बुधवार, 30 जुलाई 2008

ग्वालियर का स्वर्णिम औद्योगिक अतीत लौटाया जायेगा,मुख्यमंत्री द्वारा ग्वालियर जिले को 'सी' श्रेणी में शामिल करने की घोषणा, इन्वेस्टर्स मीट के शुभारंभ समारोह में 32 हजार करोड़ के 12 करारनामे

ग्वालियर का स्वर्णिम औद्योगिक अतीत लौटाया जायेगा,मुख्यमंत्री द्वारा ग्वालियर जिले को 'सी' श्रेणी में शामिल करने की घोषणा, इन्वेस्टर्स मीट के शुभारंभ समारोह में 32 हजार करोड़ के 12 करारनामे

 

ग्वालियर 29 जुलाई 08 । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां ग्वालियर इन्वेस्टर्स मीट का शुभारंभ करते हुए कहा कि ग्वालियर का खोया हुआ स्वर्णिम औद्योगिक अतीत लौटाया जायेगा । इस अवसर पर उन्होंने ग्वालियर अंचल के तीव्र औद्योगिक विकास के लिये जिले को सी श्रेणी में शामिल करने की  घोषणा की । मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर अंचल के उद्योगपतियों की सुविधा के लिये उद्योग मित्र योजना की अवधि 6 माह और बढ़ाने की घोषणा की । इन्वेस्टर्स मीट के शुभारंभ सत्र में कुल 12 करारनामे किये गये जिसमें से 11 करारनामों के तहत 32,000 करोड़  निवेश किया जायेगा । इसके अलावा जापान की जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जेट्रो)ने दिल्ली मुम्बई इंडस्ट्रियल कारीडोर संबंधी करारनामा किया गया।

       शुभारंभ अवसर पर उद्योगमंत्री श्री जयंत मलैया, जलसंसाधन मंत्री अनूप मिश्रा, नगरीय निकाय मंत्री श्री नरोत्तम मिश्र, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह, राजस्व राज्य मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, सासंद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, पूर्व  मंत्री एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर , विधायक श्री ध्यानेन्द्र सिंह, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष श्री विपिन दीक्षित,मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी, प्रमुख उद्योगपति श्री वी एन धूत, श्री रघुपति सिंधानिया, श्री निक सेनापति, श्री सज्जन जिंदल, श्री विनोद मित्तल, श्री पंकज मुंजाल, श्री एच आईकवा तथा अन्य अद्योगपति उपस्थित थे ।

       शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश की विशिष्टताओं , विलक्षणताओं, प्रचुर खनिज संपदा, भरपूर प्राकृतिक सौदर्य, समृध्द पुरासम्पदा का जिक्र करते हुये कहा कि दिल्ली भले ही देश की राजधानी हो, देश का दिल तो मध्यप्रदेश ही है । उन्होंने कहा कि इतने धनी मध्यप्रदेश को कुछ वर्ष पहले तक औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ माना जाता था । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को विकसित और समृध्द बनाना हमारा संकल्प है और इसका रास्ता उद्योग और व्यापार से होकर गुजरता है ।श्री चौहान ने कहा कि पिछले चार-साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में अधोसंरचना विकास पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है । इस दौरान उच्च श्रेणी की 40 हजार किमी सड़कें बनाई गई हैं।  बिजली के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति अनेक राज्यों से बेहतर है।  विद्युत उत्पादन क्षमता में 2950 मेगावाट की वृध्दि की गई है और 13 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधा निर्मित की गई है । पारम्परिक खेती से हटकर नये तौर-तरीके अपनाये गये हैं । प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिये सबसे जरूरी शांति और व्यवस्था है । मध्यप्रदेश शांति का टापू है ।

       मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टर्स मीट हमारे लिये महज राजनीतिक कर्मकांड नहीं है । हमने इसे पूरी गंभीरता से लिया है । इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन हमारे औद्योगिक विकास के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है । करारनामे हमारे लिये कागज का टुकड़ा नहीं है । प्रदेश में हुई पिछली इन्वेस्टर्स मीट के सभी करारनामों को वास्तविकता के धरातल पर साकार करने के लिये प्रतिबध्द हैं । निरंतर समीक्षा और चौकस निगरानी का ही सुफल है कि 2 लाख 77 हजार करोड़ के 241 करारनामों में से 95 प्रतिशत करारनामों पर प्रारंभिक कार्यवाही शुरू हो चकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ मित्रों जैसा रिश्ता बनाने के लिये इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन बिल पारित कराया है । इन्दौर एसईजेड अधिनियम 2003 में संशोधन कर इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया है ।

       मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर अंचल की पूर्ण अनुकूल भौगोलिक स्थिति का उल्लेख करते हुये कहा कि ग्वालियर सड़क, रेल और वायुमार्ग से सीधे जुड़ा हुआ है और देश की राजधानी दिल्ली से निकट भी है । इस लिहाज से यहां औद्योगिक क्षेत्र में निवेश करना फायदेमंद है । निवेशक यहां पूंजी लगाकर स्वयं लाभ कमाने के साथ-साथ प्रदेश के विकास में भी हाथ बंटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब चंबल के बीहड़ों में डाकुओं की नहीं जेट्रोफा की फसल होगी । उन्होंने निवेशकों से ग्वालियर अंचल में टेक्सटाइल क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों और रियल स्टेट के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने का आग्रह किया ।

       उद्योगमंत्री श्री जयंत मलैया ने कहा कि प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की मुहिम में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन एक महत्वपूर्ण कड़ी है । उन्होंने कहा कि यह मीट ग्वालियर संभाग के विकास में नये आयाम स्थापित करेगी। उद्योग मंत्री ने कहा कि कुछ समय पहले तक उद्योगों के मामले में पिछड़े कहे जाने वाले प्रदेश में आज औद्योगिक निवेश का एक साकारात्मक वातावरण निर्मित हुआ है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ाने के लिये उद्योग हितेषी नीति बनाई गई है जिसमें समय-समय पर संशोधन कर उसे और उदार बनाया गया है , जिससे देश और दुनिया के उद्योगपति मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिये आकर्षित हुये हैं और प्रदेश आदर्श डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर सामने आया है।

       श्री मलैया ने कहा कि ग्वालियर संभाग के औद्योगिकरण और निर्यात के संवर्ध्दन के लिये उत्कृष्ट किस्म की अधोसंरचना विकसित की जायेगी । उन्होंने कहा कि दिल्ली पर बढ़ते हुये जनसंख्या के दबाव और दिल्ली के बाद सर्वसुविधाओंयुक्त शहर होने के कारण ग्वालियर में वीपीओ सेवाओं के विस्तार की काफी संभावनायें हैं।  इसी लिहाज से ग्वालियर पॉटरीज की साढ़े सात एकड़ में हेबीटेट सेंटर की स्थापना की जा रही है , जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा ।

       शुभारंभ समारोह को प्रमुख सचिव श्री सत्यप्रकाश ने भी संबोधित किया । प्रबंधक संचालक मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम एवं ट्रायफेक श्री प्रवीण गर्ग ने पावर पाइंट प्रजेटेंशन के माध्यम से प्रदेश की औद्योगिक संभावनाओं को निवेशकों के सामने प्रस्तुत किये । इस अवसर पर प्रदेश के औद्योगिकरण पर एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया । समारोह में उपस्थित प्रतिष्ठित उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश पर अपने विचार और अनुभव भी प्रस्तुत किये ।

       उल्लेखनीय है कि शुभारंभ सत्र में जो करारनामे किये गये हैं उनमें से 2855 करोड़ के करारनामे ग्वालियर अंचल के लिये हैं । ग्वालियर अंचल में 1300 करोड़ के निवेश से दो सीमेंट उद्योग, एक हजार करोड़ रूपये से एक रियल स्टेट इकाई, 105 करोड़ रूपये की एक स्पंज आयरन इकाई और 450 करोड़ रूपये की एक बायो एनर्जी इकाई लगाई जायेगी ।

       समारोह का शुभारंभ मध्यप्रदेश गान ''जय-जय मध्यप्रदेश'' से हुआ ।

 

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