गुरुवार, 10 मई 2007

दूरस्थ आदिवासी बहुल ग्रामों में ग्रामीणों से रू-ब-रू हुये कलेक्टर

ग्राम स्पर्श अभियान

दूरस्थ आदिवासी बहुल ग्रामों में ग्रामीणों से रू-ब-रू हुये कलेक्टर

·        ग्रामीणों ने खुलकर बताई समस्यायें

·        तीसरे दिन 83 ग्रामो में पहुंचे संपर्क दल

ग्वालियर 9 मई 2007

पर्वतीय एवं वनांचल क्षेत्र में बसे दूरस्थ आदिवासी बहूल  ग्रामों से जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने आज ग्राम स्पर्श कार्यक्रम की शुरूआत की । आरंभ में अपनी बात कहने से सकुचा रहे ग्रामीणजनों ने तब अपनी समस्यायें खुलकर बर्ताईं जब कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा ने अपनी ओर से उनसे बातचीत का सिलसिला शुरू किया । ग्राम स्तर पर सरकार द्वारा मुहैया कराई जा रहीं बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करने के मकसद से जिला प्रशासन की पहल पर चलाये जा रहे ग्राम स्पर्श कार्यक्रम के तीसरे दिन जनपद पंचायत घाटीगांव के 83 ग्रामों में संपर्क किया गया।

जिले की सीमा पर पर्वतीय एवं वनांचल क्षेत्र में स्थित सुरेहला ग्राम से लेकर जरदान सिंह का पुरा, बरकोड़ा, जखौदी, बरई, पावटा, पवा, चराईडांग आदि ग्रामों में जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव आज जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा के साथ पहुंचे । इन गांवों में से किसी गांव में पेड़ की छांव, तो किसी गांव की चौपाल पर बैठकर ग्रामीणों और कलेक्टर के बीच चर्चा हुई । इस सीधे संवाद में कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि सरकार ने सूखा प्रभावित गांवों में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में भी मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम चालू रखने का निर्णय लिया है । अत: अपने बच्चों को शालाओं में अवश्य भेजें । उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे शिशुओं व गर्भवती माताओं का जीवन सुरक्षित रखने के लिये संस्थागत प्रसव ही करायें । सरकार द्वारा जननी सुरक्षा योजना के तहत शासकीय संस्था में प्रसव कराने पर नगद आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है । उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना आदि के बारे में भी ग्रामीणों को जानकारी दी ।

ग्रामीणों ने भी शासकीय योजनाओं की स्थिति के बारे में बताया । मसलन ग्राम पवा, पावटा, जखौदी व बरकोड़ा ग्राम के लोगों ने मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की सराहना की, वहीं ग्राम जरदान सिंह का पुरा, सुरेहला व चराईडांग के लोगों ने मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के नियमित रूप से वितरित न होने की शिकायत की । कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्याओं को ध्यान से सुना और उनका समाधान समय-सीमा में करने की बात कही । उन्होंने ग्राम पवा में बैंकर्स व पशु चिकित्साधिकारियों का संयुक्त शिविर आयोजित करने के लिये ग्रामीणों को आश्वस्त किया ताकि यहां के स्वरोजगारियों को भैंस पालन (डेयरी) की गतिविधियों से जोड़ा जा सके ।

किराया दिया और कहा हैंडपम्प ठीक न हो तो

ग्वालियर आकर बतायें

ग्राम स्पर्श कार्यक्रम के तहत ग्राम बरकोड़ा की आदिवासी बस्ती में जब कलेक्टर से ग्रामीणों ने कहा कि यदि उनके मोहल्ले के हैंडपम्प में पाइप बढ़ा दिये जायें तो उनकी पेयजल समस्या हल हो सकती है । आदिवासियों की इस समस्या के त्वरित समाधान के लिये कलेक्टर ने मौके पर ही पी.एच.ई. के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिये । साथ ही यहां के आदिवासी युवक चुन्नी को ग्वालियर आने जाने का किराया देकर कहा कि यदि दो दिन के भीतर उनका हैंडपम्प ठीक न हो तो उसकी सूचना ग्वालियर आकर दें ।

पहली बार कलेक्टर को अपने बीच पाकर अभिभूत हुये गांववासी

ग्राम सुरेहला, जरदान सिंह का पुरा, बरकोड़ा व पवा आदि गांव के लोग यकायक विश्वास ही नहीं कर पाये कि वे अपने जिले के कलेक्टर के साथ बातचीत कर रहे हैं । ग्राम स्पर्श कार्यक्रम के तहत कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव यहां पहुंचकर ग्रामीणें से चर्चा कर रहे थे । जब ग्रामीणों को पता चला कि जिले के कलेक्टर उनकी समस्याओं को दूर करने के लिये खुद वहां पहुंचे हैं, तब वे खुशी से अभिभूत हो गये और कलेक्टर को अपने गांव में घुमाकर समस्याओं के बारे में बताने लगे ।

हमारी बस्ती में भी चलो कहा आदिवासी महिलाओं ने

अमूमन बाहरी लोगों के सामने मौन रहने वाली आदिवासी महिलायें तब मुखर होकर अपनी बात कहने लगी जब कलेक्टर ने उनसे आत्मीयता के साथ हाल-चाल पूंछा । यह वाक्या जिले की जनपद पंचायत बरई के ग्राम पवा में तब हुआ जब कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ग्राम स्पर्श कार्यक्रम के तहत पहुंचे । यहां की चौपाल पर कलेक्टर ने गांव के अन्य समुदाय के लोगों के साथ आदिवासी समुदाय के लोगों से भी बातचीत की । कलेक्टर जब इस गांव से जाने लगे तब आदिवासी समुदाय की रामश्री, गौरा, वत्तो व हल्की आदि महिलायें उनके पास आईं और कहा हमारी बस्ती में भी चलो । कलेक्टर ने न केवल उनकी बात मानी बल्कि उस बस्ती में शीघ्र ही नवीन हैंडपम्प खनित कराने की मांग भी पूरी की ।

 

 

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