पोषण पुनर्वास केन्द्र संबंधी प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न
ग्वालियर 14 मई 08 । सरकार द्वारा नन्हे-मुन्हे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये चलाये जा रहे अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग का मैदानी अमला और अधिक दक्षता के साथ अपना योगदान दे सके, इस मकसद से आज यहां एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा युनीसेफ भोपाल के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में खासतौर पर पोषण पुनर्वास केन्द्रों से जुड़े विभागीय अमले को प्रशिक्षित किया गया । गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण निवारण के लिये चलाई जा रही बाल शक्ति योजना के तहत पोषण पुनर्वास केन्द्र स्थापित किये गये हैं । इन केन्द्रों की स्थापना युनीसेफ के तकनीकी सहयोग से की गई है । बाल शक्ति योजना के तहत जिला मुख्यालय स्थित थाटीपुर डिस्पेंसरी परिसर, डबरा स्थित शासकीय चिकित्सालय परिसर एवं मोहना में पोषण पुनर्वास केन्द्र स्थापित किये गये हैं ।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं यूनीसेफ के सलाहकार डॉ. मनोहर अगनानी ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य विभागीय अमले को कुपोषण निवारण के हर तकनीकी पहलू में दक्षता प्रदान करना है । उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने आये विभागीय पर्यवेक्षकों का आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात अपने आपको केवल पोषण पुनर्वास केन्द्रों तक ही सीमित न रखें अपितु खुद में ऐसी समक्ष विकसित करें जो मैदान स्तर पर कुपोषण निवारण में कारगर साबित हो सके । डॉ. अगनानी ने कहा कि कुपोषण की लड़ाई तभी जीती जा सकती है जब हम उन अभिभावकों को इसके प्रति सचेत कर सकें जिनके बच्चे कुपोषण की विभीषिका से पीड़ित हैं । उन्होंने प्रशिक्षार्थी पर्यवेक्षकों की शंकाओं का समाधान किया और उनसे सुझाव भी लिये ।
कार्यशाला में डॉ. अजय गौड़ ने कुपोषण के कारण एवं निवारण, शिशु को जीवित रखने के लिये प्रभावी हस्तक्षेप, गंभीर कुपोषण क्या है तथा गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की देखभाल से संबंधित 10 चरणों के बारे में पॉइण्ट प्रजेण्टेशन के जरिये विस्तार से जानकारी दी । बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री शालीन शर्मा ने पोषण पुनर्वास केन्द्र की अवधारणा पर प्रकाश डाला । शिवपुरी के जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री शिवकुमार शर्मा ने पोषण पुनर्वास केन्द्र के अनुभव प्रशिक्षणार्थियों के साथ बांटे । कुपोषण निर्धारण के लिये उम्र व ऊचांई के आधार, वजन लेना, ऊपरी भुजा के मध्य भाग की गोलाई के आधार पर कुपोषण जांच व शारीरिक परीक्षण के बारे में भी कार्यशाला में विस्तार से बताया गया । सुश्री भारती शर्मा ने पोषण पुनर्वास केन्द्र में सेहत ठीक होने के बाद बच्चों के फॉलोअप तथा गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल के संबंध में विस्तार से जानकारी दी ।
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