रविवार, 18 जुलाई 2010

मध्यप्रदेश बनाओ अभियान के तहत जिला और खंड समितियां बनेंगी

मध्यप्रदेश बनाओ अभियान के तहत जिला और खंड समितियां बनेंगी

प्रशासन में पारदर्शिता पर जोर, लापरवाह दंडित, अच्छा काम करने वाले होंगे पुरस्कृत,

परख कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान

ग्वालियर 16 जुलाई 10 मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने मध्यप्रदेश बनाओ अभियान के अंतर्गत सभी जिलों में जिला और विकास खण्ड स्तरीय समितियां भी गठित करने के निर्देश दिये हैं। श्री चौहान ने कहा कि यह समितियां महज रस्मी हो, इसलिये इनके गठन में मध्यप्रदेश बनाओ अभियान के रचनात्मक कार्यो र्मे र्योगदान के समाज सेवियों इच्छुक लोगों को ही उनकी सहमति से शामिल किया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अभियान के अंतर्गत सभी ग्रामों में समितियों के गठन का काम शीघ्र पूरा करने को कहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज परख कार्यक्रम में कमिश्नरों, कलेक्टरों और जिला स्तर के प्रमुख अधिकारियों से मुखातिब थे। यहाँ ग्वालियर स्थित एन आई सी. के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी पुलिस अधीक्षक श्री . सांई मनोहर, नगर निगम आयुक्त श्री एन बी एस. राजपूत वन संरक्षक श्रीमती बिन्दु शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।    

       मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मध्यप्रदेश बनाओ अभियान के अंतर्गत  जोड़े जाने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान इन दोनों विषयों को भी जन-जागरूकता और जन-सहभागिता के साथ आंदोलन का रूप दिया जाये। मुख्यमंत्री ने "स्कूल चलें हम'' अभियान के प्रभावी संचालन की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी बच्चों के स्कूल प्रवेश को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अभियान की अवधि को बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया गया है।

       मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि परिवार नियोजन राज्य शासन की प्राथमिकता है। इस कार्य को अभियान का रूप देकर किया जाये। कार्यक्रम में जानकारी दी गयी कि 11 से 17 जुलाई के परिवार नियोजन सप्ताह में अब तक 16 हजार नसबंदी आपरेशन हो चुके हैं। सर्वाधिक 5,500 आपरेशन भोपाल संभाग में किये गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में आंगनवाड़ियों और कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिये भी समाजसेवियों, औद्योगिक इकाइयों और स्वयंसेवी संगठनों को प्रेरित करने के निर्देश दिये।

प्रशासन में पारदशिर्ता जरूरी

       मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 'परख' कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रशासनिक कायों में पूरी पारदर्शिता जरूरी है। प्रदेश की साढ़े छह करोड़ जनता के साथ किसी भी स्तर पर भेदभाव न हो, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि जन-कल्याण के कामों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। साथ ही कहा कि अच्छा काम करने वाले पुरस्कृत भी किये जायेंगे। श्री चौहान ने गेहूं उपार्जन के क्षेत्र में देश में तीसरा स्थान हासिल करने की प्रदेश की उपलब्धि को भी सराहा और इसके लिए अधिकारियों को बधाई दी।

गरीबों की कल्याण योजनाओं पर अमल करें

       श्री चौहान ने कहा कि सभी जिलों में भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल की योजनाओं सहित गरीबों को सामाजिक सुरक्षा देने वाली सभी योजनाओं के अमल पर ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि वे अपने भ्रमण के दौरान इन योजनाओं पर अमल की नियमित समीक्षा करेंगे।

कार्यक्रम में श्री चौहान ने संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य समय-सीमा में पूरा करने, मानदेय के आधार पर हेंडपंप मौकेनिकों की नियुक्ति, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति के कार्य की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन कार्यो र्मे र्पिछड़ रहे जिले तत्काल कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने पेयजल, वर्षा और बोवनी की स्थिति की भी जानकारी ली।

मुख्यमंत्री के अन्य निर्देश

·                     कम वर्षा वाले क्षेत्रों के किसानों को कृषि विभाग द्वारा समय पर तकनीकी      सलाह दी जाये।

·                     बोवनी तथा आदान व्यवस्था की नियमित समीक्षा हो।

·                     केंद्रीय सहायता प्राप्त सभी योजनाओं की पूर्ण राशि का उपयोग सुनिश्चित        किया जाये।

·                     खाद-बीज जैसे कृषि आदानों की गुणवत्ता और समय पर उपलब्धता के साथ     ही उनकी कालाबाजारी की रोकथाम सुनिश्चित की जाये।

·                     वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम और उपचार की पर्याप्त अग्रिम व्यवस्था की    जाये।

·                     संक्रामक रोगों की रोकथाम उपचार हेतु आवश्यक औषधियों सामग्री की    उपलब्धता पर ध्यान दें।

·                     स्वाईन फ्लू की रोकथाम और उपचार का पर्याप्त प्रबंधन किया जाये।

·                     सभी जिले स्वास्थ्य सूचना तंत्र को मजबूत करें ताकि बीमारी की त्वरित सूचना प्राप्त कर इमरजेंसी रिस्पोन्स टीम के माध्यम से आवश्यक उपचार प्रबंध किये      जा सके।

·                     हरियाली महोत्सव में गुणवत्तापूर्ण पौधों का ही उपयोग हो।

·                     वृक्षारोपण में जनता और जन-प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की    जाये।

·                     पौधों की उत्तरजीविता के लिये सतत् मानीटरिंग करें।

·                     सभी जिलों के बाढ़ नियंत्रण कक्षों को 24 घंटे क्रियाशील रखा जाये।

·                     बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों का आकलन, बाढ़ बचाव दल का गठन,       उपकरणों और सामग्रियों की व्यवस्था, अस्थाई शिविरों का चिन्हांकन, होमगार्ड     की व्यवस्था तथा सूचना तंत्र एवं समन्वय को प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की    जाये।

·                     जरूरत होने पर सेना को वाहन और मोबाईल सुलभ कराये जायें। मछुआरा     संघों के पास भी पर्याप्त बचाव सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित हो।

·                     जल संसाधन विभाग बांधों से पानी छोड़ने के पूर्व जनता को सूचना देने और   जरूरी समन्वय को सुनिश्चित करें।

·                     बाढ़ संभावित क्षेत्रों के लिये मेडिकल टीमों के गठन के साथ ही चिकित्सा और संक्रामक रोगों और महामारियों की रोकथाम की अग्रिम व्यवस्था की जाये।

·                     जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीयन का कार्य नियमित एवं अनिवार्य रुप से संपन्न किया जाये।

·                     पेयजल संकट वाले जिलों को पेयजल परिवहन और अन्य कार्यो र्के लिये       जरूरी राशि तत्काल प्रदाय की जाये।

 

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