एम.पी.यू.एस.पी. ने निगम कर्मचारियों की क्षमता विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया: महापौर
ग्वालियर दिनांक 03 जून 2008- शहरी गरीबों के लिये उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने हेतु म0प्र0 गरीबोन्मुख विकास परियोजना द्वारा ग्वालियर नगर निगम में चलाई जा रही योजनाओं के अच्छे परिणाम आने लगे हैं । डी.एफ.आई.डी. के सहयोग से चलाई जा रही इन योजनाओं में हम पिछले एक वर्ष से अनेक महत्वपूर्ण कार्य कर चुके हैं जिनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं लोकप्रिय कार्य नगर निगम प्रशासन का विकेन्द्रीकरण है जिसकी सफलता के हमें शत प्रतिशत परिणाम देखने को मिले हैं उक्त उद्गार महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने आज म0प्र0 गरीबोन्मुख नगरीय सेवा कार्यक्रम अंतर्गत द्वितीय वर्ष के एक्शन प्लान की तैयारी के लिये आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि भीषण्ा जल संकट में नागरिकों को पेयजल सप्लाई में नियंत्रण तथा बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराने में इस परियोजना के अंतर्गत स्थापित शहर के चार सिटी उपायुक्त कार्यालयों द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया। पहले वर्ष की कार्ययोजना में इस संस्था द्वारा प्रशासन के विकेन्द्रीकरण के अलावा ग्वालियर नगर निगम के कर्मचारियों की प्रशासनिक सुधार तथा क्षमता विकास हेतु अनेक प्रशिक्षण सम्पादित किये गये हैं। इनके तहत द्वि-प्रविष्टि लेखा प्रणाली का प्रशिक्षण निगम के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं उन्होंने आवाहन किया कि नगर निगम द्वारा एम.पी.यू.एस.पी. के अधिकारी युध्द स्तर पर जुटकर नगर निगम ग्वालियर में द्वि-प्रविष्टि लेखा प्रणाली लागू करें। वर्तमान में ग्वालियर इस प्रणाली को लागू करने में पूरे प्रदेश में अग्रगृणीय है। उन्होंने कहा कि हम एम.पी.यू.एस.पी. के आभारी हैं कि उसने नगर निगम के प्रशासन को पारदर्शी तथा जबाबदेह प्रशासन बनाने के लिये हमें महत्वपूर्ण औजार प्रदान किये तथा हमारी मशीनरी का प्रशिक्षण कर आधुनिक बनाया। परिणामस्वरूप आज हम सिंगल एन्ट्री कैशबेस्ट एकाउटिंग सिस्टम में द्वि-प्रविष्टि लेखा प्रणाली की आधुनिक पध्दति अपनाने जा रहे हैं जिससे हमारे प्रशासन में पारदर्शिता आयेगी। इस परियोजना द्वारा एम.पी.यू.एस.पी. ने नगर निगम सीमा क्षेत्र का जी.आई.एस. मेप बनाने का कार्य प्रांरभ कराया, जिसे डाटा संग्रहण के परिणामस्वरूप निगम की करों से प्राप्त होने वाली आय में तेजी से वृध्दि होगी। नागरिकोन्मुखी पारदर्शी प्रशासन बनाने के लिये निगम में एम.पी.यू.एस.पी. के सहयोग से ई-गवर्नेस लागू किया जा रहा है। एम.पी.यू.एस.पी. द्वारा निर्धन बस्तियों में गरीबी उन्नयन के प्रोग्राम प्रांरभ किये गये हैं इसमें स्थानीय नागरिकों को द्वारा स्वयं के विकास की योजनायें बनाकर उनका क्रियान्वयन किया जावेगा, जिससे शासन और जनता के बीच बेहतर संबंध स्थापित होंगे। 229 निर्धन बस्तियों में हमने उन्नयनीकरण हेतु हमनें ऐसी निर्धन बस्तियों को चुना है जिनमें संसाधनों की अत्यंत निर्बलता है इन बस्तियों का विकास सन् 2011 तक हम इस परियोजना के तहत कर सकेंगे जिनमें नल-मल, विद्युत तथा सड़कों का निर्माण इस परियोजना के तहत मिलने वाले शत प्रतिशत अनुदान से होगा।
कार्यशाला का शुभारम्भ प्रभारी आयुक्त राजेश बाथम के स्वागत भाषण से हुआ उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि नागरिकों को बेहतर सेवायें देना नगर निगम का दायित्व है इस परियोजना के माध्यम से हम नगर निगम ग्वालियर क्षेत्रांतर्गत नागरिकों को और बेहतर सेवायें देने के लिये निरंतर प्रयासरत हैं। पिछले वर्ष हमने गरीबोन्मुखी सेवाओं के उन्नयन हेतु पांच बस्तियों का चयन किया था जिनमें जगनापुरा, रानीपुरा, हाथीखाना, हुरावली एवं गुढ़ी ऊपर को चुना था इस वर्ष के एक्शन प्लान में हम दूसरी नई पांच बस्तियों को और शामिल कर रहे हैं इसके लिये हमनें पूर्व में चयनित 39 अतिनिर्मल बस्तियों की सूची तैयार की है। इन बस्तियों में जल सप्लाई, सीवर, सड़क निर्माण इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य किये जावेंगै। इन बस्तियों के टोपोग्राफिकल मेप, हाईड्रोलोजिकल सर्वे इत्यादि तैयार कर टेण्डर की प्रक्रिया प्रांरभ कर दी गई है। जगनापुरा के टेण्डर प्रपत्र पूर्ण तैयार हो चुके हैं जिसके तहत दो नये नलकूपों की बोरिंग, पाईप लाईन, जल वितरण नलिकाओं का विस्तार पर 37 लाख रू. व्यय किये जावेंगे। सड़कों तथा ड्रेनेज पर 27 लाख रू. व्यय किये जावेंगे।
नागरिकों को बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये बनाये गये उपनगरीय उपायुक्त कार्यालयों को और अधिक शक्ति सम्पन्न बनाया जा रहा है ताकि नागरिकों के अधिकांश कार्य इन कार्यालयों पर सम्पादन हो सके। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये सभापति बिजेन्द्र सिंह जादौन ने कहा कि इस तरह की महत्वपूर्ण योजनायें नगर विकास में मील का पत्थर शामिल होगी इनके माध्यम से नगर के गरीबों को और अधिक सुविधा उपलब्ध करा सकेंगे। एम.पी.यू.एस.पी. भोपाल के उपसंचालक सुनील सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया तथा म0प्र0 शासन द्वारा इस परियोजना के तहत उपलब्ध कराई जा रही वित्तीय तथा प्रशासनिक सहयोग की जानकारी दी। उन्होंने महापौर को विश्वास दिलाया कि म0प्र0 शासन गरीबोन्मुखी विकास कार्यक्रम के तहत समय-सीमा में सभी लाभ नगर निगम ग्वालियर को दिलाये जावेंगे। नगर निगम में चल रही डी.एफ.आई.डी. योजना के प्रथम वर्ष में किये गये कार्यों की जानकारी देते हुये एम.पी.यू.एस.पी. के नोडल ऑफीसर डी.एस. चौहान ने बताया कि एम.पी.यू.एस.पी. ग्वालियर के तहत म0प्र0 शासन तथा यू0के0 सरकार के बीच हुये समझौते के अनुसार म0प्र0 के पांच शहरों को 350 करोड़ शत प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रदान किये गये हैं इसमें ग्वालियर भी एक प्रमुख शहर है। एम.पी.यू.एस.पी. विभाग द्वारा जारी इस अनुदान का उपयोग गरीब बस्तियों के उन्मूलन कर्मचारियों के उन्नयन प्रशिक्षण तथा क्षमता विकास के लिये किया जावेगा। इस परियोजना के अंतर्गत बनाये गये चार उपनगरीय कार्यालयों में बेहतर प्रबंधन के लिये इनमें पदस्थ अधिकारियों को समुचित अधिकार प्रदान किये जा रहे हैं। नगर निगम ग्वालियर इन चारों उपनगरीय कार्यालयों में सिटी सर्विस सेन्टर खोलने जा रहा है जिसके तहत नागरिकों को सम्पूर्ण क्षेत्र की जानकारी इन सिटीटन सेवा केन्द्रों पर मिलेगी। कर्मचारियों की क्षमता विकास के लिये सभी कर्मचारियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षित बनाया जा रहा है इसके लिये एम.पी.यू.एस.पी. प्रशिक्षण सैल की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि जिन पांच निर्धन बस्तियों में एम.पी.यू.एस.पी. के कार्य चल रहे हैं उन बस्तियों की बारह हजार आबादी इससे लाभान्वित होगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008-09 का बजट डबल एन्ट्री एकाउण्ट सिस्टम के आधार पर ही बनाया गया है। आगे बताया कि नगर निगम ग्वालियर की परियोजना तथा प्रबंधन विकास के लिये जी.आई.एस. में तैयार किया जा रहा है तथा ग्वालियर नगर निगम में ई-गवर्नेस प्रणाली लागू करने के लिये आई.टी. मैनेजर की नियुक्ति किया जाना प्रस्तावित है। श्री चौहान ने बताया कि अभी तक इस योजना के तहत 474 अधिकारी/कर्मचारियों का प्रशिक्षण किया जा चुका है जिन्हें शहरी प्रबंधन, कम्प्यूटर उपयोग, द्वि-प्रविष्टि लेखा प्रणाली, श्रम, नियोजन तथा इंजीनियरिंग का प्रशिक्षण दिया गया। नगर निगम के बाल भवन में एक पूर्णत: सुसज्जित प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना भी इस परियोजना के तहत की जा रही है। द्वितीय वर्ष एक्शन प्लान की तैयार के विषय में अपनाई जाने वाली पध्दति की जानकारी एम.पी.यू.एस.पी. की प्रोजेक्ट समन्वयक सुश्री उर्वी मांकण द्वारा दी गई, इस एक्शन प्लान की तैयारियों के लिये चर्चा हेतु चार समूह बनाये गये प्रथम समूह वित्त एवं लेखा, द्वितीय संगठन एवं प्रशासन, तृतीय निगम द्वारा प्रदाय सेवाओं के विषय में तथा चतुर्थ सहभागी स्लमसुधाल के विषय में अपनाई जाने वाली तकनीकी पध्दतियों के विषय में अपनी राय देने के लिये विभिन्न तरीकों से चर्चा में शामिल हुये। कल दिनांक 4 जून 2008 को इन कार्यदलों द्वारा की गई चर्चा के अंतिम निष्कर्षो के आधार पर द्वितीय वर्ष की कार्य योजना तैयार की जावेगी।
कार्यशाला में मेयर-इन-कांउसिल के सदस्य राजेन्द्र जैन, रविन्द्र सिंह राजपूत, रामनाथ खटीक, दत्तात्रेय भालेराव, श्रीमती हेमलता भदौरिया, नाथूराम गौड, अपर आयुक्त कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया, उपायुक्त सुरेन्द्र सिंह भदौरिया, देवेन्द्र सिंह चौहान, अभय राजनगांवकर, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, अधीक्षणयंत्री चतुर सिंह यादव, कार्यपालनंयत्री विद्युत एच.एस. कौचर, कचरा प्रबंधन अधिकारी अतिबल सिंह यादव एवं समस्त सहायक आयुक्त उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती आशा सिंह द्वारा किया गया।
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