शुक्रवार, 4 मई 2007

ग्रामीणों को रोजगार के साथ खाद्य सुरक्षा

ग्रामीणों को रोजगार के साथ खाद्य सुरक्षा मुहैया कराती है संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना : पांच करोड़ 23 लाख की वार्षिक कार्य योजना

 

 

ग्वालियर 4 मई 2007

 

ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त मजदूरी, रोजगार और खाद्य सुरक्षा मुहैया करने के लिये संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना ग्वालियर जिले में संचालित है इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण अंचलों में सामूदायिक, सामाजिक और आर्थिक परिसम्पत्तियों का सृजन कर उनके रख-रखाव ढांचागत विकास करना भी है वर्ष 2006-07 में योजनान्तर्गत जिले को 4 करोड़ 48 लाख 34 हजार रूपये का आवंटन प्राप्त हुआ था, जिसका शत- प्रतिशत उपयोग किया गया   जिले की चालू वित्तीय वर्ष 2007-08 की वार्षिक कार्य योजना 5 करोड़ 23 लाख 33 हजार रूपये की तैयार की गई है

                          

       संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में केन्द्र और राज्य सरकार का 75:25 का अनुपात होता है । कुल उपलब्ध आवंटन को तीन स्तर पर लगाया जाता है, जिसमें 50 प्रतिशत ग्राम पंचायत, 30 प्रतिशत जनपद पंचायत और 20 प्रतिशत जिला स्तर पर आवंटन रखा जाता है । इस राशि से लिये जाने वाले निर्माण कार्यो में उन सभी ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिसमें कृषि मजदूर, गैर कृषि अकुशल मजदूर, सीमांत कृषक, महिलायें, अनुसूचित जाति-जनजाति के सदस्यों, जोखिम भरे पेशों से निकाले गये बाल श्रमिकों के माता-पिता या उनके वयस्क बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है ।

       समाज के कमजोर वर्ग और महिलाओं के लिये योजना में विशेष प्रावधान है। जिला एवं जनपद स्तर पर उपलब्ध आवंटन से 22.5 प्रतिशत राशि का उपयोग बी.पी.एल. वर्ग में आने वाले अजा-अजजा परिवारों के लिये किया जाता है । इसी प्रकार 15 प्रतिशत राशि अल्प संख्यक समुदायों के परिवारों के लिये सुरक्षित रखने का भी प्रावधान है । ग्राम पंचायत के आवंटन में खाद्यान्नों सहित न्यूनतम 50 प्रतिशत अंश अजा-अजजा की बस्तियों/वार्डो में आवश्यकता आधारित ग्रामीण ढांचे के सृजन के लिये निर्धारित होता है । रोजगार के अवसर कम से कम 30 प्रतिशत महिलाओं को उपलब्ध कराये जाते हैं ।

जिला पंचायत स्तर, जनपद पंचायत स्तर एवं ग्राम पंचायत स्तर से अधिकतम 15 प्रतिशत राशि से परिसम्मत्तियों के रख-रखाव एवं संधारण पर भी व्यय करने का प्रावधान है, जिसके तहत ग्राम पंचायत के अधीन आने वाली सभी इमारतों का रख-रखाव एवं संधारण, सार्वजनिक कुओं, तालाबों का गहरीकरण, कुओं की मरम्मत का कार्य, पुराने स्टापडेमों कें मरम्मत का कार्य एवं कड़ी शटर लगाने के कार्य प्राथमिकता के आधर पर इस वर्ष किये जायेंगे

 

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