शनिवार, 17 मई 2008

सूखा राहत कार्यक्रम :ग्रामीण श्रमिकों को मिला 1,43,820 मानव दिवस के बराबर रोजगार

सूखा राहत कार्यक्रम :ग्रामीण श्रमिकों को मिला 1,43,820 मानव दिवस के बराबर रोजगार

 

भुगतान में पारदर्शिता

       जिले में सूखा राहत मद से मंजूर हुये कार्यों पर संलग्न श्रमिकों को मजदूरी के भुगतान में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है । मजदूरी का भुगतान जिम्मेदार राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी में कराया जा रहा है ।

 

ग्वालियर 16 मई 08 । सूखा राहत कार्यक्रम के तहत जिले में चल रहे राहत कार्यों के माध्यम से जरूरतमंद ग्रामीण मजदूरों को एक लाख 43 हजार 820 मानव दिवसों के बराबर रोजगार मुहैया कराया गया है । प्रदेश सरकार की पहल पर जिले के ग्रामीण अंचल में 79 राहत कार्य चल रहे हैं । यह कार्य सूखा राहत मद से लगभग 303 लाख रूपये की लागत से मंजूर किये गये हैं । जिसमें से अब तक करीबन 127 लाख रूपये की राशि मजदूरी के रूप में वितरित की जा चुकी है । जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने आगामी 15 जून तक सभी कार्य पूर्ण कराने के निर्देश संबंधित निर्माण एजेन्सियों को दिये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि जिन गांवों में वर्तमान में राहत कार्य चल रहे हैं यदि वहां और रोजगारमूलक कार्यों की आवश्यकता है तो वहां रोजगार गारण्टी योजना के तहत कार्य मंजूर कराये जायें।

       जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने बताया कि सूखा राहत मद (मांग संख्या 58) से जिले की जनपद पंचायत मुरार के विभिन्न ग्रामों में 32 लाख 73 हजार रूपये की लागत से 16 राहत कार्य चल रहे हैं । इसी प्रकार जनपद पंचायत डबरा में करीबन 72 लाख की लागत से 31 कार्य, बरई (घाटीगांव) में 82 लाख 40 हजार की लागत से 16 कार्य एवं जनपद पंचायत भितरवार के अंतर्गत 16 लाख 47 हजार रूपये की लागत से 16 राहत कार्य ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिये खोले गये हैं ।

कार्यों के सत्यापन के लिये निष्पक्ष समिति

       जिले में सूखा राहत मद से चल रहे कार्यों के भौतिक सत्यापन के लिये निष्पक्ष तकनीकी समिति गठित की गई है । इस तीन सदस्यीय समिति में कार्यपालन यंत्री स्तर के ऐसे अधिकारी शामिल किये गये हैं, जिनके कार्यक्षेत्र में संबंधित राहत कार्य नहीं हैं अर्थात वह राहत कार्यों की एजेन्सी नहीं हैं । 

 

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