बुधवार, 9 मई 2007

ग्रीष्म ऋतु की छुट्टियों में भी बटेगा स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन अधिकारियों की बैठक ली कलेक्टर ने

ग्रीष्म ऋतु की छुट्टियों में भी बटेगा स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन अधिकारियों की बैठक ली कलेक्टर ने

ग्वालियर 5 मई 2007

सूखा प्रभावित क्षेत्र के सभी प्राथमिक विद्यायलों में ग्रीष्म ऋतु की छुट्टियों में भी बच्चों को मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराया जायेगा इस नई व्यवस्था को बेहतर तरीके से चलाने के लिये पालक शिक्षक संघ को जिम्मेदारी सौंपी गई है व्यवस्था से जुडे सभी शिक्षकों के अवकाश निरस्त कर दिये गये हैं

       यह बात कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने आज मध्यान्ह भोजन योजना की नवीन व्यवस्था के संबंध में बुलाई गई बैठक में कहीं । स्थानीय स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान सिटी सेंटर में आयोजित उक्त बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे । कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे क्षेत्र जो सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किये गये हैं, वहां गर्मी की छुट्टियों में भी मध्यान्ह भोजन योजना चालू रहेगी । इस व्यवस्था के लिये आवश्यक खाद्यान्न व राशि जारी कर दी गई है ।

       कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के भितरवार विकासखंड के 34 ग्राम और मुरार, डबरा व बरई क्षेत्र के सभी ग्रामों में नवीन एम.डी.एम. व्यवस्था लागू होगी । सभी जन शिक्षक 8 मई तक मध्यान्ह भोजन योजना प्रारंभ होने की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे । इसके साथ ही जिला एवं विकासखंड स्तर से साप्ताहिक मानिटरिंग की व्यवस्था हेतु जिला अधिकारी नियुक्त किये जायेंगे ।

       प्रत्येक विद्यालय के सूचना पटल पर नई व्यवस्था लागू होने की जानकारी और मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाले शिक्षक के नाम का उल्लेख करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये । उन्होंने बताया कि एम.डी.एम. योजना उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार लागू हुई है, इसके संचालन में लापरवाही बरतने वालों के विरूध्द सख्त कार्यवाही होगी और उसे न्यायालय की अवमानना भी माना जायेगा ।

       जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा ने नवीन व्यवस्था के जिले जिला स्तर से ही गई कार्यवाहियों का ब्यौरा दिया । उन्होंने बताया कि सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने स्तर पर बैठक लेकर सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित करें । विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन के साथ पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये । पालक शिक्षक संघों से आव्हान किया गया कि वे भोजन की गुणवत्ता और बच्चों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान दें । बच्चों को स्वच्छता और पर्यावरण का पाठ पढ़ाने के निर्देश भी दिये गये ।

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