गुरुवार, 3 सितंबर 2009

खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण पर अंकुश लगाने के लिये प्रशासन हुआ सख्त खाद्य निरीक्षकों को सतत रूप से सेम्पल लेने के कलेक्टर ने दिये निर्देश

खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण पर अंकुश लगाने के लिये प्रशासन हुआ सख्त खाद्य निरीक्षकों को सतत रूप से सेम्पल लेने के कलेक्टर ने दिये निर्देश

ग्वालियर 2 सितम्बर 09। खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण एवं निम्न गुणवत्ता की दवाइयों पर अंकुश लगाने के लिये जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। इस दिशा में जिले में चल रही मुहिम को और तेज करने के मकसद से जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने बुधवार को जिले में पदस्थ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के निरीक्षकों की बैठक ली। खाद्य पदार्थों एवं दवाइयों की जांच के लिये सेम्पल की तादाद बढ़ाने पर जोर देते हुए कलेक्टर ने बैठक में हिदायत दी कि छोटी दुकानों सहित बड़े-बड़े होटल, मॉल व बड़ी किराना दुकानों आदि से भी अधिकाधिक सेम्पल लेकर जांच के लिये भेजें, ताकि अमानक पाये गये उत्पादों को प्रतिबंधित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। कलेक्टर ने खाद्य एवं औषधि निरीक्षकों को भी सख्त लहजे में अपने दायित्वों का मुस्तैदी पूर्वक निर्वहन करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट पर अंकुश लगाने के लिये चलाई जा रही मुहिम में किसी भी प्रकार की कोताही अक्षम्य होगी।

       बैठक में बताया गया कि मौजूदा वर्ष में जनवरी माह से गत माह के अन्त तक जिले में खाद्य पदार्थों के 173 नमूने जांच के लिये भेजे गये। इनमें दूध एवं उससे बने खाद्य पदार्थों के 96 व अन्य खाद्य पदार्थों के 77 नमूने शामिल हैं। जांच के लिये भेजे गये कुल नमूनों में से 43 अमानक व 55 मानक पाये गये हैं। इस दौरान न्यायालय में विभिन्न फर्मो के खिलाफ 39 प्रकरण दर्ज कराये गये हैं।

       कलेक्टर ने प्रत्येक खाद्य निरीक्षक के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि विभिन्न फर्मों से सेम्पल लेने की कार्रवाई आकस्मिक रूप से की जाये। उन्होंने, पनीर, दूध, सरसों तेल व अन्य खाद्य तेल, मिठाइयाँ, मसालों आदि खाद्य पदार्थों के सेम्पल लेने की कार्रवाई सतत रूप से जारी रखने के निर्देश दिये। ग्वालियर नगर के साथ-साथ जिले के डबरा व भितरवार सहित अन्य कस्बों की दुकानों से भी सेम्पल लेने के लिये भी खाद्य निरीक्षकों को निर्देशित किया गया। खाद्य निरीक्षकों से कहा गया कि वे विभिन्न फर्मों से जप्त की गई खाद्य सामग्री पर नजर रखें। यदि सील कर के रखी गई सामग्री के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ पाई जाये तो दोषी फर्म के खिलाफ अमानत में खयानत के प्रकरण दर्ज कराये जायें।

       निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं पर सख्ती से अंकुश लगाने पर बल देते हुए कलेक्टर ने कहा कि फुटकर व थोक दोनों तरह की दवा दुकानों से सेम्पल लिये जायें। उन्होंने सीमावर्ती राज्य के एक नगर से आने वाली दवाओं पर खास नजर रखने की हिदायत भी दी। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये कि मेडीकल स्टोर संचालकों से कहें कि उपभोक्ता को दवाओं का बिल अवश्य दें। साथ ही मेडीकल स्टोर संचालकों से इस आशय के बोर्ड लगाने के लिये कहें। प्रचार-प्रसार के जरिये उपभोक्ताओं को भी दवाओं के बिल लेने के लिये प्रेरित करने के निर्देश भी बैठक में दिये गये। कलेक्टर ने कहा विल पर दवाओं के वेच नम्बर का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिये, जिससे नकली दवाओं के विक्रय पर अंकुश लग सके।

टॉफी फेक्ट्रियों से भी लें सेंपल

       विभिन्न प्रकार की टॉफियों के सेम्पल लेने के निर्देश भी कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि नगर में संचालित टॉफी फेक्ट्रियों एवं फुटकर दुकानों से पृथक-पृथक सेंपल लिये जायें।

 

 

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