गुरुवार, 17 सितंबर 2009

विद्युत बचत पम्पों को सब्सिडी देने पर सरकार विचार करेगी

विद्युत बचत पम्पों को सब्सिडी देने पर सरकार विचार करेगी

ऊर्जा दक्षता पर आयोजित कार्यशाला का ऊर्जा मंत्री श्री अनूप मिश्रा द्वारा शुभारंभ

Bhopal:Wednesday, September 16, 2009

ऊर्जा एवं लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने गैर परम्परागत ऊर्जा के विकास पर जोर देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में बिजली बचत पम्प योजना लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए सब्सिडी देने पर विचार करेगी। श्री मिश्रा आज यहां ऊर्जा दक्षता पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे। इस आयोजन में मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री जे.एल. बोस, सदस्य अभियांत्रिकी  श्री के.के. गर्ग, सदस्य वित्त श्री सी.एस. शर्मा एवं सचिव ऊर्जा श्री एस.पी.एस. परिहार उपस्थित थे। इस कार्यशाला का आयोजन मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम एवं विद्युत नियामक आयोग ने संयुक्त रूप से किया था।

ऊर्जा मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने कहा कि बिजली की निरंतर मांग में वृद्धि को देखते हुए अब हमे अगर आपूर्ति और मांग के बीच के अंतर को पाटना है तो ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोंतों पर विशेष ध्यान देना होगा। श्री मिश्रा ने कहा कि इसके साथ-साथ विद्युत उत्पादन से लेकर वितरण, पारेषण एवं उन बिन्दुओं को भी देखना होगा जिससे हम विद्युत का अपव्यय होने से रोक सके। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण विद्युत व्यवस्था को आज सुदृढ़ और उसका पुनर्रद्धार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हमने हाल ही में सभी सरकारी कार्यालयों में ए.सी बंद करने के साथ ही सीएफएल बल्ब लगाने का अभियान शुरू किया है। इससे हम विद्युत व्यय में काफी कमी ला सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब हमारा विचार है कि पूरे प्रदेश में विद्युत बचत पम्प का वितरण करें ताकि हम विद्युत खर्च में और कमी ला सके। उन्होंने कहा कि हमारे यहां की विंड सोलर एवं बायोमास सोलर की विद्युत दरों पर भी विचार करना होगा। हमें इन दरों को व्यावहारिक और आम आदमी के पहुंच के आधार पर तय करना होगा। श्री मिश्रा ने विद्युत नियामक आयोग के प्रति इस बात पर आभार व्यक्त किया कि उन्होंने पर किलोवॉट विद्युत दर तय करने और अवैध कॉलोनियों को बिजली कनेक्शन देने का निर्णय लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने आज की कार्यशाला को उपयोगी और दूरदृष्टि वाला निरूपित करते हुए कहा कि इसके माध्यम से हमें वैकल्पिक ऊर्जा के स्त्रोतों को विकसित करने के लिये समयबद्ध कार्ययोजना बनाना चाहिए इस कार्ययोजना को लागू करने की जवाबदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि परिचर्चाओं के माध्यम से समय-समय पर लिये गये निश्कर्षों का हमें निरंतर मूल्यांकन भी करना चाहिए ताकि हम उसके पालन की स्थिति भी जान सके और उन कमियों को दूर कर सके जो इनके क्रियान्वयन में बाधा डालती है। उन्होंने कहा कि आज हम अगर ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम को अपने प्रदेश में प्रभावी ढ़ंग से लागू कर पाए तो न केवल यह राज्य हित में होगा बल्कि देश हित में भी होगा।

प्रारंभ में राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री जी.एल.बोस ने अपने स्वागत भाषण में विद्युत आपूर्ति एवं मांग में बढ़ते हुए अंतर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब हमें उन विकल्पों पर विचार करना अनिवार्य है जिनसे हम विद्युत की कमी को दूर कर सके। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन ऊर्जा विकास निगम के वरिष्ठ अधिकारी श्री भुवनेश पटेल ने किया।

 

 

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