//इन्वेस्टर्स मीट पर विशेष //औद्योगिक निवेश के लिये ग्वालियर-चंबल संभाग उपयुक्त स्थान
ग्वालियर 22 जुलाई 08 । देश के हृदयस्थल पर स्थित मध्यप्रदेश जो विभिन्न उद्योगों की कच्चेमाल की आवश्यकताओं की पूर्ति का मुख्य स्त्रोत है, यहां खनिज पदार्थ, कृषि उत्पाद एवं वनोपज बहुतायत में उपलब्ध है । उद्योगों की स्थापन के लिये आदर्श स्थल के रूप में मध्यप्रदेश का चयन किया जा सकता है ।
मध्यप्रदेश का उत्तरी अंचल ग्वालियर-चंबल संभाग भिंड व मुरैना पूर्व में कभी डाकूग्रस्त का पर्याय रहा है । किन्तु मध्यप्रदेश शासन की औद्योगिक संवर्धन नीति से अब यह संभव हो सका है कि इस क्षेत्र में भी बड़े-बड़े औद्योगिक समूहों ने यहां आकर पूंजी निवेश किया है ।
ग्वालियर जो सिंधिया राजवंश का हिस्सा रहा है । ग्वालियर की ऐतिहासिक पहचान राजा मानसिंह तोमर द्वारा निर्मित मान मंदिर (ग्वालियर किला), रानी झांसी समाधि स्थल, अकबल के नवरत्नों में से एक महान संगीतज्ञ तानसेन की समाधि, सिंधिया राजवंश का महल जयविलास पैलेस से रही है । अपनी पूर्ववर्ती पहचान के साथ आज ग्वालियर क्षेत्र की पहचान यहां हो रहे तीव्र औद्योगिक विकास से भी है। क्षेत्र की उन्नत अधोसरंचना तथा उपलब्ध संसाधन से क्षेत्र में पूजी निवेश हेतु अनेक औद्योगिक घरानों को आकर्षित किया है । जिसमें मुख्यत: कैडबरी, कोडक, एसआरएफ, क्राम्पटन ग्रीव्ज, गोदरेज, फ्लेक्स, एटलस, जेके टायर, नोवा, वीआरएस फूड, सूर्या रोशनी, सुप्रीम तथा ऐसे ही अन्य समूहों द्वारा यहां अपनी-अपनी औद्योगिक इकाईयां स्थापित की है ।
ग्वालियर चंबल चंबल में पूंजी निवेश के लिये राज्य शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति के अन्तर्गत दी जाने वाली सुविधाओं के अतिरिक्त क्षेत्र में उपलब्ध अधोसंरचाना क भी महत्वपूर्ण भागीदारी रही है , जिसमें सस्ती दरों पर पर्याप्त भूमि की उपलब्धता, रेल, रोड एवं हवाई मार्ग से आवागमन की सुविधा, कच्चे माल , खनिज संसाधन की उपलब्धता, सिंगल क्लीरेंस प्रणाली, पूर्ण प्रशिक्षित स्टॉफ, श्रमिकों की उपलब्धता और औद्योगिक वातावरण कार्य संबंधी शांत वातावरण रहा है।
ग्वालियर चंबल संभाग में स्थानीय उपलब्ध संसाधनों पर आधारित उद्योगों के अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कन्ज्यूमर गुड्स, जाइट इंजीनियरिंग आदि में पूजी निवेश की अच्छी संभावनायें हैं । अचंल में उद्योग निवेश को आकषित किये जाने के लिये राज्य शासन द्वारा भी सुविधायें प्रदान की जा रही है । इनमें मेगा प्रोजेक्टस को सस्तीदरों पर भूमि आवंटन, औद्योगिक निवेश संवर्धन सहायता योजना, प्रोजेक्टर रिपोर्ट कॉस्ट रियम्बर्समेंट (परियोजना व्यय प्रतिपूर्ति योजना), ब्याज अनुदान प्रवेश कर से मुक्ति, इलेक्ट्रिसिटी डयूटी से मुक्ति, गुणवत्ता प्रमाणीकरण व्यय प्रतिपूर्ति योजना, पेटेंड कॉस्ट प्रतिपूर्ति और मंडी टैक्स से छूट प्रमुख हैं । इन सुविधाओं के साथ अनेक अनुदान भी उपलब्ध हैं जो अंचल में पूंजी निवेश किये जाने पर नवीन औद्योगिक इकाइयों को प्राप्त हो सकेंगें ।
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