन की कमी नहीं होने दी जायेगी।

श्री चौहान ने ग्रामीण प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाये गये स्टालों का अवलोकन पर शिल्पियों से चर्चा भी की। मुख्यमंत्री ने परिषद द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का भी लोकार्पण किया।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भारतवर्ष अपार संभावनाओं बाला देश है। पूरे देश में ज्ञान-विज्ञान बिखरा पड़ा है। आज जरूरत इस बात की है कि हम ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में व्याप्त ज्ञान-विज्ञान पद्धतियों को सहेजकर उसे लोगों की भाषा में उपलब्ध करवाये। कार्यक्रम को प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल में ग्रामीण प्रौद्योगिकी के प्रमुख मेजर एस.चटर्जी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद में शीघ्र ही भारत सरकार के ग्रामीण प्रौद्योगिकी संकाय का नोडल सेन्टर स्थापित किया जायेगा।

परिषद के महानिदेशक प्रो. प्रमोद के. वर्मा ने अपने स्वागत भाषण में परिषद की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। प्रो. वर्मा ने अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भी भेंट किये। डॉ. राजेश शर्मा ने परिषद द्वारा डोगला में स्थापित की जा रही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वैद्यशाला और उज्जैन में बनाये जा रहे विश्व के चौथे और देश के पहले हायब्रिड तारामंडल पर केंद्रित प्रस्तुतीकरण दिया।

प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान और श्री विजयवर्गीय ने परिषद के परिसर में स्थापित भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। दीप प्रज्जलन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत के बाद प्रदर्शनी में शामिल कारीगर श्री रामकुमार ठाकुर, सुश्री सीमा भौमिक और माया कौल ने अतिथियों का स्वागत किया। आभार प्रदर्शन परियोजना संचालक श्री एन.पी. शुक्ला ने किया।

 

 

कोई टिप्पणी नहीं: