शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

दुर्घटना में मृत मजदूर के परिजनों को मिलेगा एक लाख रूपये का मुआवजा

दुर्घटना में मृत मजदूर के परिजनों को मिलेगा एक लाख रूपये का मुआवजा (विश्वकर्मा जयन्ती – 17 सितम्बर)

श्रम राज्य मंत्री श्री करण सिंह वर्मा की घोषणा

 

Bhopal:Thursday, September 17, 2009

 

मध्यप्रदेश में अब दुर्घटना के कारण मरने वाले किसी भी क्षेत्र के मजदूर के परिजनों को एक लाख रूपये का मुआवजा दिया जाएगा। अभी तक केवल निर्माण श्रमिकों के परिजनों को ही दुर्घटना में मृत्यु होने पर एक लाख रूपये की सहायता राशि दी जाती है।

·                     दुर्घटना में मृत श्रमिकों के परिजनों को मिलेगा 1 लाख रूपये का मुआवजा

·                     अभी तक केवल निर्माण श्रमिकों के परिजनों को मिलती थी यह राशि

·                     श्रम मंत्री की श्रमिकों से अधिकाधिक पंजीयन की अपील

·                     पंजीयन से मिलता है कल्याणकारी योजनाओं का लाभ

·                     श्रम मंत्री द्वारा कार्यक्रम में सहायता राशि के चेक वितरित

·                     सहायता प्रसूति, विवाह, मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत दी गई

श्रम एवं राजस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री करण सिंह वर्मा ने उक्त घोषणा आज यहां विश्वकर्मा जयंती पर श्रमिकों के लिए आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में दी। श्रम राज्य मंत्री ने इस अवसर पर श्रमिकों को प्रसूति सहायता योजना, विवाह सहायता योजना और मेधावी छात्रवृत्ति योजना के तहत सहायता राशि के चेक भी वितरित किए। कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त रूप से म.प्र. श्रम कल्याण मण्डल और मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा किया गया।

श्रम राज्य मंत्री श्री वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस तरह भगवान ब्रह्मा के पुत्र विश्वकर्मा ने सृष्टि, लंका नगरी, द्वारिका नगरी आदि की रचना की वैसे ही श्रमिक देश और प्रदेश के निर्माण का आधार हैं। श्री वर्मा ने श्रमिकों से अपील की कि वे हर हाल में अपना पंजीयन सुनिश्चित करायें ताकि उन्हें शासन द्वारा मजदूरों के लिए विवाह, शिक्षा, दुर्घटना, प्रसूति, उपचार आदि के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। श्री वर्मा ने मजदूरों से छोटा परिवार रखने की भी गुजारिश की ताकि वे अपने बच्चों की बेहरत परवरिश कर उन्हें खुशहाल नागरिक बना सकें। श्री वर्मा ने श्रम विभाग के अधिकारियों को गांव-गांव में शिविर लगाकर अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीयन करने के निर्देश दिए।

 

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