मंगलवार, 27 मई 2008

डॉ. उपेन्द्र विश्वास की पुस्तक : ''ग्वालियर की हिन्दी की काव्य परम्परा और विकास'' विमोचित

ग्वालियर की सांस्कृतिक गतिविधियों का कैलेण्डर होगा 15 जून तक जारी :- अनूप मिश्रा

डॉ. उपेन्द्र विश्वास की पुस्तक : ''ग्वालियर की हिन्दी की काव्य परम्परा और विकास'' विमोचित

ग्वालियर 26 मई 08 । ग्वालियर में सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन का कैलेंडर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा 15 जून तक जारी कर दिया जावेगा । साथ ही आगामी सत्र से स्थानीय माधव संगीत महाविद्यालय भवन में संगीत विश्वविद्यालय प्रारंभ कर दिया जावेगा । राज्य शासन संगीत विश्विद्यालय भवन के लिये पृथक से 5 करोड़ रूपये का भी प्रावधान कर रहा है । यह घोषणा प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं जलसंसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने कल देर शाम डा. उपेन्द्र विश्वास की पुस्तक ''ग्वालियर की हिन्दी काव्य परम्परा और विकास'' के विमोचन अवसर पर उपस्थित साहित्यकारों, कलाप्रेमियों, पत्रकारों एवं गणमान्य नागरिकों की महती सभा में की । उन्होंने आगे कहा कि जीवाजी विश्वविद्याय के नजदीक नया हिन्दी भवन निर्मित किया जायेगा । पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी भवन की आधारशिला रखेंगें । श्री मिश्रा ने कहा कि श्रीमती उर्मिला देवी ट्रस्ट के सहयोग से एक विशाल लाइब्रेरी बनाई जायेगी तथा वर्षभर में कम से कम 6 बड़ी गोष्ठियां आयोजित की जायेंगी जिससे आने वाली पीढ़ी को भी लाभ मिलेगा ।

       अंकुर सांस्कृतिक अकादमी द्वारा आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री हरिमोहन शर्मा ने की । विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर, संतश्री कृपाल सिंह जी महाराज, ग्वालियर विकास प्राधिरण के अध्यक्ष श्री जगदीश शर्मा, मप्र बीज निगम के अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह यादव, श्री बैजनाथ शर्मा, लब्ध प्रतिष्ठित शायर काजी तनवरी, डा शिवबरूआ, डा श्रृध्दा सक्सेना तथा डा शत्रुघ्न दुबे, उपस्थित थे ।

       महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने डा. उपेन्द्र विश्वास को बधाई देते हुये कहा कि आज उन्होंने ग्वालियर की माटी का कर्ज अदा कर दिया है । साथ ही उन्होंने साहित्यकार होने का फर्ज भी अदा किया है । उनके द्वारा लिखित ग्रन्थ से साहित्य की परिपूर्ण जानकारी आने वाली पीढ़ी को मिलेगी। श्री शेजवलकर ने आशा जताई कि डा. विश्वास एक महान साहित्यकार के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल होंगें । अध्यक्ष की आसंदी के बोलते हुये श्री हरिमोहन शर्मा ने डॉ. विश्वास के प्रयास की मुक्त कण्ठ से प्रंशसा की तथा आयोजक संस्था को भी साधुवाद दिया ।

       राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित प्रख्यात शायर काजी तनवीर एवं दैनिक स्वदेश सतना के संपादक डा शिवबरूआ ने डा. उपेन्द्र विश्वास की पुस्तक के विभिन्न पहलुओं की सराहना करते हुये कहा कि ग्रन्थ में 14 वीं सदी से अभी तक का शोध कार्य समाहित है ।  14 वीं सदी के महाकवि विष्णुदास ने ग्वालियर भाखा (भाषा) में पहली रामायण दोहा, सोरठा तथा चौपाई में लिखी थी जिसके 140 वर्ष उपरांत तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की । कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार डा. सुरेश सम्राट एवं युवा चित्रकार श्री अनूप शिवहरे को भी सम्मानित किया गया ।

       कार्यक्रम में संत कृपाल सिंह जी महाराज, जनसंपर्क विभाग के संयुक्त संचालक श्री सुभाष चंद्र अरोड़ा तथा डॉ. श्रध्दा सक्सैना ने डा. उपेन्द्र विश्वास द्वारा लिखित ग्रंथ की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. डी एस चंदेल रजिस्ट्रार जीवाजी विश्वविद्यालय के पर्चे का वाचन उनकी अनुपस्थिति में सहायक रजिस्ट्रार जीवाजी विश्वविद्यालय डा. मंसूरी ने किया ।

 

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