बुधवार, 14 जुलाई 2010

बीहड़ीकरण रोकने में जनप्रितिनिधि योगदान दें - श्री सरताज सिंह

बीहड़ीकरण रोकने में जनप्रितिनिधि योगदान दें - श्री सरताज सिंह

वनमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से अवैध उत्खनन बीहड़ों पर अंकुश के लिये मांगे सुझाव 

ग्वालियर 12 जुलाई 10 वन मंत्री श्री सरताज सिंह ने कहा है कि राजस्व, पुलिस एवं वन विभाग आपसी तालमेल बनाकर कार्य करें और खनिज के अवैध उत्खनन अवैध वन कटाई को सख्ती से रोकें। उन्होंने उपजाऊ भूमि के  कटाव को रोकने के उपाय करने की हिदायत भी अधिकारियों को दी, ताकि  बीहड़ के बढ़ने को रोका जा सके। श्री सरताज सिंह ने जनप्रतिनिधियों से भी इसमें अपना अमूल्य योगदान देने की अपेक्षा की। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से इन कार्यों के लिये महत्वपूर्ण सुझाव भी आमंत्रित किये।

       वनमंत्री श्री सरताज सिंह ने ये निर्देश आज यहां बाल भवन में चंबल एवं ग्वालियर के अधिकारी तथा जनप्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में दिये।  बैठक में विधायक श्री प्रद्युम्न  सिंह तोमर, श्री मदन कुशवाह, श्री लाखन सिंह, श्रीमती इमरती देवी, श्री सुरेश चौधरी, श्री मनीराम धाकड़, सांसद प्रतिनिधि श्री अनुराग बंसल, ग्वालियर के संभागायुक्त श्री एस बी. सिंह एवं चंबल के श्री एस डी. अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक चंबल श्री एस के. झा, ग्वालियर के कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, मुरैना कलेक्टर श्री एम के. अग्रवाल, चंबल के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री डी पी. गुप्ता, ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक श्री ए. सांई मनोहर, अपर कलेक्टर श्री आर के. जैन, मुख्य वन संरक्षक श्री एल के. चौधरी, अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त ग्वालियर के मुख्य वन संरक्षक श्री ए के. विसारिया, मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी श्री मुरली कृष्णन, वन संरक्षक ग्वालियर श्रीमती बिन्दु शर्मा सहित ग्वालियर एवं चंबल संभाग के वन मण्डलाधिकारी भी उपस्थित थे।

       वन मंत्री श्री सरताज सिंह ने कहा कि ग्वालियर एवं मुरैना जिलों में राजस्व व वन विभाग की लगभग 2700 पत्थर खदानें हैं, लेकिन राजस्व विभाग की खदानें कम हो जाने के कारण वन विभाग की खदानों से पत्थर के अवैध उत्खनन का प्रयास किया जाता है। इसलिये वन विभाग के ऐसे खनिज क्षेत्र जहां जंगल नहीं हैं, उन्हें डिनोटीफाइड करके राजस्व विभाग को देने का निर्णय लिया गया है। इससे शासन को लगभग 265 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष राजस्व की प्राप्ति होगी। साथ ही इससे जुड़े लोगों को रोजगार की समस्या भी नहीं रहेगी। इसके अलावा प्रशासन व खनिज माफिया में टकराव भी नहीं होगा। उन्होंने इन खदानों का सर्वे करके प्रस्ताव भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसी प्रकार घड़ियाल, मगर, डाल्फिन, कछुआ आदि जलीय जीवों वाले क्षेत्र से रेत के अवैध उत्खनन को भी सख्ती से रोका  जाये, इसके लिये जनप्रतिनिधियों की भी मदद ली जाये।

       वन मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में वन एवं राजस्व विभाग का बीहड़ लगभग एक लाख हेक्टेयर है तथा यह और अधिक तेजी से बढ़ रहा है। अत: इसे रोकना आवश्यक है। अन्यथा उपजाऊ भूमि बीहड़ बन जायेगी तथा नदियाँ भी उथली हो जायेंगी। उन्होंने हिदायत दी कि वन एवं राजस्व विभाग विशेष कार्य योजना बनाकर बीहड़ को बढ़ने से रोकें। इसके लिये बीहड़ का समतलीकरण किया जाये तथा गहरे बीहड़ में जगह-जगह चैक डैम बनाये जायें एवं बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया जाये। उन्होंने चंबल क्षेत्र में ईको टूरिज्म बनाये जाने के संबंध में कहा कि इसे आकर्षक बनाकर चंबल सफारी बनाया जाये।

       श्री सरताज सिंह ने अवैध तरीके से वन कटाई को रोकने के लिये अधिकारियों को हिदायत दी कि इस दिशा में कठोर कदम उठाये जायें और वनों की कटाई को रोका जाये। यह जिम्मेदारी अधिकारियों की है। इसी प्रकार अवैध आरा मशीनों पर अंकुश लगाया जाये। यह  बीट गार्ड की जिम्मेदारी होगी। जिस क्षेत्र में अवैध आरा मशीन पाई जायेगी उस क्षेत्र के बीट गार्ड पर कठोर कार्रवाई की जायेगी।

 

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