बुधवार, 23 जुलाई 2008

जिले में सड़कों का संधारण एवं डामरीकरण का कार्य उच्च गुणवत्ता का हो- कलेक्टर

जिले में सड़कों का संधारण एवं डामरीकरण का कार्य उच्च गुणवत्ता का हो- कलेक्टर

लापरवाही बरतने वालों के विरूध्द होगी कार्यवाही

 

ग्वालियर 21 जुलाई 08 । जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने निर्माण विभागों एवं निर्माण एजेन्सियों के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि जिले में विभिन्न योजनाओं एवं मदों के तहत सड़कों का संधारण एवं डामरीकरण का कार्य जो कराया जा रहा है वह उच्च गुणवत्ता का हो तथा सड़कों पर व्यय होने वाली शासकीय धनराशि का जनहित में सदुपयोग भी हो । उन्होंने कहा कि सड़कों के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आने पर संबंधित विभाग एवं ठेकेदार के विरूध्द कठोर कार्यवाही की जावेगी ।

       कलेक्टर श्री आकश त्रिपाठी ने निर्माण विभागों को निर्देश दिये हैं कि ग्वालियर जिले में सड़कों के संधारण एवं डामरीकरण के कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ हो । इसके लिये उन्होंने नगर निगम ग्वालियर जनकार्य विभाग के अधीक्षण एवं कार्यपालन यंत्रियों, लोक निर्माण विमाग क्रमांक एक एवं दो , लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश दिये हैं कि जिले में हो रहे डामरीकरण के कार्यो की उच्च गुणवत्ता बनी रहे इसका विशेष ध्यान रखा जावे । उन्होंने कहा कि डामरीकरण के कार्यों की गुणवत्ता के संबंध उन्हें कतिपय शिकायतें प्राप्त हुई हैं । डामरीकरण के कार्य में पीएमसी (प्रिमिक्स कारपेट) का उपयोग जिले में किया जा रहा है । लाइंनिंग के समय मिक्स का तापमान 105 से 120 डिग्री सेंटीग्रेड होना आवश्यक है । अन्यथा प्रोपर बाइडिंग नहीं हो सकेगी तथा डामरीकृत सड़कें अल्प समय में ही उखड़ जायेंगी । किसी भी दशा में 105 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान पर सड़कों के डामरीकरण का कार्य नहीं किया जावे।

       श्री त्रिपाठी ने संबंधित विभागों के अभियंताओं के निर्देश दिये हैं कि कार्यस्थल पर मौजूद तकनीकी अमले जैसे उपयंत्री, टाइमकीपर को थर्मामीटर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराया जाये तथा लाइनिंग के लिये उपयोग किये जाने वाले लोड का तापमान भी आवश्यक रूप से रिकार्ड किया जावे । यदि 105 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान हो तो वह लोड रिजेक्ट किया जावे ।

       उन्होंने अपने निर्देशों में उल्लेख किया है कि प्रिमिक्स कारपेट हेतु डामर का प्रतिशत 3.6  से अधिक तथा सील कोट हेतु डामर का प्रतिशत 6.8 से अधिक होना चाहिये । यदि डामर का प्रतिशत निर्धारित वेल्यू से कम होगा तो डामरीकरण का कार्य गुणवत्ता पूर्ण एवं वाइडिंग कार्य प्रोपर नहीं हो सकेंगा तथा सड़के अल्प समय में उखड़ जावेंगी । डामर का निर्धारित प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक लोड का सेम्पल लेकर शासकीय प्रयोगशाला अथवा इंजीनियरिंग कालेज की प्रयोगशाला में जांच के लिये भेजा जाये तथा प्रत्येक लोड का रिकार्ड दर्ज किया जाये । मौके पर डामर का प्रतिशत वेनजेनीटेस्ट के माध्यम से निकाला जावे ।

 

 

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