मंगलवार, 10 जून 2008

कम्बोडियाई कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामलीला के साथ नौ दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेला शुरू, बाली देश के कलाकारों की रामलीला आज

कम्बोडियाई कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामलीला के साथ नौ दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेला शुरू

महापौर श्री शेजवलकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया मेले का शुभारंभ

ग्वालियर 9 जून 08 । भारतीय संस्कृति व सभ्यता की विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान तो है ही उसकी विश्वव्यापी स्वीकारिता भी है । उसके सजीव दर्शन आज रात्रि यहां मेला कलामंदिर रंगमंच पर सुदूर दक्षिण पूर्वी एशियाई देश कम्बोडिया से आये कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामायण पर केन्द्रित नृत्य नाटिका में हुये । कम्बोडिया के क्लासिकल ग्रुप ऑफ किंगडम द्वारा अपने देश की खेमर नृत्य शैली में रामकथा का यह मंचन अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेले के तहत किया गया । मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक इतिहास में विश्वस्तरीय भागीदारी का यह विंहगम आयोजन संस्कृति संचालनालय द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है । आज से शुरू हुये इस नौ दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेले का शुभारंभ महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । इस मौके पर जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव, नगर निगम आयुक्त डॉ. पवन शर्मा, समाजसेवी डॉ. रघुनाथ राव पापरीकर तथा संस्कृति व कलाप्रेमी सुधीयजन मौजूद थे । अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेले के तहत 17 जून तक रोज रात्रि 7.30 बजे मेला कलामंदिर रंगमंच पर अलग-अलग देश व प्रांत के कलाकारों द्वारा भिन्न-भिन्न शैलियों में रामलीला का मंचन किया जायेगा।

       कम्बोडिया के क्लासिकल ट्रुप ऑफ किंगडम द्वारा डॉ. मेओ केंग के निर्देशन में और अपने देश के प्रसिध्द खेमर नृत्य शैली में 11 दृश्यों में ''रामायण कथा'' का मंचन बड़े ही मनोहारी अंदाज में किया गया । सुरताल व सधी हुई भाव भंगिमाओं के बीच राम वन गमन की कथा से शुरू हुई नृत्य नाटिका में सीता के प्रति राम का मोह, स्वर्ण मृगछाला लाने के लिये राम से आग्रह, राम द्वारा स्वर्ण मृग का शिकार, रावण का साधु के वेष में आना और फिर सीता हरण कर लंका ले जाना, स्वर्ण मछली व हनुमान का प्रसंग, अशोक वाटिका में हनुमान जी की भेंट व राम रावण युध्द और लंका विजय के पश्चात सीता के साथ राम का अयोध्या गमन आदि प्रसंगों का मंचन कम्बोडियाई शैली में किया गया । कम्बोडियाई कलाकारों द्वारा जिस जीवतंता से रामकथा का मंचन किया गया उसे देखकर एक बानगी तो ऐसा लगा मानो हम त्रेता युग में लौट आये हों । साथ ही यह भी आभाष हुआ कि हमारी संस्कृति कितनी विशिष्ट है जिसे सुदूर देश के लोग आज तक अपनाये हुये हैं ।

       कम्बोडियाई कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामकथा में राम की भूमिका किंम बुन थोन, सीता की ओम मुवांदी, लक्ष्मण की केओ पिरून एवं रावण की भूमिका थोम किंग आन ने निभाई । रामलीला का संगीत निर्देशन लोग ओन साचोथय ने किया।

 

बाली देश के कलाकारों की रामलीला आज

       अंतर्राष्ट्रीय रामलीला मेले के दूसरे दिन अर्थात 10 जून को बाली देश के आई.एस. आई डेपनसर ग्रुप द्वारा रामकथा का मंचन होगा । जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने नगरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेले में देश की बहुरंगी संस्कृति के सजीव दर्शन करने की अपील की है। 

 

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